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हाई ब्लड प्रेशर को कैसे करें कंट्रोल: जानें लक्षण, कारण और बचने के उपाय (High BP Symptoms in Hindi)

Last updated on : 12 Jul, 2025

Read time : 12 min

भागदौड़ भरी दिनचर्या और बढ़ते मानसिक दबाव के बीच हाई ब्लड प्रेशर यानी उच्च रक्तचाप एक आम स्वास्थ्य चुनौती बनता जा रहा है। अध्ययन में पुरुषों (24.1%) और महिलाओं (21.2%) दोनों में लगभग समान प्रवृत्ति देखी गयी, जिससे स्पष्ट होता है कि यह समस्या भारत में व्यापक रूप से फैली हुई है। चिंता की बात यह है कि यह समस्या अब सिर्फ बुज़ुर्गों तक सीमित नहीं रही—युवाओं में भी इसके मामले लगातार बढ़ रहे हैं।

अच्छी बात यह है कि यदि समय रहते लक्षणों को पहचाना जाए और जीवनशैली में कुछ जरूरी बदलाव किए जाएँ, तो ब्लड प्रेशर को काफी हद तक नियंत्रित रखा जा सकता है। इस लेख में हम समझेंगे कि हाई ब्लड प्रेशर के सामान्य संकेत क्या होते हैं, इसके पीछे के संभावित कारण कौन से हैं, और इससे बचाव के लिए किन उपायों को अपनाया जा सकता है।

हाई ब्लड प्रेशर क्या है? (What is High Blood Pressure)

हाई ब्लड प्रेशर, जिसे उच्च रक्तचाप या हाइपरटेंशन भी कहा जाता है, एक ऐसी स्थिति है जिसमें धमनियों में रक्त का दबाव सामान्य से अधिक हो जाता है। ब्लड प्रेशर को दो मुख्य मापदंडों के आधार पर मापा जाता है:

  • सिस्टोलिक प्रेशर: यह उस समय का दबाव होता है जब हृदय संकुचित होकर रक्त को शरीर में पंप करता है। सामान्य तौर पर इसका स्तर लगभग 120 mm Hg माना जाता है।
  • डायस्टोलिक प्रेशर: यह उस समय को दर्शाता है जब हृदय विश्राम की स्थिति में होता है। इसका सामान्य स्तर लगभग 80 mm Hg होता है।

यदि रक्तचाप 140/90 mm Hg या उससे अधिक रिकॉर्ड किया जाए, तो इसे उच्च रक्तचाप की श्रेणी में रखा जाता है। लंबे समय तक अनियंत्रित ब्लड प्रेशर हृदय और रक्तवाहिनियों पर अतिरिक्त दबाव डाल सकता है, जिससे अन्य स्वास्थ्य समस्याएं जैसे स्ट्रोक, दिल की बीमारी या किडनी से जुड़ी जटिलताएं उत्पन्न हो सकती हैं।

हाई ब्लड प्रेशर के मुख्य लक्षण (High BP Symptoms)

अधिकतर लोगों को पता भी नहीं चलता कि उन्हें हाई ब्लड प्रेशर है, क्योंकि इसके लक्षण धीरे-धीरे उभरते हैं। इसी वजह से इसे अक्सर “साइलेंट किलर” भी कहा जाता है। हालांकि कुछ संकेत ऐसे होते हैं जिन्हें नज़रअंदाज़ नहीं करना चाहिए, क्योंकि ये उच्च रक्तचाप की ओर इशारा कर सकते हैं:

  • सिर में दर्द: विशेष रूप से सुबह के समय सिर भारी या दर्दयुक्त महसूस हो सकता है।
  • चक्कर आना: अचानक संतुलन खोना या हल्का महसूस होना कभी-कभी संकेत हो सकता है।
  • थकान या ऊर्जा की कमी: साधारण काम करने के बाद भी थकान महसूस होना आम हो सकता है।
  • सीने में असहजता या दबाव: कभी-कभी दिल पर बोझ महसूस हो सकता है।
  • सांस लेने में कठिनाई: खासकर जब आप चलते हैं या शारीरिक प्रयास करते हैं।
  • दिल की धड़कनों में बदलाव: हार्टबीट का तेज़ या अनियमित होना।
  • दृष्टि संबंधी दिक्कतें: आंखों के सामने धुंधलापन या धब्बे दिखाई देना।

यदि इनमें से कोई भी लक्षण बार-बार सामने आ रहे हैं, तो डॉक्टर से संपर्क करना एक जरूरी कदम है। समय पर जांच और इलाज से इस स्थिति को नियंत्रण में लाया जा सकता है।

हाई ब्लड प्रेशर के कारण (High Blood Pressure Causes)

हाई ब्लड प्रेशर के पीछे कई कारण हो सकते हैं—कुछ ऐसे होते हैं जिन्हें जीवनशैली में बदलाव करके नियंत्रित किया जा सकता है, जबकि कुछ कारण अनुवांशिक या उम्र से संबंधित होते हैं। आइए जानते हैं इसके संभावित जोखिम कारक कौन-कौन से हो सकते हैं:

  • नमक का अधिक सेवन: जब आहार में सोडियम की मात्रा ज़्यादा होती है, तो यह रक्तचाप को बढ़ाने में योगदान दे सकता है।
  • गतिहीन जीवनशैली: नियमित शारीरिक गतिविधि की कमी हाई ब्लड प्रेशर के जोखिम को बढ़ा सकती है।
  • लंबे समय तक तनाव रहना: मानसिक दबाव और चिंता भी रक्तचाप को प्रभावित कर सकते हैं।
  • धूम्रपान और अत्यधिक शराब सेवन: ये दोनों आदतें रक्त धमनियों पर असर डालती हैं, जिससे ब्लड प्रेशर असंतुलित हो सकता है।
  • वजन का बढ़ना: अधिक वजन या मोटापा दिल पर अतिरिक्त दबाव डालता है, जिससे उच्च रक्तचाप का खतरा बढ़ जाता है।
  • परिवार में इतिहास: अगर आपके नज़दीकी रिश्तेदारों को हाई बीपी की समस्या रही है, तो आपको भी इसका खतरा हो सकता है।

इनमें से कई कारक ऐसे हैं जिन पर समय रहते ध्यान देकर स्थिति को बेहतर किया जा सकता है। सही जानकारी और नियमित जांच के ज़रिए हाई ब्लड प्रेशर को काफी हद तक कंट्रोल में रखा जा सकता है।

हाई ब्लड प्रेशर को कंट्रोल कैसे करें? (How to Control High BP)

हाई ब्लड प्रेशर को केवल दवाइयों से ही नहीं, बल्कि रोज़मर्रा की आदतों में सुधार लाकर भी बेहतर तरीके से नियंत्रित किया जा सकता है। जीवनशैली में कुछ साधारण बदलाव अपनाकर आप अपने बीपी लेवल को संतुलित बनाए रखने में मदद पा सकते हैं।

  • नियमित शारीरिक गतिविधि करें: हर दिन लगभग 30 मिनट टहलना, योग करना या हल्का व्यायाम करना रक्तचाप को नियंत्रित रखने में सहायक हो सकता है।
  • सोडियम का सीमित सेवन: भोजन में अतिरिक्त नमक डालने से बचें और पैक्ड या प्रोसेस्ड फूड्स से दूरी बनाएं, क्योंकि इनमें अक्सर अधिक मात्रा में सोडियम छिपा होता है।
  • तनाव प्रबंधन: योग, प्राणायाम और मेडिटेशन जैसे उपाय तनाव को कम करने में मदद करते हैं, जो ब्लड प्रेशर पर सकारात्मक असर डाल सकते हैं।
  • पोषणयुक्त और संतुलित भोजन लें: आहार में फल, सब्जियाँ, साबुत अनाज, फाइबर और प्रोटीन को शामिल करें। अत्यधिक तले-भुने या वसायुक्त खाद्य पदार्थों से परहेज़ करें।
  • नशे से दूरी: धूम्रपान और अत्यधिक शराब का सेवन छोड़ना हृदय स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होता है और रक्तचाप को स्थिर रखने में मदद करता है।
  • पर्याप्त और अच्छी नींद लें: हर दिन कम से कम 7 से 8 घंटे की गहरी नींद लेना जरूरी है, क्योंकि नींद की कमी भी ब्लड प्रेशर को प्रभावित कर सकती है।

इन सुझावों को अपनाकर आप न केवल ब्लड प्रेशर को संतुलित रख सकते हैं, बल्कि अपने संपूर्ण स्वास्थ्य में भी सकारात्मक बदलाव महसूस कर सकते हैं।

हाई बीपी का इलाज और प्रबंधन (High Blood Pressure Treatment)

उच्च रक्तचाप (हाई ब्लड प्रेशर) का प्रभावी प्रबंधन केवल दवाओं पर निर्भर नहीं करता — यह एक समग्र प्रक्रिया है जिसमें नियमित जांच, संतुलित जीवनशैली और मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान भी शामिल होता है।

  • दवाओं का अनुशासित उपयोग: डॉक्टर द्वारा बताए गए अनुसार दवाएं समय पर लेना, इलाज का एक आवश्यक हिस्सा है।
  • नियमित ब्लड प्रेशर मॉनिटरिंग: समय-समय पर बीपी मापते रहना ज़रूरी है, ताकि किसी भी बदलाव को तुरंत पहचाना जा सके।
  • स्वस्थ और संतुलित आहार: ऐसे भोजन को प्राथमिकता दें जो विटामिन, फाइबर और आवश्यक पोषक तत्वों से भरपूर हो।
  • तनाव प्रबंधन: मानसिक रूप से स्वस्थ रहने के लिए पॉज़िटिव सोच बनाए रखें और ज़रूरत पड़ने पर तनाव कम करने के उपाय जैसे मेडिटेशन या बातचीत अपनाएं।

इन आदतों को अपनाकर न केवल ब्लड प्रेशर को बेहतर ढंग से नियंत्रित किया जा सकता है, बल्कि समग्र स्वास्थ्य में भी सुधार संभव है।

हाई ब्लड प्रेशर के जोखिम (Risk of High BP)

यदि हाई ब्लड प्रेशर को लंबे समय तक नियंत्रित नहीं किया जाए, तो यह शरीर के कई महत्वपूर्ण अंगों को प्रभावित कर सकता है और गंभीर स्वास्थ्य जटिलताओं का कारण बन सकता है। नीचे कुछ संभावित जोखिमों का विवरण दिया गया है:

  • हृदय संबंधी समस्याएं: लगातार बढ़ा हुआ रक्तचाप दिल पर अतिरिक्त दबाव डालता है, जिससे हृदय की कार्यप्रणाली प्रभावित हो सकती है और हृदयाघात (हार्ट अटैक) या दिल की धड़कनों में अनियमितता का खतरा बढ़ जाता है।
  • स्ट्रोक का खतरा: जब ब्लड प्रेशर अधिक होता है, तो यह मस्तिष्क की रक्त नलिकाओं पर दबाव डाल सकता है, जिससे ब्रेन स्ट्रोक की संभावना बढ़ जाती है।
  • गुर्दों पर असर: उच्च रक्तचाप के कारण किडनी तक रक्त का प्रवाह प्रभावित हो सकता है, जिससे समय के साथ उनकी कार्यक्षमता कम हो सकती है और क्रॉनिक किडनी डिजीज (CKD) जैसी स्थितियाँ उत्पन्न हो सकती हैं।

समय रहते ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करना न केवल इन जोखिमों को कम करता है, बल्कि समग्र स्वास्थ्य को भी बेहतर बनाए रखने में सहायक होता है।

हाई बीपी से बचने के लिए सावधानियाँ (High BP Precautions)

हाई ब्लड प्रेशर से बचाव के लिए कुछ महत्वपूर्ण आदतें अपनाना आवश्यक है, जो आपके संपूर्ण स्वास्थ्य को बेहतर बनाए रखने में मदद कर सकती हैं। इनमें शामिल हैं:

  • तैलीय और वसायुक्त भोजन का सेवन सीमित करें: कम वसा वाले आहार से दिल पर दबाव कम होता है और रक्तचाप नियंत्रित रहता है।
  • फाइबर युक्त खाद्य पदार्थ अधिक लें: ताजे फल, हरी सब्जियाँ और साबुत अनाज को अपने भोजन में शामिल करना लाभदायक होता है।
  • धूम्रपान और शराब का सेवन न करें: ये आदतें रक्तचाप बढ़ाने वाली कारकों में शामिल हैं, इसलिए इन्हें छोड़ना स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होता है।
  • पर्याप्त जल सेवन करें: पानी पीने से शरीर के विषैले पदार्थ बाहर निकलते हैं और शरीर बेहतर ढंग से काम करता है।
  • तनाव कम करने के उपाय अपनाएं: अपने शौक पूरे करें, परिवार और मित्रों के साथ समय बिताएं और मन को शांत रखने के लिए ध्यान या योग जैसी तकनीकों को अपनाएं।

इन सावधानियों से न केवल हाई ब्लड प्रेशर का खतरा कम होता है, बल्कि समग्र जीवनशैली भी स्वस्थ रहती है।

हाई ब्लड प्रेशर के अनियंत्रित होने से कुछ गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं

यदि हाई ब्लड प्रेशर का उचित समय पर इलाज नहीं किया जाए, तो यह शरीर के कई महत्वपूर्ण अंगों को गंभीर नुकसान पहुंचा सकता है। इसके प्रमुख समस्याएं निम्नलिखित हैं:

  1. हृदय संबंधी समस्याएं: उच्च रक्तचाप से दिल पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है, जिससे दिल की धड़कन असामान्य हो सकती है और हृदय रोग का खतरा बढ़ जाता है।
  2. स्ट्रोक का खतरा: बढ़ा हुआ ब्लड प्रेशर मस्तिष्क की रक्त वाहिकाओं पर दबाव डालता है, जिससे स्ट्रोक की संभावना होती है। स्ट्रोक मस्तिष्क की कार्यप्रणाली को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकता है और जानलेवा भी साबित हो सकता है।
  3. किडनी की समस्या: हाई बीपी के कारण किडनी में रक्त का प्रवाह प्रभावित होता है, जिससे उनकी कार्यक्षमता कम हो सकती है और समय के साथ किडनी फेलियर का खतरा बढ़ जाता है।

समय पर इलाज और जीवनशैली में सुधार से इन जटिलताओं से बचा जा सकता है और स्वास्थ्य को बेहतर रखा जा सकता है।

निष्कर्ष (Conclusion)

हाई ब्लड प्रेशर को सही देखभाल और स्वस्थ आदतों के माध्यम से प्रभावी रूप से नियंत्रित किया जा सकता है। नियमित शारीरिक गतिविधि, पोषणयुक्त आहार और तनाव कम करने के उपाय इस स्थिति से बचाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इसे हल्के में न लें और समय-समय पर डॉक्टर से जांच कराते रहें।

विशेषज्ञ उद्धरण

“हाई ब्लड प्रेशर को प्रभावी रूप से नियंत्रित करने के लिए केवल दवाओं पर निर्भर रहना पर्याप्त नहीं होता। इसके लिए जीवनशैली में सुधार, जैसे नियमित व्यायाम करना, संतुलित आहार लेना और तनाव को कम करना बेहद महत्वपूर्ण है। साथ ही, नियमित चिकित्सकीय जांच से इस स्थिति को बेहतर ढंग से मैनेज किया जा सकता है और गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं से बचाव संभव होता है।”

Dr. Boban Raju

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)

बीपी बढ़ने पर क्या-क्या लक्षण महसूस हो सकते हैं?

सिरदर्द, चक्कर आना, थकान, और कभी-कभी सीने में दर्द जैसी शिकायतें हो सकती हैं।

हाई ब्लड प्रेशर होने पर कौन-कौन सी परेशानियां हो सकती हैं?

बढ़ा हुआ ब्लड प्रेशर दिल, किडनी और मस्तिष्क पर अतिरिक्त दबाव डालता है, जिससे गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।

हाई बीपी का पता कैसे चलेगा?

नियमित ब्लड प्रेशर मापन से ही पता चलता है। यदि आपका रक्तचाप लगातार 140/90 mm Hg से अधिक रहता है तो डॉक्टर से सलाह लें।

ब्लड प्रेशर को तुरंत कम करने के लिए क्या करें?

आराम करें, गहरी और धीमी सांस लें। यह अस्थायी राहत दे सकता है, लेकिन ब्लड प्रेशर नियंत्रण के लिए चिकित्सक की सलाह आवश्यक है। यदि स्थिति गंभीर हो, तो तुरंत चिकित्सा सहायता लें।

कब ब्लड प्रेशर खतरनाक माना जाता है?

जब रक्तचाप 180/120 mm Hg से ऊपर पहुंच जाए तो यह एक गंभीर और आपातकालीन स्थिति होती है।

हाई ब्लड प्रेशर को स्थायी रूप से कैसे नियंत्रित किया जा सकता है?

स्वस्थ जीवनशैली अपनाकर, नियमित व्यायाम और संतुलित आहार के माध्यम से इसे प्रभावी रूप से प्रबंधित किया जा सकता है।

ब्लड प्रेशर बढ़ने के मुख्य कारण क्या हैं?

अधिक नमक का सेवन, मानसिक तनाव, धूम्रपान, और शारीरिक गतिविधि की कमी इसके प्रमुख कारण हैं।

बिना दवाओं के ब्लड प्रेशर कैसे नियंत्रित किया जा सकता है?

योग, ध्यान, नियमित व्यायाम और सही पोषण से ब्लड प्रेशर को बिना दवा के भी नियंत्रित किया जा सकता है, लेकिन इसके लिए डॉक्टर से मार्गदर्शन लेना आवश्यक है।

हाई बीपी होने पर क्या खाना चाहिए और क्या नहीं?

फलों, सब्जियों, और फाइबर युक्त आहार का सेवन बढ़ाएं। तैलीय, भारी और ज्यादा नमक वाले भोजन से बचें।

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