Last updated on : 09 Nov, 2025
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गले में दर्द एक आम स्वास्थ्य समस्या है जो विभिन्न कारणों से हो सकता है। यह समस्या अक्सर सर्दी, खांसी, या संक्रमण के कारण होती है लेकिन कभी-कभी यह एलर्जी, प्रदूषण या अन्य बाहरी कारणों से भी उत्पन्न हो सकती है। गले में दर्द के कारण और इससे होने वाली असुविधा को समझना महत्वपूर्ण होता है ताकि हम सही उपचार कर सकें। इस लेख में हम गले में दर्द के कारण, लक्षण और इसके प्रभावी घरेलू उपचार, जैसे सवालों पर विस्तार से चर्चा करेंगे।
गले में दर्द, जिसे मेडिकल टर्म में “फैरिंजाइटिस” (Pharyngitis) कहा जाता है, एक दर्दनाक अनुभव होता है जो गले की मांसपेशियों और ऊतकों में महसूस होता है। यह दर्द हल्का, गंभीर, या कभी-कभी तीव्र हो सकता है और कई बार इसे खांसते, निगलते या बोलते वक्त महसूस किया जाता है। गले में निगलते समय दर्द को “ओडिनोफेजिया” (Odynophagia) कहा जाता है, जो फैरिंजाइटिस का एक लक्षण हो सकता है।
गले में दर्द के कारण कई हो सकते हैं जो संक्रामक, पर्यावरणीय और जीवनशैली से संबंधित कारकों पर निर्भर करते हैं। सही उपचार के लिए दर्द के स्रोत को समझना जरूरी है। निम्नलिखित प्रमुख कारण हैं:
वायरल संक्रमण गले में दर्द का एक प्रमुख कारण है जो सर्दी, जुकाम, फ्लू और कई अन्य वायरस द्वारा उत्पन्न हो सकता है। यह संक्रमण गले की म्यूकोसा में सूजन और जलन का कारण बनता है जिससे गले में खारिश और दर्द महसूस होता है। वायरल संक्रमण अक्सर हल्का होता है और अधिकतर कुछ दिनों में अपने आप ठीक हो जाता है [4] लेकिन यह असहज और परेशान करने वाला हो सकता है।
वायरल संक्रमण के दौरान गले के साथ-साथ बुखार, खांसी, सिरदर्द और नाक बहना जैसे लक्षण भी उत्पन्न हो सकते हैं। इन लक्षणों को नियंत्रित करने के लिए आराम, पर्याप्त जलपान, गर्म तरल पदार्थ, नमक वाले पानी से गरारे और हल्के दर्द निवारक दवाइयां मददगार हो सकती हैं। हालांकि, वायरल संक्रमण के लिए एंटीबायोटिक दवाओं की आवश्यकता नहीं होती है, क्योंकि वे वायरस पर काम नहीं करती हैं। अगर लक्षण गंभीर हो जाएं या लंबे समय तक बने रहें, तो डॉक्टर से परामर्श करना आवश्यक है।
बैक्टीरियल संक्रमण गले में दर्द का एक गंभीर कारण हो सकता है जिसमें प्रमुख रूप से स्ट्रेप थ्रोट (Strep Throat) शामिल है। यह संक्रमण स्ट्रेप्टोकोकल बैक्टीरिया द्वारा होता है और गले में तीव्र दर्द, सूजन और लालिमा पैदा करता है। बैक्टीरियल संक्रमण के कारण गले के अंदर पीप और मवाद का निर्माण भी हो सकता है जिससे निगलने में कठिनाई होती है। इसके अलावा, संक्रमित व्यक्ति को बुखार, सिरदर्द, और शरीर में दर्द जैसी समस्याएं भी हो सकती हैं [4]।
बैक्टीरियल संक्रमण का इलाज आमतौर पर चिकित्सकीय सलाह पर एंटीबायोटिक्स से किया जाता है जो बैक्टीरिया को खत्म करने में मदद करते हैं। यदि इसका इलाज न किया जाए तो यह संक्रमण और गंभीर रूप ले सकता है, जैसे कि रूमेटिक फीवर (Rheumatic Fever) या किडनी की समस्याएं (Post-Streptococcal Glomerulonephritis) [4]। बैक्टीरियल संक्रमण के लक्षणों की पहचान कर सही समय पर डॉक्टर से उपचार करवाना जरूरी होता है।
गले में दर्द एलर्जी और पर्यावरणीय कारकों के कारण भी हो सकता है। धूल, प्रदूषण, रासायनिक तत्व और कुछ खाद्य पदार्थों से एलर्जी हो सकती है, जो गले में जलन और सूजन उत्पन्न करती है। एलर्जी के कारण गले में खुजली, जलन, और गले में सूजन का अनुभव होता है, जिससे गले में दर्द महसूस हो सकता है। इसके अलावा, धूम्रपान और प्रदूषण भी गले की म्यूकोसा को उत्तेजित कर सकते हैं जिससे गले में असुविधा और दर्द उत्पन्न होता है।
जब शरीर इन बाहरी तत्वों को विदेशी मानता है, तो यह शरीर की इम्यून प्रतिक्रिया को उत्तेजित करता है जिससे सूजन और दर्द उत्पन्न होता है। एलर्जी के इलाज के लिए डॉक्टर की सलाह पर एंटीहिस्टामाइन दवाइयां, पर्यावरणीय कारकों से बचाव और गले को आराम देने वाले घरेलू उपचार जैसे नमक वाले पानी से गरारे करना फायदेमंद हो सकता है।
गले में दर्द से राहत पाने के लिए कई प्रभावी घरेलू उपचार उपलब्ध हैं जिन्हें आप आसानी से घर पर लागू कर सकते हैं।
गले में दर्द को दूर करने के लिए नमक वाले गर्म पानी से गरारे एक बहुत प्रभावी और प्राचीन घरेलू उपचार है। इस विधि में, गुनगुने पानी में नमक मिलाकर उसे गले में गरारे के रूप में उपयोग किया जाता है। नमक का पानी गले की सूजन को कम करता है और संभावित रूप से कुछ बैक्टीरिया को मारने में मदद करता है जो गले में दर्द का कारण बन सकते हैं [1]। इसके अलावा, यह गले की म्यूकोसा को शांत करता है और जलन को कम करता है जिससे राहत मिलती है।
नमक का पानी गले के लिए एंटी-इन्फ्लेमेटरी गुणों से भरपूर होता है [1]। इसे दिन में दो से तीन बार गरारे के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। यह न केवल गले के दर्द में आराम देता है बल्कि गले की पूरी सेहत को भी बेहतर बनाता है।
गले में दर्द को राहत देने के लिए गर्म तरल पदार्थों का सेवन एक प्रभावी उपाय है। जब आप गर्म चाय, शोरबा, या गुनगुने पानी में शहद मिलाकर पीते हैं, तो यह गले को आराम पहुंचाता है और सूजन को कम करता है। गर्म तरल पदार्थ गले में जलन को शांत करते हैं और गले के मांसपेशियों को आराम देते हैं जिससे दर्द में राहत मिलती है। शहद, जो एक प्राकृतिक एंटीबैक्टीरियल और एंटी-इन्फ्लेमेटरी तत्व है, गले की सूजन को दूर करने में मदद करता है और गले पर एक आरामदायक कोटिंग बनाता है।
इसके अलावा, गर्म तरल पदार्थ शरीर को हाइड्रेटेड भी रखते हैं जो संक्रमण से लड़ने में मदद करता है। यह उपाय खासकर सर्दी और जुकाम के दौरान बेहद फायदेमंद होता है। आप हर्बल चाय जैसे अदरक या तुलसी की चाय भी पी सकते हैं, जो गले के दर्द को जल्दी ठीक करती हैं।
गले में दर्द या सूजन को कम करने में ह्यूमिडिफ़ायर का उपयोग सहायक हो सकता है। यह उपकरण कमरे में नमी बनाए रखता है, जिससे वायु में सूखापन कम होता है और गले में जलन या खिंचाव से राहत मिल सकती है [2]। सर्दियों में और उन क्षेत्रों में जहां हवा सूखी होती है, ह्यूमिडिफ़ायर का उपयोग गले की म्यूकोसा को नमी प्रदान करने में मदद करता है, जो सूखेपन के कारण होने वाली जलन और दर्द को कम करता है।
यह गले के सूखने और कष्टप्रद खांसी को भी रोकने में सहायक होता है। अध्ययनों से पता चला है कि ह्यूमिडिफ़ायर का उपयोग गले की खराश और खांसी को कम करने में सहायक हो सकता है [2]। ह्यूमिडिफ़ायर का उपयोग विशेष रूप से उन लोगों के लिए फायदेमंद होता है जिन्हें गले में सूखापन या एलर्जी की समस्या होती है। इसे रातभर चलाने से गले को आराम मिलता है और दर्द में कमी आती है।
गले में दर्द से राहत पाने के लिए हाइड्रेटेड रहना बेहद ज़रूरी है। पर्याप्त मात्रा में पानी, सूप या हर्बल चाय जैसे तरल पदार्थों का सेवन गले को नम बनाए रखता है, जिससे सूजन और जलन में राहत मिल सकती है। गला सूखा होने से दर्द और खांसी की समस्या और बढ़ सकती है इसलिए हाइड्रेटेड रहना गले को आराम देने के लिए जरूरी होता है।
पानी, ताजे फल और हर्बल चाय जैसे तरल पदार्थ गले की म्यूकोसा को बनाए रखते हैं और शरीर में पानी की कमी को दूर करते हैं। इसके अलावा, हाइड्रेटेड रहने से शरीर में विषाक्त पदार्थों का निष्कासन होता है जो संक्रमण से लड़ने में मदद करता है। यदि आप गले में दर्द महसूस कर रहे हैं तो दिनभर पानी पीने की आदत डालें और गर्म तरल पदार्थों का सेवन करें ताकि गला नमीदार रहे और दर्द में आराम मिले।
गले में दर्द और खराश को कम करने के लिए लोजेंजेस और गले के स्प्रे एक प्रभावी समाधान हो सकते हैं। लोजेंजेस, जो कि छोटे चूसने वाले टैबलेट्स होते हैं, गले की सूजन को शांत करते हैं और गले में आराम प्रदान करते हैं। इनमें अक्सर शहद, मेन्थोल, या अन्य औषधीय तत्व होते हैं जो गले की मांसपेशियों को आराम देते हैं और दर्द को कम करते हैं। कुछ लोजेंजेस, जिनमें एमिलमेटाक्रेसोल/डाइक्लोरोबेंज़िल अल्कोहल (AMC/DCBA) जैसे सक्रिय तत्व होते हैं, गले की खराश से तुरंत राहत देने में सहायक पाए गए हैं [3]। इन्हें चूसने से गले में नमी बनी रहती है, जिससे गले की जलन कम होती है।
गले के स्प्रे भी एक अन्य प्रभावी उपचार है जो तत्काल राहत प्रदान करते हैं। ये स्प्रे गले में सीधे उपयोग किए जाते हैं और सूजन, जलन या संक्रमण को कम करने में मदद करते हैं। इनमें आमतौर पर दर्द निवारक और एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं, जो गले को तुरंत राहत प्रदान करते हैं। गले की परेशानी में इनका उपयोग जल्दी और प्रभावी रूप से आराम दिला सकता है
गले में दर्द से बचने के लिए कुछ सरल लेकिन प्रभावी उपायों को अपनाना बेहद फायदेमंद हो सकता है। सबसे पहला उपाय है, साफ-सफाई बनाए रखना। गले में संक्रमण से बचने के लिए नियमित रूप से हाथ धोना, खासकर खाने से पहले और सार्वजनिक स्थानों को छूने के बाद और वातावरण को स्वच्छ रखना जरूरी है [4]। धूम्रपान से बचें क्योंकि यह गले की म्यूकोसा को उत्तेजित कर सकता है और गले में सूजन और जलन का कारण बनता है।
स्वस्थ आहार का सेवन भी गले के स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद करता है। विटामिन C और एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर खाद्य पदार्थ जैसे फल और सब्जियां गले को संक्रमण से बचाती हैं। साथ ही, ठंडी हवा और प्रदूषण से बचाव के लिए गले को ढक कर रखना चाहिए। गर्मी और धूप से बचने के बजाय, ध्यान रखें कि अत्यधिक ठंडे पेय पदार्थों या खाद्य पदार्थों का सेवन न करें जब आपका गला संवेदनशील हो। इन उपायों को अपनाकर गले में दर्द की समस्या से बचा जा सकता है।
गले में दर्द आमतौर पर एक सामान्य समस्या होती है लेकिन अगर यह दर्द एक सप्ताह से अधिक समय तक बना रहे, तो डॉक्टर से संपर्क करना जरूरी है [4]। यदि गले में दर्द के साथ तेज (101°F या 38.3°C से अधिक) बुखार, निगलने में कठिनाई, गर्दन में सूजन वाली लिम्फ नोड्स (सूजी हुई ग्रंथियां), या सांस लेने में तकलीफ हो, तो यह गंभीर समस्या का संकेत हो सकता है [4]। इसके अलावा, अगर गले में लगातार पीप या मवाद का जमाव हो या गले में लालिमा और जलन बढ़ने लगे, तो यह बैक्टीरियल संक्रमण का लक्षण हो सकता है।
यदि गले में दर्द के साथ जोड़ों में दर्द, शरीर में अकड़न या मुख में घाव जैसी समस्याएं भी उभरती हैं तो तुरंत डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए। गले में लंबे समय तक दर्द बने रहने पर, सही उपचार प्राप्त करने के लिए चिकित्सक से सलाह लेना आवश्यक होता है।
गले में दर्द एक सामान्य समस्या है लेकिन इसके विभिन्न कारण हो सकते हैं, जैसे वायरल और बैक्टीरियल संक्रमण, एलर्जी, या पर्यावरणीय कारक। हालांकि यह आमतौर पर गंभीर नहीं होता, लेकिन यदि समय पर उपचार न किया जाए तो यह और भी गंभीर हो सकता है। घरेलू उपाय जैसे नमक वाले पानी से गरारे करना, गर्म तरल पदार्थों का सेवन, ह्यूमिडिफ़ायर का उपयोग और हाइड्रेटेड रहना गले के दर्द को राहत देने में मदद कर सकते हैं।
इसके साथ ही, गले में दर्द से बचने के लिए स्वस्थ आहार, साफ-सफाई और धूम्रपान से बचाव आवश्यक है। यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि घरेलू उपचार केवल हल्के दर्द के लिए उपयुक्त हैं। यदि गले में दर्द एक सप्ताह से अधिक समय तक बना रहे या इसके साथ बुखार, निगलने में कठिनाई और अन्य गंभीर लक्षण हों, तो डॉक्टर से संपर्क करना महत्वपूर्ण होता है। इस प्रकार, गले में दर्द को सही तरीके से पहचानकर और उपचार करके इसे जल्दी ठीक किया जा सकता है।
विशेषज्ञ उद्धरण: (Expert Quote)
“आयुर्वेद के अनुसार गले में दर्द तब होता है जब हमारे श्वसन मार्गों में वात और कफ दोष असंतुलित हो जाते हैं, जिससे सूजन, जलन और दर्द उत्पन्न होता है। इस स्थिति में तुलसी-पुदीना की चाय, एक चुटकी हल्दी-लौंग का दूध, या सेंधा नमक (Sendha Salt), मुलेठी, हल्दी और शहद को एक साथ मिलाकर सेवन वाले गरारे प्राकृतिक उपायों के रूप में प्रभावशाली होते हैं। साथ ही, गर्म पानी से गरारे व हाइड्रेटेड रहना गले को शांत रखता है। यदि दर्द लगातार बना रहे या साथ में बुखार, गहरी कफ या निगलने में परेशानी हो, तो तुरंत आयुर्वेदिक या एलोपैथिक चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए।”
– डॉ. सचिन सिंह
गले में दर्द के घरेलू उपायों में नमक वाले पानी से गरारे करना, गर्म तरल पदार्थों का सेवन (जैसे हर्बल चाय, शहद मिश्रित पानी), ह्यूमिडिफ़ायर का उपयोग, हाइड्रेटेड रहना, और गले के स्प्रे या Lozenges का उपयोग करना शामिल हैं।
गले में दर्द के कारणों में सबसे आम वायरल संक्रमण (जैसे सामान्य सर्दी), बैक्टीरियल संक्रमण (जैसे स्ट्रेप थ्रोट), एलर्जी, धूल, प्रदूषण और अत्यधिक शोर शामिल हैं।
जी हां, हल्के गले के दर्द का इलाज अक्सर बिना दवाओं के भी किया जा सकता है। इसके लिए आप कुछ घरेलू उपाय अपना सकते हैं, जैसे गुनगुने नमक के पानी से गरारे करना, शहद का सेवन करना या गर्म तरल पदार्थ पीना। यदि दर्द लंबे समय तक बना रहे या बुखार के साथ हो, तो गंभीरता से बचने के लिए डॉक्टर से सलाह लेना ज़रूरी है [4]।
गले में दर्द का इलाज घर पर किया जा सकता है यदि लक्षण हल्के हों और 3-4 दिनों में सुधार हो रहा हो। लेकिन यदि दर्द लंबे समय तक रहता है, बढ़ जाता है, या गंभीर लक्षण (जैसे तेज बुखार, निगलने में बहुत कठिनाई) दिखाई देते हैं तो डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए।
गले में दर्द के लक्षणों में गले में जलन, खराश, सूजन, खांसी, बुखार और निगलने में कठिनाई शामिल हो सकते हैं।
गले में दर्द का इलाज आमतौर पर अधिकांश वायरल संक्रमणों में कुछ दिनों से एक सप्ताह में ठीक हो जाता है [4]। लेकिन अगर यह अधिक समय तक चलता है, तो डॉक्टर से परामर्श आवश्यक है।
[1] तिओंग, वी., हसनदरविश, पी., बकर, एस. ए., मोहम्मद, एन. ए., वान सुलेमान, डब्ल्यू. एस., बहारोम, एन., अब्दुल समद, एफ. एन., और इसहाक, आई. (2021)। SARS-CoV-2 के विरुद्ध विभिन्न गरारे के मिश्रण और नमक के पानी की प्रभावशीलता। साइंटिफिक रिपोर्ट्स, 11(1). https://doi.org/10.1038/s41598-021-99866-w
[2] ताए हयेंग जंग, रो, जे.-एच., जिन ह्वान ह्वांग, ली, जे.-एच., चा, एस.-सी., और सियोंग चांग वू। (2011)। थायरॉइडेक्टॉमी के बाद गले में खराश और खांसी पर ह्यूमिडिफायर का प्रभाव। कोरियन जर्नल ऑफ एनेस्थिसियोलॉजी, 61(6), 470–470. https://doi.org/10.4097/kjae.2011.61.6.470
[3] मैकनली, डी., सिम्पसन, एम., मॉरिस, सी., शेफर्ड, ए., और गोल्डर, एम. (2009)। एएमसी/डीसीबीए गले की लोज़ेंजेस से तीव्र गले की खराश से तुरंत राहत: यादृच्छिक नियंत्रित परीक्षण। इंटरनेशनल जर्नल ऑफ़ क्लिनिकल प्रैक्टिस, 64(2), 194–207. https://doi.org/10.1111/j.1742-1241.2009.02230.x
[4] सीडीसी. (2024, 24 अप्रैल). गले में खराश की मूल बातें. गले में खराश. https://www.cdc.gov/sore-throat/about/index.html
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