लिपाग्लिन टैबलेट का उपयोग मुख्य रूप से डायबिटिक डिस्लिपिडेमिया कही जाने वाली टाइप 2 डायबिटीज़ के मरीज़ों में हाई कोलेस्ट्रॉल और ब्लड शुगर के स्तर को नियंत्रित करने के लिए किया जाता है। इसका उपयोग अन्य स्थितियों के इलाज के लिए किया जाता है, जिनमें नॉनसिरोटिक नॉन-अल्कोहलिक स्टीटोहेपेटाइटिस (एनएएसएच) और नॉन-अल्कोहलिक फैटी लिवर की बीमारी (एनएएफ़एलडी), विशेष रूप से अन्य समस्याओं से होने वाला मोटापा, डिस्लिपिडेमिया या मेटाबोलिक सिंड्रोम शामिल हैं।
लिपाग्लिन टैबलेट जरूरत पड़ने पर मुंह से ली जा सकती है। इन उत्पादों का ग़लत इस्तेमाल या अत्यधिक दवा का सेवन ना करें। इसे भोजन के साथ या बिना भोजन के लिया जा सकता है। गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं के लिए दी गई खुराक की सलाह और उसे कितनी बार लेना है, इस बारे में डॉक्टर से सलाह लें।
डिस्लिपिडेमिया के लिए स्टैटिन मुख्य उपचार हैं। यह मुख्य रूप से तब दिया जाता है जब मरीज़ स्टैटिन थेरेपी से ठीक नहीं होता है। सरोग्लिटाज़ार दुनिया की पहली दवा है जो टाइप II डायबिटीज़ के उन मरीज़ों के डायबिटिक डिस्लिपिडेमिया या हाइपरट्राइग्लिसराइडेमिया के इलाज के लिए बनाई गई है जिन पर केवल स्टैटिन का कोई असर नहीं होता है।
लिपाग्लिन टैबलेट एक पेरोक्सिसोम प्रोलिफ़रेटर-सक्रिय रिसेप्टर अल्फा और गामा एगोनिस्ट (पीपीएआर अल्फा और गामा एगोनिस्ट) है। पीपीएआर एगोनिस्ट एक न्यूक्लियर प्रोटीन रिसेप्टर है जो लिपिड मेटाबॉलिजम (शरीर में ऊर्जा बनने की प्रक्रिया), ग्लूकोज़ के स्तर का रखरखाव और सूजन से जुड़ी प्रक्रियाओं को नियंत्रित करने वाले जीन को नियमित करने के लिए ज़िम्मेदार है।
लिपाग्लिन टैबलेट डिस्लिपिडेमिया के उपचार के कारण मूल्यवान है, जो हृदय की बीमारी, यानी दुनिया भर में मायोकार्डियल इन्फार्क्शन/ हार्ट अटैक के लिए एक महत्वपूर्ण जोखिम का कारक है।