Last updated on : 12 Jul, 2025
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गोखरू (Gokhru) एक महत्वपूर्ण आयुर्वेदिक औषधि है, जो हजारों वर्षों से विभिन्न बीमारियों के उपचार में उपयोग की जाती रही है। इसका वैज्ञानिक नाम Tribulus Terrestris है। यह छोटे कांटेदार फलों और पीले फूलों वाले पौधे से प्राप्त होती है। गोखरू का उपयोग विशेष रूप से शरीर की कमजोरी को दूर करने, पुरुषों की शक्ति बढ़ाने और किडनी संबंधी समस्याओं के उपचार में किया जाता है। इस लेख में आपके लिए गोखरू की संपूर्ण जानकारी दी गई है। गोखरू के फायदे पढ़ने के लिए इस लेख को अंत तक जरूर पढ़ें।
गोखरू एक औषधीय पौधा है, जो आयुर्वेद और हर्बल चिकित्सा में महत्वपूर्ण स्थान रखता है। यह एक कांटेदार पौधा होता है, जो आमतौर पर सूखे और रेतीले इलाकों में पाया जाता है। इसके फल छोटे, कांटेदार और कठोर होते हैं, जो कई स्वास्थ्य लाभों के लिए उपयोग किए जाते हैं। इसे प्राकृतिक टेस्टोस्टेरोन बूस्टर भी माना जाता है, जो ऊर्जा और सहनशक्ति को बढ़ाने में मदद करता है। यह जड़ी-बूटी विशेष रूप से गुर्दे, मूत्र संबंधी समस्याओं, हृदय रोगों और पुरुषों की शक्ति बढ़ाने में उपयोगी मानी जाती है।
गोखरू एक ऐसी औषधीय जड़ी-बूटी है, जिसका उपयोग आयुर्वेद और यूनानी चिकित्सा में वर्षों से किया जाता आ रहा है। इसलिए गोखरू के फायदे जानकर आप इसका उपयोग अपने जीवन में भी कर सकेंगे, जो इस प्रकार हैं –
गोखरू का काढ़ा सिरदर्द प्रबंधन में सहायक हो सकता है। इसमें सैपोनिन्स और फ्लेवोनोइड्स जैसे सक्रिय घटक शामिल हैं जो सूजन प्रबंधन और आराम प्रदान करने वाले गुणों के लिए जाने जाते हैं। गोखरू काढ़ा पीने से रक्त परिसंचरण बेहतर हो सकता है, जिससे ऑक्सीजन आपूर्ति में सहायता मिलती है। इसे शहद या अदरक के साथ लेना सामान्य स्वास्थ्य प्रबंधन में उपयोग किया जा सकता है।
गोखरू चूर्ण का पारंपरिक रूप से श्वसन स्वास्थ्य के समर्थन में उपयोग किया जाता है। इसमें सैपोनिन्स और फाइटोस्टेरॉल जैसे सक्रिय घटक होते हैं, जो श्वसन मार्ग की सामान्य कार्यप्रणाली बनाए रखने में सहायक हो सकते हैं। इसके गुण सांस प्रणाली के सामान्य कार्य को बनाए रखने में योगदान कर सकते हैं।
गोखरू का काढ़ा पाचन तंत्र को मजबूत बनाने में मदद करता है। इसमें मौजूद प्राकृतिक एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण पेट की गैस, अपच और एसिडिटी को कम करते हैं। इसे बनाने के लिए एक गिलास पानी में एक चम्मच गोखरू उबालें और छानकर पी लें। रोजाना इसका सेवन करने से पेट साफ रहता है और भोजन आसानी से पचता है। यह काढ़ा शरीर को डिटॉक्स करने में भी सहायक है। स्वास्थ्य लाभ के लिए इसे गर्म ही पिएं।
गोखरू में फाइटोकॉम्पाउंड्स जैसे सैपोनिन्स और टैनिन्स शामिल होते हैं, जो सामान्य आंत्र स्वास्थ्य का समर्थन कर सकते हैं। दस्त के सामान्य प्रबंधन में गुनगुने पानी के साथ गोखरू का काढ़ा या पाउडर सेवन किया जा सकता है।
गोखरू एक आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी है जो मूत्रकृच्छ्र (पेशाब में जलन, रुकावट या संक्रमण) जैसी समस्याओं में फायदेमंद मानी जाती है। इसके मूत्रवर्धक गुण शरीर से विषैले पदार्थ बाहर निकालने में मदद करते हैं और किडनी को स्वस्थ रखते हैं। गोखरू का काढ़ा या पाउडर लेने से पेशाब खुलकर आता है और जलन में राहत मिलती है। गोखरू का सेवन मूत्र पथ की स्वच्छता बनाए रखने में सहायक हो सकता है।
गोखरू का सेवन, पथरी (अश्मरी) की समस्या में बेहद लाभदायक माना जाता है। इसमें प्राकृतिक मूत्रवर्धक (डाययूरेटिक) गुण होते हैं, जो शरीर से अतिरिक्त कैल्शियम और मिनरल्स को बाहर निकालने में मदद करते हैं। रोज़ाना गोखरू का काढ़ा पीने या इसका चूर्ण गर्म पानी के साथ लेने से गुर्दे और मूत्राशय की सफाई होती है, जिससे पथरी बनने की संभावना भी कम होती है।
गोखरू के सैपोनिन्स और फाइटोस्टेरॉल गर्भाशय स्वास्थ्य के सामान्य प्रबंधन में सहायक हो सकते हैं। पारंपरिक रूप से इसे मासिक चक्र के दौरान सामान्य ऐंठन प्रबंधन के लिए लिया जाता है।
गोखरू में उपस्थित फाइटोकॉम्पाउंड्स सामान्य जोड़ों के स्वास्थ्य और आराम का समर्थन कर सकते हैं। पारंपरिक रूप से इसे सामान्य सूजन प्रबंधन के लिए उपयोग किया जाता है।
गोखरू एक औषधीय जड़ी-बूटी है जो चर्मरोग (त्वचा रोग) में बहुत फायदेमंद मानी जाती है। इसके एंटीबैक्टीरियल और एंटीफंगल गुण त्वचा पर होने वाले संक्रमण, खुजली, दाद और एक्जिमा जैसी समस्याओं को कम करने में सहायक होते हैं। गोखरू का सेवन शरीर से विषैले तत्वों को बाहर निकालकर रक्त को शुद्ध करता है, जिससे त्वचा रोगों में सुधार होता है। इसे काढ़े, चूर्ण या लेप के रूप में उपयोग किया जा सकता है।
गोखरू में उपस्थित सैपोनिन्स सामान्य हार्मोनल स्वास्थ्य और शुक्राणु स्वास्थ्य के समर्थन में सहायक हो सकते हैं। इसे पारंपरिक रूप से सामान्य प्रजनन स्वास्थ्य बनाए रखने के लिए लिया जाता है।
गोखरू एक आयुर्वेदिक औषधि है, जो ज्वर (बुखार) में लाभकारी मानी जाती है। इसमें मौजूद एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-पायरेटिक गुण शरीर के तापमान को नियंत्रित करने में मदद करते हैं। गोखरू का काढ़ा या चूर्ण सेवन करने से बुखार में कमजोरी कम होती है और इम्युनिटी बढ़ती है। यह पेशाब के जरिए शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में सहायक होता है, जिससे संक्रमण कम होता है।
गोखरू के फाइटोकॉम्पाउंड्स सामान्य रक्त परिसंचरण और शीतलता बनाए रखने में सहायक हो सकते हैं। इसे पारंपरिक रूप से सामान्य रक्त स्वास्थ्य के समर्थन के लिए लिया जाता है।
गोखरू एक आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी है, जिसका उपयोग विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं के समाधान के लिए किया जाता है। इसे पाउडर, काढ़ा या कैप्सूल के रूप में लिया जा सकता है। आमतौर पर, 1-2 चम्मच गोखरू पाउडर को गुनगुने पानी या शहद के साथ सुबह-शाम लेने की सलाह दी जाती है। यह मूत्र संबंधी समस्याओं, गठिया और शरीर की कमजोरी को दूर करने में मदद करता है।
गोखरू एक अद्भुत आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी है, जो विभिन्न स्वास्थ्य लाभ प्रदान करती है। यह किडनी, हृदय, यौन स्वास्थ्य और संपूर्ण शरीर के लिए अत्यंत लाभकारी है। यदि सही मात्रा और सही तरीके से इसका सेवन किया जाए, तो यह शरीर को स्वस्थ और ऊर्जावान बनाए रखने में मदद कर सकता है। आशा है कि इस लेख में आपको गोखरू (Gokhru in Hindi) की संपूर्ण जानकारी मिल गई होगी, इसी प्रकार के अन्य लेख पढ़ने के लिए हमारी वेबसाइट के साथ बने रहे।
गोखरू एक आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी है, जिसका सेवन सामान्य स्वास्थ्य बनाए रखने में सहायक हो सकता है। इसमें सक्रिय घटक जैसे सैपोनिन्स और फ्लेवोनोइड्स होते हैं, जो किडनी स्वास्थ्य का समर्थन करने और मूत्र स्वास्थ्य प्रबंधन में सहायक हो सकते हैं। पुरुषों में हार्मोनल संतुलन और महिलाओं के सामान्य हार्मोन स्वास्थ्य के समर्थन में सहायक माना जाता है। पारंपरिक रूप से इसे संयुक्त स्वास्थ्य और सामान्य आराम के लिए उपयोग किया जाता है।
इसमें उपस्थित सक्रिय यौगिक जैसे सैपोनिन्स सामान्य हार्मोनल स्वास्थ्य के समर्थन, मांसपेशियों की सामान्य कार्यप्रणाली और ऊर्जा स्तर के प्रबंधन में सहायक हो सकते हैं। पारंपरिक रूप से इसे यौन स्वास्थ्य, सामान्य प्रजनन स्वास्थ्य और मूत्र प्रणाली के सामान्य कार्य के लिए उपयोग किया जाता है। यह शरीर में रक्त परिसंचरण के सामान्य संतुलन में भी सहायक माना जाता है।
गोखरू का असर व्यक्ति की सेहत और समस्या पर निर्भर करता है। आमतौर पर, मूत्र विकार, सूजन और जोड़ों के दर्द में इसका असर 7-15 दिनों में दिखने लगता है, जबकि शारीरिक ताकत बढ़ाने में 3-4 हफ्ते लग सकते हैं।
गोखरू का पानी पीने के लिए एक गिलास पानी में रातभर भिगोया हुआ गोखरू छानकर सुबह खाली पेट पिएं। यह किडनी, यूरिन इंफेक्शन और जोड़ों के दर्द में फायदेमंद होता है। अधिक लाभ के लिए इसे रोजाना सीमित मात्रा में लें और अधिक सेवन से बचें।
गोखरू एक आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी है, जो मूत्र संक्रमण, किडनी स्टोन, जोड़ों के दर्द और पुरुषों की प्रजनन क्षमता बढ़ाने के सामान्य प्रबंधन में उपयोग किया जाता है। यह शरीर में सूजन कम करने और हृदय स्वास्थ्य को सुधारने में भी मदद करती है।
गोखरू का सेवन आमतौर पर 250-500 मिलीग्राम पाउडर या 1-2 ग्राम काढ़े के रूप में दिन में एक से दो बार किया जा सकता है।
गोखरू की तासीर गर्म और शीतल के बीच संतुलित मानी जाती है। आयुर्वेद में इसे मूत्र संबंधी समस्याओं, जोड़ों के दर्द और शक्ति बढ़ाने के लिए उपयोगी माना गया है।
संदर्भ सूची
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