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पेशाब में जलन के कारण, घरेलू उपाय और बचाव के तरीके (Dysuria: Causes, Symptoms and Prevention in Hindi)

Last updated on : 19 Nov, 2025

Read time : 14 min

पेशाब में जलन (Dysuria) एक आम और असुविधाजनक लक्षण है, न कि कोई बीमारी। यह आपके स्वास्थ्य के लिए चिंता का विषय हो सकता है, विशेषकर यदि यह बार-बार हो या अन्य गंभीर लक्षणों के साथ दिखाई दे [1]। इसे चिकित्सा की भाषा में डिस्यूरिया (Dysuria) कहा जाता है। यह समस्या पुरुषों और महिलाओं दोनों में हो सकती है, लेकिन महिलाओं में शरीर-रचना (anatomy) के कारण इसके मामले अधिक देखे जाते हैं [1], [2]। पेशाब में जलन कई कारणों से हो सकती है जैसे संक्रमण, खराब जीवनशैली या डिहाइड्रेशन।

इस ब्लॉग में, एक विशेषज्ञ मूत्र रोग विशेषज्ञ (Urologist) के दृष्टिकोण से, हम विस्तार से जानेंगे कि पेशाब में जलन क्यों होती है, इसके प्रमुख कारण, लक्षण, निदान और इलाज क्या हैं। साथ ही, कुछ ऐसे सहायक घरेलू उपाय और बचाव के तरीके साझा करेंगे जो आपको इस समस्या से राहत दिलाने में मदद कर सकते हैं।

पेशाब में जलन के कारण (Causes of Dysuria)

पेशाब में जलन के पीछे कई कारण हो सकते हैं। इनमें से कुछ सामान्य और गंभीर कारण नीचे दिए गए हैं:

  • यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन (UTI)

    • यह पेशाब में जलन का सबसे आम कारण है [1], [3]। बैक्टीरिया, जैसे कि Escherichia coli (ई. कोलाई) के कारण संक्रमण होता है, जिससे जलन और दर्द होता है।
    • महिलाओं में मूत्रमार्ग (urethra) का छोटा होना और गुदा (Anus) के करीब होना यूटीआई के मामलों को बढ़ा देता है [1]
  • डिहाइड्रेशन

    • शरीर में पानी की कमी होने पर यूरिन अधिक सांद्रित (concentrated) हो जाता है, जिससे पेशाब करते समय जलन महसूस हो सकती है। पर्याप्त पानी न पीने से संक्रमण का खतरा भी बढ़ता है [1], [4]
  • एसिडिक फूड का सेवन

    • मसालेदार, खट्टे, या अत्यधिक तेलयुक्त भोजन मूत्र के pH को अस्थायी रूप से प्रभावित कर सकते हैं, जिससे कुछ व्यक्तियों में जलन महसूस हो सकती है [4]
  • यौन संचारित संक्रमण (STIs)

    • क्लैमाइडिया, गोनोरिया और ट्रिकोमोनास जैसे संक्रमण मूत्रमार्ग में सूजन पैदा करके पेशाब में जलन का कारण बन सकते हैं [1], [3]
  • किडनी या मूत्राशय की पथरी (Kidney/Bladder Stones)

    • गुर्दे की पथरी के कारण मूत्र पथ में रुकावट या क्षति होती है, जिससे दर्द और जलन हो सकती है [1]
  • अनियंत्रित डायबिटीज

    • अनियंत्रित डायबिटीज वाले लोगों में इम्यूनिटी कम होने के कारण यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन (UTI) का खतरा अधिक होता है [2]। मूत्र में ग्लूकोज (शर्करा) की अधिक मात्रा भी बैक्टीरिया के पनपने में मदद करती है।
  • मूत्राशय की सूजन (Cystitis) या इंटरस्टीशियल सिस्टाइटिस

    • मूत्राशय की दीवार में सूजन होने पर पेशाब में जलन और दर्द हो सकता है। यह संक्रमण या अन्य अज्ञात कारणों से हो सकता है।
  • हॉर्मोनल असंतुलन

    • खासकर रजोनिवृत्ति (Menopause) के बाद महिलाओं में एस्ट्रोजन के स्तर में कमी के कारण मूत्रमार्ग के ऊतक पतले (Atrophy) हो जाते हैं, जिससे जलन हो सकती है [2]

पेशाब में जलन के लक्षण (Symptoms of Dysuria)

पेशाब में जलन के साथ कई अन्य लक्षण भी हो सकते हैं जो चिकित्सीय मूल्यांकन की आवश्यकता को दर्शाते हैं। इनमें शामिल हैं:

  • पेशाब करते समय तेज दर्द या जलन महसूस होना [1]
  • बार-बार पेशाब की इच्छा होना (पेशाब की अर्जेंसी) लेकिन मात्रा में कमी।
  • पेशाब का रंग गहरा, बादल जैसा होना या उसमें खून का आना (हेमट्यूरिया)।
  • पेशाब में तेज बदबू आना।
  • पेट के निचले हिस्से में दर्द या पीठ के निचले हिस्से (Flank) में दर्द (जो किडनी संक्रमण का संकेत हो सकता है) [1]
  • बुखार, ठंड लगना या अत्यधिक थकान महसूस करना।
  • पेट के ऊपर दबाब महसूस होना।

यदि उपरोक्त लक्षण गंभीर रूप से दिखें, विशेष रूप से यदि बुखार, कंपकंपी, या पीठ के निचले हिस्से में दर्द हो, तो डॉक्टर से तुरंत संपर्क करना आवश्यक है [4]

पेशाब में जलन का निदान और उपचार (Diagnosis and Treatment of Dysuria)

निदान (Diagnosis)

पेशाब में जलन के सही कारणों का पता लगाने के लिए डॉक्टर कुछ टेस्ट करते हैं। ये टेस्ट समस्या को पहचानने और सही इलाज शुरू करने में मदद करते हैं:

  • यूरिन एनालिसिस (Urine Analysis): पेशाब की जांच से संक्रमण के लक्षण (जैसे सफेद रक्त कोशिकाएं-WBC), खून, या अन्य असामान्यताओं का पता चलता है [3]
  • यूरिन कल्चर और सेंसिटिविटी टेस्ट (Culture Test): बैक्टीरिया या फंगस के संक्रमण का पता लगाने के लिए यूरिन का कल्चर टेस्ट किया जाता है, और यह निर्धारित किया जाता है कि कौन सी एंटीबायोटिक सबसे प्रभावी होगी (Sensitivity) [3]
  • ब्लड टेस्ट: यह किडनी से जुड़ी समस्याओं या शरीर में व्यापक संक्रमण (Sepsis) की पुष्टि करने में मदद करता है।
  • इमेजिंग टेस्ट (जैसे अल्ट्रासाउंड): मूत्र मार्ग में पथरी, सूजन या अन्य रुकावट की जांच के लिए किया जाता।
  • सिस्टोस्कोपी: यह टेस्ट विशेषज्ञों द्वारा मूत्राशय और मूत्रमार्ग की अंदरूनी संरचना का निरीक्षण करने के लिए किया जाता है, आमतौर पर जब संक्रमण बार-बार होता है या अन्य गंभीर कारण का संदेह होता है।

इलाज (Treatment)

पेशाब में जलन का इलाज पूरी तरह से उसके अंतर्निहित कारण पर निर्भर करता है [1]

  • एंटीबायोटिक्स या एंटी-फंगल मेडिसिन्स: बैक्टीरियल या फंगल संक्रमण के लिए डॉक्टर के प्रिस्क्रिप्शन पर दवाएं दी जाती हैं। सही दवा का चुनाव कल्चर रिपोर्ट पर निर्भर करता है [4]
  • पेन किलर्स: मूत्र पथ के दर्द निवारक (Urinary Analgesics) और सामान्य दर्द निवारक दवाएं दर्द और जलन को कम करने के लिए दी जा सकती हैं [4]
  • पर्याप्त तरल पदार्थों का सेवन: चिकित्सीय सलाह के अनुसार पर्याप्त मात्रा में पानी पीना शरीर को हाइड्रेट रखता है और संक्रमण को खत्म करने में मदद करता [4]
  • सर्जरी: पथरी या मूत्र पथ में रुकावट की स्थिति में मूत्र रोग विशेषज्ञ (Urologist) द्वारा सर्जरी की आवश्यकता हो सकती है।

पेशाब में जलन के सहायक घरेलू उपाय (Supportive Home Remedies for Dysuria)

पेशाब में जलन जैसी समस्या को चिकित्सीय उपचार के साथ-साथ घरेलू उपायों की मदद से राहत किया जा सकता है। ये उपाय न केवल सरल और प्राकृतिक हैं बल्कि मुख्य रूप से डिहाइड्रेशन को रोकने और मूत्र को पतला करने में मदद करते हैं।

  • 1. पर्याप्त पानी का सेवन (Foundation of Treatment)
    • सबसे महत्वपूर्ण उपाय: पर्याप्त मात्रा में पानी पीना पेशाब में जलन को रोकने और कम करने का सबसे सरल उपाय है। पानी शरीर से विषाक्त पदार्थों और बैक्टीरिया को बाहर निकालने (Flushing Out) में मदद करता है। दिन में कम से कम 8-10 गिलास (या 2-3 लीटर) पानी पीने की आदत डालें, जब तक कि डॉक्टर ने किसी स्वास्थ्य कारण से तरल पदार्थ सीमित न किए हों [4]
  • 2. नारियल पानी (Cocos nucifera)
    • नारियल पानी प्राकृतिक इलेक्ट्रोलाइट्स से भरपूर होता है। यह शरीर को हाइड्रेटेड रखने, मूत्र की सांद्रता को कम करने और समग्र मूत्र पथ के स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद कर सकता है। दिन में एक से दो बार ताजा नारियल पानी पीना सहायक हो सकता [5]
  • 3. हल्दी का उपयोग (Turmeric – Limited Evidence)
    • हल्दी (करक्यूमिन) में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो सैद्धांतिक रूप से सूजन को कम करने में मदद कर सकते हैं [6]। गुनगुने पानी में एक चुटकी हल्दी मिलाकर पीने का पारंपरिक रूप से दावा किया जाता है, लेकिन इसे चिकित्सा उपचार का विकल्प नहीं मानना चाहिए।
  • 4. सेब का सिरका (Apple Cider Vinegar – ACV)
    • ACV में एसिटिक एसिड होता है, जिसे कुछ पारंपरिक दावों में UTI को नियंत्रित करने में सहायक माना जाता है [7]। हालांकि, मूत्र पथ के संक्रमण के इलाज में इसकी प्रभावकारिता को प्रमाणित करने के लिए पर्याप्त वैज्ञानिक साक्ष्य नहीं हैं [8]। इसे हमेशा पानी में पतला करके ही सेवन करें ताकि दांतों के इनेमल को नुकसान न पहुंचे।
  • 5. तुलसी के पत्ते (Ocimum sanctum – Traditional Use)
    • तुलसी में एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं [9]। पारंपरिक रूप से, इसका उपयोग संक्रमण के लिए किया जाता रहा है। आयुर्वेदिक चिकित्सक की सलाह पर तुलसी के पत्तों का रस या अर्क राहत प्रदान करने में सहायक हो सकता है [5]
  • 6. क्रैनबेरी जूस (Cranberry Juice – For Prevention)
    • ठोस वैज्ञानिक साक्ष्य बताते हैं कि क्रैनबेरी जूस में मौजूद प्रोएन्थोसायनिडिन (Proanthocyanidins) नामक यौगिक बैक्टीरिया को मूत्राशय की दीवार से चिपकने से रोक सकते हैं [10]। यह बार-बार होने वाले यूटीआई से बचाव में सहायक हो सकता है। यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि क्रैनबेरी जूस वर्तमान संक्रमण का इलाज नहीं करता है।

पेशाब में जलन से बचाव के तरीके (Prevention of Dysuria)

पेशाब में जलन से बचाव के लिए इन जीवनशैली और स्वच्छता उपायों को अपनाएं:

  • हर दिन पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं (अपने डॉक्टर की सलाह के अनुसार)।
  • यौन संबंधों के बाद जितनी जल्दी हो सके पेशाब करें और व्यक्तिगत स्वच्छता का ध्यान रखें [2], [4]
  • मूत्रमार्ग के आसपास सुगंधित साबुन, टैल्कम पाउडर या स्प्रे का उपयोग करने से बचें, क्योंकि ये जलन पैदा कर सकते हैं [4]
  • मसालेदार, कैफीनयुक्त और अत्यधिक एसिडिक भोजन और पेय पदार्थों का सेवन कम करें यदि वे आपके लक्षणों को बढ़ाते हैं।
  • पेशाब की इच्छा होने पर ज्यादा देर तक मूत्राशय को खाली करने से न रोकें।
  • डायबिटीज को नियंत्रित रखें (HbA1c लक्ष्य 7% से नीचे रखना संक्रमण के जोखिम को कम कर सकता है)।
  • शौचालय का उपयोग करने के बाद, हमेशा आगे से पीछे की ओर (Front to Back) पोंछें ताकि बैक्टीरिया मूत्रमार्ग में न आएं [4]

डॉक्टर को कब दिखाएं (When to Consult a Urologist)

यदि शरीर में निम्नलिखित में से कोई भी लक्षण दिखें तो तुरंत मूत्र रोग विशेषज्ञ (Urologist) से संपर्क करना जरूरी है [4]:

  • पेशाब में खून आना (स्पष्ट हेमट्यूरिया)।
  • तेज बुखार (101°F या 38.3°C से ऊपर) या कंपकंपी/ठंड लगना [1]
  • पेशाब करते समय असहनीय दर्द या पेट के निचले या पीठ के निचले हिस्से में तीव्र दर्द।
  • बार-बार संक्रमण होना (एक वर्ष में तीन से अधिक)।
  • पेट में लगातार मतली (Nausea) और उल्टी होना।

पेशाब में जलन एक असहज स्थिति है लेकिन सही निदान और उपचार से इसे ठीक किया जा सकता है। यह समस्या मामूली कारणों से भी हो सकती है, लेकिन विशेषकर मधुमेह (Diabetes) वाले व्यक्तियों या लंबे समय तक बने रहने पर इसे नजरअंदाज करना सही नहीं है। यदि समस्या लंबे समय तक बनी रहती है या बार-बार होती है, तो अंतर्निहित कारण का पता लगाने के लिए डॉक्टर से परामर्श अवश्य लें।

विशेषज्ञ सलाह

“डिस्यूरिया (मूत्रत्याग में जलन) एक सामान्य लक्षण है, जिसके पीछे संक्रमण, पथरी या तंत्रिका संबंधी कारण हो सकते हैं। यद्यपि घरेलू उपचार जैसे कि अधिक पानी पीना और क्रैनबेरी का सेवन सहायक हो सकता है, लेकिन यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि किसी भी प्रकार का संक्रमण स्वयं ठीक नहीं होता है, और डॉक्टर की सलाह के बिना एंटीबायोटिक दवाओं को अधूरा छोड़ना एंटीबायोटिक प्रतिरोध को जन्म दे सकता है। मधुमेह (Diabetes) से पीड़ित रोगियों को तुरंत डॉक्टर से मिलना चाहिए क्योंकि उनमें यूटीआई तेजी से किडनी तक फैल सकता है। चिकित्सा उपचार हमेशा प्राथमिकता होनी चाहिए।”

– Dr. Kavya Rejikumar

Frequently Asked Questions (FAQs)

1. पेशाब में जलन को तुरंत कैसे ठीक करें?

पेशाब में जलन की स्थिति में तुरंत राहत के लिए अधिक से अधिक पानी पीना सहायक हो सकता है, जो मूत्र को पतला करता है और जलन को कम करने में मदद कर सकता है [1], [4]। हालांकि, यदि जलन लगातार या गंभीर हो, तो चिकित्सक से परामर्श करना जरूरी है, क्योंकि यह संक्रमण का संकेत हो सकता है, जिसके लिए तुरंत दवा की आवश्यकता होती है।

2. पेशाब में जलन होती है तो कौन सी दवा लेनी चाहिए?

कभी भी स्वयं दवाएं शुरू न करें। अगर पेशाब में जलन संक्रमण के कारण है, तो चिकित्सक से परामर्श करना ज़रूरी है। चिकित्सक आपकी स्थिति के आधार पर यूरिन कल्चर की रिपोर्ट के आधार पर सही एंटीबायोटिक्स, एंटी-फंगल या मूत्र पथ के एनाल्जेसिक दवाएं लिख सकते हैं [4]। स्वयं दवाएं शुरू करने या रोकने से बचें।

3. बार-बार पेशाब आना और जलन होना क्या कारण है?

बार-बार पेशाब आना और जलन होने के पीछे कई कारण हो सकते हैं, जैसे यूटीआई (Urinary Tract Infection), अनियंत्रित डायबिटीज (Polyuria), मूत्राशय की अतिसक्रियता (Overactive Bladder), या इंटरस्टीशियल सिस्टाइटिस [1], [2]। यदि यह समस्या लगातार बनी रहती है, तो चिकित्सक से परामर्श करना आवश्यक है, क्योंकि यह अन्य गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का संकेत भी हो सकता है।

4. पेशाब की जलन में क्या खाना चाहिए?

पेशाब की जलन में कम एसिडिक खाद्य पदार्थ जैसे नारियल पानी, पपीता, दही (प्रोबायोटिक्स के लिए), और हल्का, गैर-मसालेदार भोजन पाचन तंत्र को आराम देने और शरीर को हाइड्रेटेड रखने में मदद कर सकते हैं। ऐसे खाद्य पदार्थों से बचें जो आपके लक्षणों को बढ़ाते हैं [4]

5. क्या चिंता पेशाब में जलन पैदा कर सकती है?

हां, मानसिक तनाव और चिंता सीधे पेशाब में जलन पैदा नहीं करते, लेकिन वे मूत्राशय की संवेदनशीलता को बढ़ा सकते हैं और मूत्राशय की मांसपेशियों में ऐंठन पैदा कर सकते हैं, जिससे जलन और बार-बार पेशाब आने जैसे लक्षण बढ़ सकते हैं [1]

6. पेशाब की नली में जलन क्यों होती है?

पेशाब की नली (मूत्रमार्ग) में जलन संक्रमण (यूटीआई), यौन संचारित संक्रमण (STI), पथरी, या मूत्रमार्ग के अस्तर में जलन जैसी समस्याओं के कारण हो सकती है [1]। यदि यह जलन लगातार हो या गंभीर हो, तो चिकित्सक से परामर्श करना ज़रूरी है।

7. पेशाब के रास्ते में इन्फेक्शन क्यों होता है?

पेशाब के रास्ते में इन्फेक्शन (यूटीआई) का मुख्य कारण बैक्टीरिया (आमतौर पर ई. कोलाई) का मूत्रमार्ग के माध्यम से मूत्राशय तक पहुंचना है [1]। अधूरा मूत्राशय खाली करना, स्वच्छता की कमी, पर्याप्त पानी न पीना, या यौन गतिविधि यूटीआई के जोखिम को बढ़ा सकती है [4]

8. क्या एसिडिटी से पेशाब में जलन हो सकती है?

नहीं, एसिडिटी (पेट का एसिड) सीधे तौर पर पेशाब में जलन पैदा नहीं करती है। हालांकि, अत्यधिक अम्लीय खाद्य पदार्थ खाने से मूत्र का pH स्तर बदल सकता है, जिससे संवेदनशील मूत्राशय वाले कुछ व्यक्तियों को जलन महसूस हो सकती है [4]

References

[1] Roberts, E. A., & Schmid, K. E. (2019). Dysuria. In Urology Secrets (4th ed.). StatPearls Publishing. National Center for Biotechnology Information (NCBI) Bookshelf. https://www.ncbi.nlm.nih.gov/books/NBK549918/

[2] Hooton, T. M., & Gupta, K. (2020). Urinary tract infection in adults. New England Journal of Medicine, 383(16), 1599-1608. doi:10.1056/NEJMra2008399 https://www.nejm.org/doi/full/10.1056/NEJMra2008399

[3] Foxman, B. (2014). Urinary tract infection syndromes: Clinical, microbiological, and epidemiological changes. Clinical Microbiology Reviews, 27(4), 748-779. doi:10.1128/CMR.00030-14 https://journals.asm.org/doi/full/10.1128/CMR.00030-14

[4] Mayo Clinic. (2023, September 21). Urinary tract infection (UTI) – Diagnosis and treatment. https://www.mayoclinic.org/diseases-conditions/urinary-tract-infection/diagnosis-treatment/drc-20353453

[5] Karma Ayurveda. (n.d.). पेशाब करते समय दर्द का घरेलू आयुर्वेदिक इलाज | तुरंत राहत के देसी नुस्खे [Home Ayurvedic Treatment for Pain During Urination | Quick Relief Home Remedies]. https://www.karmaayurveda.com/blog/%E0%A4%AA%E0%A5%87%E0%A4%B6%E0%A4%BE%E0%A4%AC-%E0%A4%95%E0%A4%B0%E0%A4%A4%E0%A5%87-%E0%A4%B8%E0%A4%AE%E0%A4%AF-%E0%A4%A6%E0%A4%B0%E0%A5%8D%E0%A4%A6-%E0%A4%95%E0%A4%BE-%E0%A4%98%E0%A4%B0%E0%A5%87%E0%A4%B2%E0%A5%82-%E0%A4%89%E0%A4%AA%E0%A4%BE%E0%A4%AF

[6] Tayyem, S. (2021). The effects of curcumin on inflammatory markers: A systematic review and meta-analysis of randomized controlled trials. Clinical Nutrition ESPEN, 43, 203-214. doi:10.1016/j.clnesp.2021.03.013 https://www.clinicalnutritionespen.com/article/S2405-4594(21)00078-X/fulltext

[7] Jansatta. (2024, June 16). ACV for UTI: Diuretic है सेब का सिरका, जानें यूटीआई में इसे कैसे और कब पिएं [ACV for UTI: Apple Cider Vinegar is a Diuretic, Know How and When to Drink it for UTI]. https://www.jansatta.com/health-news-hindi/how-to-have-apple-cider-vinegar-for-uti-in-hindi/3425122/

[8] Drugs.com. (2025, September 26). Dysuria Guide: Causes, Symptoms and Treatment Options. https://www.drugs.com/health-guide/dysuria.html

[9] Pattanaik, S., Asthana, A. S., & Pany, B. R. (2021). Ocimum sanctum (Tulsi): A comprehensive review on its medicinal properties. Journal of Applied Pharmaceutical Science, 11(2), 1-9. doi:10.7324/JAPS.2021.110201 http://www.japsonline.com/abstract.php?article_id=4578

[10] Jepson, R. G., Williams, G., & Craig, J. C. (2012). Cranberries for preventing urinary tract infections. Cochrane Database of Systematic Reviews, (10), CD001322. doi:10.1002/14651858.CD001322.pub5 https://www.cochranelibrary.com/cdsr/doi/10.1002/14651858.CD001322.pub5/full

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