Last updated on : 09 Jul, 2025
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क्या आप जानते हैं, वायरल बुखार क्यों होता है? बदलते मौसम के साथ बीमारियों और संक्रमण का बढ़ना कोई बड़ी बात नहीं है। खासकर मानसून और सर्दियों में जब मौसम का कोई भरोसा नहीं होता है – कभी ज्यादा ठण्ड , ज्यादा बारिश या ज्यादा धुप । खासकर मानसून के समय देश भर में मौसमी फ्लू के मामले लगातार बढ़ने शुरू हो जाते हैं और वायरल फीवर के सिम्पटम्स के मरीजों की संख्या काफी बढ़ जाती है। मानसून के समय में जगह-जगह पानी जमने से बैक्टीरिया और वायरस पनपने लगते हैं और वायरल या बैक्टीरियल इंफेक्शन का खतरा बढ़ जाता है। इस ब्लॉग में आज हम जानेंगे वायरल बुखार के लक्षण, कारण और प्रभावी घरेलू उपचार।
वायरल बुखार एक ऐसी स्थिति है जिसमें शरीर का तापमान सामान्य से ऊपर चला जाता है और इसके साथ कई प्रकार के लक्षण भी दिखते हैं। यह कई प्रकार के वायरस के कारण होता है और किसी भी उम्र के व्यक्ति को प्रभावित कर सकता है। वायरल बुखार आमतौर पर हल्का होता है, लेकिन कुछ मामलों में यह गंभीर भी हो सकता है।
वायरल बुखार के सामान्य लक्षणों में खांसी, ज़ुकाम, शरीर में दर्द या ऐठन, कमजोरी, और कभी-कभी गले में खराश या सिरदर्द शामिल हो सकते हैं।
वायरल संक्रमण के सामान्य तरीके, जो आगे चलकर वायरल बुखार का कारण बन सकते हैं, ये हैं:
जब बुखार किसी वायरल संक्रमण की वजह से होता है, तो उसे वायरल बुखार कहते हैं। फीवर कैसे होता है ? इसको जानने से पहले हमें वायरल फीवर के लक्षण के बारें में समझना होगा। यह इस प्रकार है :-
बच्चे अपने शरीर के भीतरी परेशानियों को ज्यादा बता नहीं पाते हैं, ऐसे में उनके वाइरल फीवर के लक्षणों के आधार पर उनका इलाज किया जाता है। बच्चों में मौसमी बुखार के लक्षण निम्नलिखित है:-
वायरल बुखार आमतौर पर हानिकारक नहीं होता और यह कुछ दिनों में अपने आप ठीक हो जाता है। लेकिन कभी-कभी यह तेजी से फैलता है, जिससे यह अधिक जोखिमपूर्ण हो सकता है। वायरल बुखार के कुछ सामान्य कारण निम्नलिखित हैं:
वायरल बुखार का निदान आमतौर पर क्लिनिकल मूल्यांकन (clinical evaluation) और लैबोरेटरी परीक्षणों के संयोजन से किया जाता है। डॉक्टर रोगी के लक्षण, चिकित्सा इतिहास और शारीरिक जांच के आधार पर प्रारंभिक निदान करते हैं। इसके बाद संक्रमण के कारण वायरस की पहचान के लिए ब्लड टेस्ट, थ्रोट स्वैब, या श्वसन सैंपल (respiratory sample) की जांच की जा सकती है।
वायरल बुखार के निदान के लिए विभिन्न प्रकार की फ़ीवर प्रोफ़ाइल टेस्टिंग उपलब्ध है, जिनमें शामिल हैं:
तुलसी में शक्तिशाली जीवाणुरोधी, कीटाणुनाशक और एंटीबायोटिक गुण होते हैं। तुलसी के पत्तों को पानी में उबालें और इसका काढ़ा पीने से बुखार कम करने में मदद मिलती है।
दालचीनी एक मसाला है, जो एक छोटे पेड़ की सूखी छाल होती है। इसके खाने से सर्दी-जुकाम, गले में दर्द, खांसी इत्यादि से आराम मिलता है।
आजवाइन को विशप वीड्स या कैरम के रूप में भी जाना जाता है, जिसका उपयोग मसाला और औषधीय रूप में किया जाता है। आजवाइन का पानी पीने से बुखार में राहत मिलती है।
अदरक में सूजनरोधी और एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं। सूखी अदरक को पानी में उबालकर काढ़ा बना लें और इसे पीने से बुखार कम होता है और अन्य लक्षण कम होते हैं।
हल्दी और अदरक दोनों में एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीवायरल गुण होते हैं। गर्म दूध में हल्दी और सूखी अदरक का पाउडर मिलाकर पीने से बुखार कम करने में मदद मिलती है।
शहद और नींबू का मिश्रण गले को आराम पहुंचाता है और रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मदद करता है। गर्म पानी में शहद और नींबू मिलाएं और इस मिश्रण को पीएं।
वायरल बुखार आमतौर पर 2 से 7 दिनों तक रहता है, हालांकि इसका अवधि वायरस के प्रकार और व्यक्ति की प्रतिरक्षा प्रणाली पर निर्भर करती है। अधिकतर मामलों में यह स्वाभाविक रूप से ठीक हो जाता है।
यदि बुखार लगातार बना रहता है, तेज़ होता है, या इसके साथ गंभीर लक्षण जैसे सांस लेने में दिक्कत, चक्कर आना, बेहोशी, या अत्यधिक कमजोरी हो, तो तुरंत चिकित्सकीय सलाह लेना आवश्यक है। विशेष रूप से बच्चों, बुजुर्गों और कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोगों को सावधानी बरतनी चाहिए।
वायरल बुखार से बचाव के लिए निम्न उपाय अपनाएं:
बुखार उतरने के बाद अक्सर हम थका हुआ और कमजोर महसूस करते हैं। ये बिल्कुल स्वाभाविक है क्योंकि बीमारी के दौरान शरीर काफी ऊर्जा खो देता है। लेकिन घबराने की कोई बात नहीं है! कुछ खास फलों और ड्राई फ्रूट्स का सेवन करके आप जल्दी ही अपनी पुरानी चुस्ती-फुर्ती वापस पा सकते हैं।
वायरल फीवर एक सामान्य प्रकार का संक्रमण होता है जो अधिकांश मामलों में अपने आप ठीक हो जाता है। हालांकि, सही जानकारी और उचित देखभाल से बीमारी से जल्दी उबरना संभव है। हमारे लिए यह महत्वपूर्ण है कि शरीर में हो रहे बदलावों को समझें और यदि कोई गंभीर लक्षण दिखें तो तुरंत डॉक्टर से परामर्श करें। बुखार कम करने के लिए पैरासिटामोल जैसी दवाएं उपयोगी होती हैं, लेकिन एंटीबायोटिक्स वायरल संक्रमण पर असर नहीं डालते। साथ ही, विटामिन C से भरपूर फल खाने और पर्याप्त आराम करने से हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत होती है, जिससे रिकवरी में सहायता मिलती है।
– Dr. Kavya Rejikumar
हालांकि घरेलू उपचार वायरल बुखार से राहत पाने में मददगार हो सकते हैं, लेकिन अपने शरीर की आवाज़ सुनना और आवश्यकता पड़ने पर तुरंत विशेषज्ञ चिकित्सकीय सलाह लेना बहुत जरूरी है। लगातार बुखार या गंभीर लक्षणों की उपेक्षा न करें, क्योंकि ये किसी गंभीर समस्या का संकेत हो सकते हैं। यदि आपको या आपके परिवार के किसी सदस्य को लंबे समय तक बुखार रहता है या स्थिति बिगड़ती है, तो बिना देरी किए स्वास्थ्य विशेषज्ञ से संपर्क करें।
आमतौर पर वायरल फीवर के लक्षण 3-4 दिनों तक रहते हैं, लेकिन कभी-कभी यह 7 दिन तक भी रह सकता है।
वायरल बुखार के लक्षणों में बुखार, गले में खराश, नाक बहना और थकान शामिल हैं। अगर आपको ये लक्षण हैं और आपने हाल ही में किसी बीमार व्यक्ति के संपर्क में आए हैं, तो संभव है कि आपको वायरल बुखार हो।
ठंड लगकर बुखार आना कई तरह की बीमारियों का लक्षण हो सकता है, जिसमें वायरल और बैक्टीरियल संक्रमण दोनों शामिल हैं।
वायरल बुखार के लिए एंटीबायोटिक्स काम नहीं करते क्योंकि ये बैक्टीरिया के खिलाफ होते हैं। आमतौर पर, डॉक्टर बुखार कम करने के लिए पैरासिटामोल या इबुप्रोफेन जैसी दवाएं सुझाते हैं।
वायरल और बैक्टीरियल संक्रमण के लक्षण अक्सर समान होते हैं। निश्चित रूप से पता लगाने के लिए, आपको डॉक्टर से मिलना होगा। वे आपके लक्षणों और मेडिकल इतिहास के आधार पर परीक्षण कर सकते हैं।
कोई एक फल बुखार को पूरी तरह से ठीक नहीं कर सकता। हालांकि, कुछ फल जैसे संतरा, अंगूर और मौसमी फल विटामिन सी से भरपूर होते हैं जो आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाने में मदद कर सकते हैं।
References:
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