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गैस और कब्ज कैसे ठीक करें जानें, इसके घरेलू उपचार

Last updated on : 07 Oct, 2025

Read time : 7 min

गैस और कब्ज पाचन से जुड़ी आम समस्याएं हैं। गैस बनने पर पेट में फूलना, डकार आना और दर्द हो सकता है, जबकि कब्ज में मल कठोर हो जाता है और मल त्याग कठिनाई से होता है। इनका सीधा संबंध हमारे खानपान, पानी की मात्रा, शारीरिक गतिविधि और तनाव से होता है। अच्छी बात यह है कि अधिकतर मामलों में ये समस्याएं जीवनशैली और आहार में बदलाव तथा घरेलू उपायों से नियंत्रित की जा सकती हैं।

गैस और कब्ज के घरेलू उपाय

1. आहार से जुड़े उपाय

  • अजवाइन का पानी: अजवाइन में मौजूद थाइमोल (Thymol) पाचन को सक्रिय करता है और गैस व पेट दर्द में आराम दिलाता है।
  • जीरा: जीरे में मौजूद कार्मिनेटिव (Carminative) गुण आंतों में गैस बनने से रोकते हैं और पाचन को सुधारते हैं।
  • सौंफ: सौंफ एंटीऑक्सीडेंट और फाइबर से भरपूर होती है। यह अपच और कब्ज को दूर करने में मदद करती है और पेट की सूजन को कम करती है।
  • पुदीना: पुदीने में मेंथॉल होता है, जो आंतों की मांसपेशियों को रिलैक्स करके गैस पास होने में मदद करता है।
  • हल्दी: हल्दी का सक्रिय तत्व करक्यूमिन (Curcumin) सूजनरोधी है और यह पाचन तंत्र को संतुलित करता है।

2. जीवनशैली में बदलाव

  • फाइबर युक्त आहार: रोज़ाना कम से कम 25–30 ग्राम फाइबर लेना जरूरी है। इसके लिए फल, सब्जियां, साबुत अनाज और दालें शामिल करें।
  • पानी का सेवन: पर्याप्त तरल पदार्थ न लेने से कब्ज बढ़ सकता है। दिनभर में 8–10 गिलास पानी पीना फायदेमंद है।
  • गैस बनाने वाले भोजन से बचें: बीन्स, गोभी, फूलगोभी, कार्बोनेटेड पेय और तैलीय भोजन सीमित मात्रा में लें।
  • छोटे-छोटे भोजन: दिनभर में थोड़ी-थोड़ी मात्रा में खाना पाचन पर दबाव कम करता है।
  • खाने के बाद हल्की वॉक: भोजन के बाद 15–20 मिनट की वॉक पाचन को बेहतर बनाती है और कब्ज से बचाती है।

3. योग और व्यायाम

  • अनुलोम-विलोम प्राणायाम: श्वसन क्रिया को संतुलित करता है और पेट की गैस कम करने में मदद करता है।
  • पवनमुक्तासन: यह आसन आंतों में फंसी गैस को निकालने में प्रभावी है।
  • भुजंगासन: पाचन शक्ति को सुधारता है और कब्ज में सहायक है।
  • नियमित वॉकिंग: रोज़ाना 30 मिनट पैदल चलना आंतों की गतिशीलता बढ़ाता है और मल त्याग को नियमित करता है।

4. हर्बल और प्राकृतिक उपाय

  • इसबगोल (Psyllium husk): इसमें घुलनशील फाइबर होता है जो मल को नरम करके कब्ज से राहत देता है।
  • अलसी (Flax seeds): घुलनशील और अघुलनशील दोनों प्रकार के फाइबर का अच्छा स्रोत है, जो पाचन तंत्र को स्वस्थ रखता है।
  • प्रून्स (सूखे आलूबुखारे): इनमें सोर्बिटोल नामक प्राकृतिक शुगर होती है, जो मल को नरम करने में मदद करती है।
  • अदरक की चाय: अदरक पाचन एंजाइम को सक्रिय करता है और गैस की समस्या को कम करता है।

डॉक्टर से कब संपर्क करें

यदि गैस, पेट फूलने की समस्या और कब्ज से आप अत्यधिक परेशान हो रहे हैं तो अपने डॉक्टर से मिलना ज़रूरी है। आपको इर्रिटेबल बॉवेल सिंड्रोम जैसी अंतर्निहित चिकित्सीय स्थिति भी हो सकती है। हालांकि यह एक पुरानी स्थिति है। इसे जीवनशैली में बदलाव और दवा से नियंत्रित किया जा सकता है।

  • 3 सप्ताह से ज्यादा कब्ज, गैस की बीमारी रहे तो डॉक्टर को जरूर दिखाए और चेकअप करवाए। 
  • यदि आंतो की गैस की दिक्कत है तो आहार में बदलाव करें और तुरंत  चिकित्सक को दिखाए।

पेट में गैस या कब्ज के लक्षण होना आम समस्याएं हैं जो खान-पान की आदतों, जीवनशैली और पाचन तंत्र से जुड़ी समस्याओं के कारण हो सकती हैं। इन समस्याओं से बचने के लिए संतुलित फाइबर युक्त आहार, पर्याप्त पानी पीना और नियमित व्यायाम करना बहुत जरूरी है। अगर ये समस्याएं लगातार बनी रहती हैं तो डॉक्टर से परामर्श लेना आवश्यक है। याद रखें, स्वस्थ पाचन तंत्र के लिए स्वस्थ जीवनशैली बहुत जरूरी है।

विशेषज्ञ उद्धरण

“गैस और कब्ज जैसी पाचन संबंधी समस्याओं को आयुर्वेदिक दृष्टिकोण से देखा जाए तो ‘अग्नि’ (पाचन अग्नि) की असंतुलन मुख्य कारण होता है। नियमित दिनचर्या, संतुलित आहार, पर्याप्त नींद और रोज़ाना हल्की कसरत या टहलना जैसे साधारण जीवनशैली बदलाव गैस और कब्ज की समस्या को मैनेज करने में प्रभावी हो सकते हैं। इसबगोल जैसे प्राकृतिक विकल्प नियमित सेवन से पाचन तंत्र को संतुलित करने में मदद कर सकते हैं।”

Dr. Kavya Rejikumar

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)

पेट में गैस बनने की पहचान कैसे करें?

गैस बनने के आम लक्षण हैं पेट फूलना, बार-बार गैस निकलना, डकार आना, पेट में भारीपन और कभी-कभी कब्ज होना।

पेट की गैस को जड़ से खत्म कैसे करें?

फाइबर युक्त आहार, पर्याप्त पानी, संतुलित भोजन और तनाव-मुक्त जीवनशैली गैस की समस्या को लंबे समय तक नियंत्रित करने में मदद करते हैं।

पेट में गैस बनने पर कहाँ दर्द होता है?

सबसे पहले पेट के ऊपरी हिस्से में दर्द होता है, फिर पसलियों के निचे और नाभि के पास दर्द के कारण अकड़न होती है।

कब्ज की सबसे अच्छी दवा कौन सी है?

कब्ज की दवा सभी की लिए अलग होती है उनके शरीर के अनुसार। इस स्तिथि में डॉक्टर की सलाह लेना या आयुर्वेदिक उपचार का सहारा लेना चाहिए।

तुरंत कब्ज तोड़ने के उपाय?

हल्का गुनगुना पानी पीना, दही का सेवन या फाइबर युक्त भोजन लेना मल त्याग को आसान बना सकता है।

कब्ज की मालिश कहां करें?

कब्ज में पेट के निचले हिस्से पर हल्की गोलाकार मालिश करने से आंतों की गति सक्रिय हो सकती है और मल त्याग आसान हो सकता है।

पेट में अधिक गैस बनने का क्या कारण है?

गलत खान-पान, फाइबर की कमी, पाचन तंत्र की गड़बड़ी, अधिक तनाव और कुछ दवाओं का सेवन पेट में अतिरिक्त गैस बनने के मुख्य कारण हो सकते हैं।

पेट में गैस को तुरंत कैसे ठीक करें?

अजवाइन , जीरा और सौंफ का पानी , या हल्का गरम पानी पेट की गैस में फायदेमंद साबित होते है।

संदर्भ सूची

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