Last updated on : 12 Jul, 2025
Read time : 10 min
दालचीनी एक प्राचीन और बहुमुखी मसाला है जिसका उपयोग सदियों से पारंपरिक चिकित्सा और भोजन में होता आ रहा है। इसके कई स्वास्थ्य लाभ हैं, जिनमें रक्त शर्करा नियंत्रण, सूजन में कमी, और हृदय स्वास्थ्य को बढ़ावा देना शामिल हैं। दालचीनी न केवल खाने का स्वाद बढ़ाती है, बल्कि कई बीमारियों के जोखिम को कम करने में भी सहायक हो सकती है। हालांकि, इसके दुष्प्रभाव भी हो सकते हैं, खासकर यदि इसे अत्यधिक मात्रा में लिया जाए। इसलिए दालचीनी का सेवन संतुलित मात्रा में और सही तरीके से करना आवश्यक है। इस ब्लॉग में हम दालचीनी के प्रमुख लाभों और संभावित दुष्प्रभावों पर विस्तृत जानकारी देंगे, जिससे आप इसे सुरक्षित और प्रभावी ढंग से उपयोग कर सकें।
दालचीनी, जिसे अंग्रेजी में Cinnamon कहा जाता है, एक सुगंधित मसाला है जो मुख्य रूप से पेड़ की छाल से प्राप्त होता है। इसका इस्तेमाल भारतीय व्यंजनों में स्वाद और खुशबू बढ़ाने के लिए किया जाता है। दालचीनी के पेड़ मुख्य रूप से श्रीलंका, भारत, चीन, और दक्षिण पूर्व एशिया में पाए जाते हैं। इसे विभिन्न रूपों में – जैसे तेल, पाउडर, और छाल – उपयोग किया जाता है। आयुर्वेद और पारंपरिक चीनी चिकित्सा में दालचीनी के औषधीय गुणों का उपयोग कई स्वास्थ्य समस्याओं के इलाज में किया जाता रहा है।
दालचीनी में कई महत्वपूर्ण पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो इसे एक शक्तिशाली औषधीय मसाला बनाते हैं। इसमें कैल्शियम, मैग्नीशियम, फाइबर, आयरन, और विटामिन A, B6, C जैसे तत्व शामिल हैं, जो स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद करते हैं। साथ ही, इसके एंटीऑक्सिडेंट गुण इसे एक विशेष मसाला बनाते हैं। नीचे दी गई तालिका में दालचीनी के कुछ प्रमुख पोषक तत्व और उनकी मात्रा दी गई है (प्रति 100 ग्राम):
पोषक तत्व | मात्रा (100 ग्राम में) |
कैलोरी | 247 kcal |
प्रोटीन | 4 ग्राम |
कार्बोहाइड्रेट | 81 ग्राम |
फ़ाइबर | 53 ग्राम |
कैल्शियम | 1002 मिलीग्राम |
आयरन | 8.32 मिलीग्राम |
दालचीनी में उच्च मात्रा में फाइबर और मिनरल्स होने के कारण यह एक पोषक तत्वों से भरपूर मसाला है, जो शरीर के लिए फायदेमंद होता है।
दालचीनी के स्वास्थ्य लाभ कई हैं जो इसे एक बेहतरीन घरेलू उपचार बनाते हैं।
दालचीनी में प्राकृतिक एंटी-माइक्रोबाइल गुण पाए जाते हैं जो कुछ पेट संबंधी संक्रमणों में उपयोगी हो सकते हैं। एक अध्ययन में उजागर हुआ कि दालचीनी जल अर्क ने आंतों की गति और बैक्टीरिया की स्थिति में सुधार दिखाया, जिससे दस्त में आराम प्राप्त हुआ है ।
दालचीनी पारंपरिक रूप से गैस, एसिडिटी और अपच के लिए उपयोग की जाती आई है। इसके एंटी-इंफ्लेमेटरी और ऐंटी-स्पास्मोडिक गुण इसके उपयोग का आधार हैं।
कुछ छोटे मानव अध्ययनों और पशु परीक्षणों से यह संकेत मिला है कि रोजाना 1–2 ग्राम दालचीनी लेने पर गठिया (रूमेटाइड आर्थराइटिस) में सूजन और दर्द के लक्षणों में सुधार हो सकता है।
आप यह भी पढ़ सकते हैं: घुटनों के दर्द के लिए आयुर्वेदिक घरेलू उपाय
दालचीनी की चाय में एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो पाचन और इम्यून सिस्टम को सहारा देने में सहायक हो सकते हैं।
कैसे बनाएं:
परंपरागत रूप से, दालचीनी को अन्य जड़ी-बूटियों (जैसे तुलसी, अदरक) के साथ काढ़ा बनाकर सर्दी-खांसी में लिया जाता है।
सावधानी: इस उपयोग को घरेलू उपचार के रूप में ही लें, और लक्षण लंबे समय तक बने रहने पर चिकित्सक से संपर्क करें।
दालचीनी को सूखी सब्ज़ियों, दाल, पुलाव और मीठे व्यंजनों में स्वाद और सुगंध के लिए उपयोग किया जाता है।
दालचीनी पाउडर को सीमित मात्रा (½ से 1 ग्राम/दिन) में शहद या गर्म पानी के साथ लिया जा सकता है।
सावधानी:
दालचीनी में एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं। इसे शहद के साथ मिलाकर फेस पैक के रूप में उपयोग किया जा सकता है।
कैसे करें:
सावधानी: पहले पैच टेस्ट ज़रूर करें, क्योंकि दालचीनी त्वचा को उत्तेजित कर सकती है।
दालचीनी एक पारंपरिक मसाला है जो स्वाद और औषधीय गुणों के लिए जाना जाता है, लेकिन इसका अत्यधिक या अनुचित सेवन कुछ स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है। निम्नलिखित दुष्प्रभावों की जानकारी चिकित्सा दृष्टिकोण से दी जा रही है:
कुछ प्रकार की दालचीनी—विशेषकर Cassia cinnamon—में कौमरीन (Coumarin) नामक यौगिक पाया जाता है।
कुछ लोगों को दालचीनी या इसके तेल से त्वचा पर जलन, लालिमा, खुजली या सूजन हो सकती है।
सुझाव: बाहरी प्रयोग से पहले पैच टेस्ट करें।
गर्भवती महिलाओं को दालचीनी का औषधीय मात्रा में सेवन करने से बचना चाहिए, विशेष रूप से Cassia cinnamon का।
सुझाव: यदि आप गर्भवती हैं या स्तनपान करवा रही हैं, तो किसी भी हर्बल या घरेलू नुस्खे से पहले डॉक्टर से परामर्श ज़रूर लें।
दालचीनी में कुछ ऐसे यौगिक होते हैं जो ब्लड शुगर को कम करने में मदद कर सकते हैं।
सुझाव: यदि आप मधुमेह से ग्रसित हैं और दालचीनी का सेवन कर रहे हैं, तो अपने ब्लड शुगर को नियमित रूप से मॉनिटर करें और अपने डॉक्टर से चर्चा करें।
दालचीनी एक पारंपरिक और औषधीय गुणों से भरपूर मसाला है जो सही मात्रा में सेवन करने पर अनेक स्वास्थ्य लाभ प्रदान कर सकता है। इसके एंटीऑक्सीडेंट, एंटी-इंफ्लेमेटरी, और ब्लड शुगर कंट्रोल करने वाले गुण इसे एक प्राकृतिक सहायक बनाते हैं—विशेषकर मधुमेह, पाचन स्वास्थ्य, और हृदय से जुड़ी समस्याओं में।
हालाँकि, दालचीनी का अत्यधिक या अनियंत्रित सेवन कुछ लोगों में लीवर संबंधित समस्याएं, ब्लड शुगर असंतुलन, या एलर्जी जैसी प्रतिक्रियाएं उत्पन्न कर सकता है। इसलिए इसका उपयोग करते समय मात्रा और स्रोत (जैसे Cassia बनाम Ceylon cinnamon) का ध्यान रखना ज़रूरी है।
“यह वैज्ञानिक अध्ययनों से पता चला है कि दालचीनी (Cinnamon) में मौजूद सक्रिय तत्व जैसे cinnamaldehyde और polyphenols ब्लड शुगर को नियंत्रित करने, सूजन को कम करने और संक्रमण से लड़ने में मदद कर सकते हैं। हालांकि, Cassia प्रकार की दालचीनी में coumarin की मात्रा अधिक होती है, जो लिवर पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकती है। इसलिए, नियमित सेवन के लिए विशेषज्ञ सलाह के अनुसार Ceylon किस्म की दालचीनी का उपयोग करना और इसे दिन में 1 से 2 ग्राम तक सीमित रखना स्वास्थ्य के लिए बेहतर माना जाता है।”
Dr. Boban Raju
गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं, लीवर रोग से ग्रसित व्यक्तियों और रक्त पतला करने वाली दवाएं ले रहे लोगों को दालचीनी का सेवन करने से पहले डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए। दालचीनी में कूमरिन (Coumarin) नामक यौगिक होता है, जो अधिक मात्रा में लीवर को प्रभावित कर सकता है।
सीमित वैज्ञानिक शोधों के अनुसार, दालचीनी का सेवन ब्लड शुगर नियंत्रण, पाचन स्वास्थ्य और सूजन से जुड़ी समस्याओं में मदद कर सकता है। हालांकि, इसे केवल सप्लीमेंट की तरह लिया जाना चाहिए, न कि इलाज के विकल्प के रूप में।
दालचीनी में थोड़ी मात्रा में विटामिन A, B6 और C, साथ ही कैल्शियम, आयरन और फाइबर जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं। हालांकि, यह इनका प्रमुख स्रोत नहीं है।
सीमित मात्रा (1/2 से 1 चम्मच तक) में रोज़ दालचीनी लेना कई लोगों के लिए सुरक्षित हो सकता है, लेकिन अधिक सेवन से लीवर पर नकारात्मक असर पड़ सकता है। बेहतर होगा कि उपयोग से पहले विशेषज्ञ से परामर्श करें।
कुछ प्रारंभिक अध्ययन सुझाव देते हैं कि दालचीनी में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट गुण पुरुषों के प्रजनन स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं, लेकिन इस क्षेत्र में और अधिक शोध की आवश्यकता है।
हां, यदि दालचीनी (विशेष रूप से Cassia variety) का अधिक मात्रा में सेवन किया जाए तो इसमें मौजूद कूमरिन लिवर पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।
दालचीनी की चाय सुबह खाली पेट या रात को सोने से पहले ली जा सकती है, लेकिन इसे रोज़ाना पीने से पहले मात्रा और शरीर की प्रतिक्रिया को समझना जरूरी है।
नहीं, सामान्य मात्रा में ली गई दालचीनी से शुगर बढ़ने की संभावना नहीं होती। वास्तव में, कुछ शोध बताते हैं कि यह इंसुलिन संवेदनशीलता को बेहतर बनाने में मदद कर सकती है। लेकिन इसकी खुराक और व्यक्ति विशेष की मेडिकल स्थिति पर असर पड़ता है।
Disclaimer
Our healthcare experts have carefully reviewed and compiled the information presented here to ensure accuracy and trustworthiness. It is important to note that this information serves as a general overview of the topic and is for informational purposes only. It is not intended to diagnose, prevent, or cure any health problem. This page does not establish a doctor-patient relationship, nor does it replace the advice or consultation of a registered medical practitioner. We recommend seeking guidance from your registered medical practitioner for any questions or concerns regarding your medical condition.
Company
About UsHealth ArticleHealth StoriesDiseases & Health ConditionsAyurvedaAll MedicinesAll BrandsNeed HelpFAQSubscribe
Registered Office Address
Grievance Officer
Download Truemeds
Contact Us
Our customer representative team is available 7 days a week from 9 am - 9 pm.
v4.0.7
2025 - Truemeds | All rights reserved. Our content is for informational purposes only. See additional information.
Our Payment Partners