Last updated on : 09 Nov, 2025
Read time : 13 min
लकवा (Paralysis) एक गंभीर चिकित्सीय स्थिति है, जिसमें व्यक्ति के शरीर के किसी एक या एक से अधिक भागों की ऐच्छिक गति आंशिक या पूरी तरह से रुक जाती है। यह आमतौर पर तंत्रिका तंत्र (Nervous System) में किसी प्रकार की क्षति, जैसे मस्तिष्कघात (Stroke), रीढ़ की हड्डी की चोट, गहन न्यूरोलॉजिकल विकार या नस को नुकसान के कारण होता है। आंकड़ों के अनुसार, स्ट्रोक लकवे का सबसे आम कारण है [1]। यदि इसका समय पर और सही इलाज न किया जाए, तो यह व्यक्ति की जीवनशैली, गतिशीलता और आत्मनिर्भरता को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकता है। इस ब्लॉग में, एक विशेषज्ञ की दृष्टिकोण से हम लकवे के प्रमुख लक्षण, कारण, निदान की प्रक्रिया, बचाव के उपाय और उपलब्ध उपचार विकल्पों के बारे में विस्तार से जानकारी साझा करेंगे।
लकवा एक ऐसी चिकित्सीय स्थिति है, जिसमें मस्तिष्क या रीढ़ की हड्डी में किसी प्रकार की क्षति या अवरोध के कारण शरीर के किसी अंग में ऐच्छिक गति (movement) की क्षमता आंशिक या पूर्ण रूप से समाप्त हो जाती है। यह तब होता है जब मस्तिष्क से शरीर के अंगों तक जाने वाले तंत्रिका संकेत (nerve signals) बाधित हो जाते हैं, जिससे मांसपेशियाँ प्रतिक्रिया देना बंद कर देती हैं।
लकवे के कई प्रकार हो सकते हैं, जो इस बात पर निर्भर करते हैं कि शरीर का कौन-सा हिस्सा प्रभावित हुआ है और समस्या का स्रोत क्या है। लकवे के प्रमुख प्रकार निम्नलिखित हैं:
लकवे के लक्षण इस बात पर निर्भर करते हैं कि तंत्रिका तंत्र का कौन-सा भाग प्रभावित हुआ है और कितना नुकसान हुआ है। हालांकि, कुछ सामान्य लक्षण निम्नलिखित हो सकते हैं:
लकवा कई प्रकार की स्वास्थ्य स्थितियों या अचानक हुई घटनाओं के कारण हो सकता है। नीचे लकवे के कुछ प्रमुख कारण दिए गए हैं:
लकवे का सही और जल्दी निदान बहुत महत्वपूर्ण होता है ताकि उपचार प्रारंभ किया जा सके और समस्या को बढ़ने से रोका जा सके। निदान के लिए डॉक्टर विभिन्न प्रकार के परीक्षण करते हैं:
लकवे से बचाव के लिए जीवनशैली में कुछ जरूरी बदलाव और सावधानियां अपनाना बेहद आवश्यक है। चूंकि स्ट्रोक लकवे का सबसे आम कारण है, इसलिए स्ट्रोक के जोखिम कारकों को नियंत्रित करना सबसे प्रभावी बचाव है [1]:
लकवे का इलाज उसकी गंभीरता, कारण और प्रभावित अंगों के आधार पर निर्धारित किया जाता है। उपचार का लक्ष्य रोगी की शेष कार्यक्षमता को अधिकतम करना और जीवन की गुणवत्ता में सुधार लाना है [2, 4]।
लकवा एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है, लेकिन सही समय पर उचित उपचार और गहन पुनर्वास से इसके प्रभाव को काफी हद तक कम किया जा सकता है। इसके लक्षणों को पहचानना, कारणों को समझना और शीघ्र इलाज शुरू करना बेहद आवश्यक है। याद रखें, लकवे के उपचार में ‘समय ही मस्तिष्क है’ (Time is Brain)। साथ ही, लकवे से बचाव के उपायों का पालन करना और एक स्वस्थ जीवनशैली अपनाना इस बीमारी से बचाव का सबसे प्रभावी तरीका है।
Expert Quote
“लकवा एक जटिल स्थिति होने के बावजूद इसे नियंत्रित किया जा सकता है। यदि समय रहते सही तरीके से इसका निदान और उपचार किया जाए, तो इसके प्रभावों को काफी हद तक कम किया जा सकता है। लकवे के बाद पुनर्वास में रोगी की जीवनशैली में सुधार, नियमित फिजियोथेरेपी और मानसिक सहयोग की बहुत बड़ी भूमिका होती है। पुनर्वास प्रक्रिया जितनी जल्दी शुरू होती है, परिणाम उतना ही बेहतर होता है [3]।”
– डॉ. सचिन सिंह
लकवा के शुरुआती लक्षणों में शरीर के किसी हिस्से में अचानक कमजोरी, सुन्नपन, बोलने में कठिनाई, और चेहरे के एक हिस्से का गिरना शामिल हो सकते हैं।
लकवा किसी कमी से नहीं, बल्कि मुख्यतः मस्तिष्क या तंत्रिका तंत्र में रुकावट या क्षति के कारण होता है। यह किसी भी कारण से हो सकता है जैसे स्ट्रोक, चोट या उच्च रक्तचाप।
लकवा का उपचार स्ट्रोक होने के बाद पहले कुछ घंटों में शुरू करना सबसे महत्वपूर्ण है। इस्केमिक स्ट्रोक के मामलों में थक्का घोलने वाली (थ्रोम्बोलाइटिक) दवाएँ और शीघ्र फिजियोथेरेपी व स्पीच थेरेपी जल्दी शुरू करने से लकवा को ठीक करने में मदद मिल सकती है [4]।
लकवा आमतौर पर मस्तिष्क या तंत्रिका तंत्र में समस्या होने के कारण होता है जैसे स्ट्रोक, तंत्रिका क्षति, रीढ़ की हड्डी में चोट, या रक्तचाप में वृद्धि।
हाँ, यदि लकवा स्ट्रोक के कारण हुआ हो और यह मस्तिष्क के महत्वपूर्ण कार्यों को गंभीर रूप से प्रभावित करे या समय पर इलाज न किया जाए तो यह गंभीर रूप से प्रभावित कर सकता है और मौत का कारण बन सकता है।
लकवा का समय खत्म होने का निर्धारण उसके कारण और उपचार पर निर्भर करता है। बेल्स पाल्सी जैसे कुछ अस्थायी लकवे पूरी तरह ठीक हो सकते हैं [6], जबकि स्ट्रोक या गंभीर रीढ़ की हड्डी की चोट से हुआ लकवा स्थायी हो सकता है, लेकिन उपचार और पुनर्वास से इसमें सुधार संभव है [3, 4]।
लकवा के मरीजों के लिए संतुलित और पौष्टिक आहार, जिसमें हरी सब्जियां, फल और पर्याप्त प्रोटीन वाला आहार उपयुक्त है। नमक और वसा की मात्रा कम रखना महत्वपूर्ण है ताकि स्ट्रोक की पुनरावृत्ति का जोखिम कम हो।
लकवाग्रस्त व्यक्ति की मालिश हल्के हाथों से की जानी चाहिए ताकि मांसपेशियों को आराम मिले और रक्त प्रवाह सुधरे। हालांकि, किसी भी प्रकार की मालिश शुरू करने से पहले फिजियोथेरेपिस्ट से सलाह लेना आवश्यक है, क्योंकि गलत मालिश नुकसान पहुंचा सकती है।
अस्वीकरण
यह लेख केवल सूचनात्मक उद्देश्यों के लिए है और पेशेवर चिकित्सा सलाह का विकल्प नहीं है। कृपया कोई भी नया स्वास्थ्य सेवा अभ्यास शुरू करने से पहले किसी स्वास्थ्य सेवा प्रदाता से परामर्श लें, खासकर यदि आप पहले से ही किसी स्वास्थ्य समस्या से ग्रस्त हैं या कोई दवा ले रहे हैं।
[1] फीगिन, वी. एल., लॉज़, सी. एम., बेनेट, डी. ए., और एंडरसन, सी. एस. (2003)। स्ट्रोक महामारी विज्ञान: 20वीं सदी के उत्तरार्ध में घटना, व्यापकता और मृत्यु दर के जनसंख्या-आधारित अध्ययनों की समीक्षा। द लैंसेट न्यूरोलॉजी, 2(1), 43–53। https://doi.org/10.1016/S1474-4422(03)00314-4
[2] टीसेल, आर., मेहता, एस., परेरा, एस., मैकइंटायर, ए., जैनज़ेन, एस., और एलन, एल. (2012)। स्ट्रोक पुनर्वास: एक अंतर्राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य। स्ट्रोक पुनर्वास के विषय, 19(2), 1–10। https://doi.org/10.1310/tsr1902-1
[3] लैंगहॉर्न, पी., बर्नहार्ट, जे., और क्वाकेल, जी. (2011)। स्ट्रोक पुनर्वास। द लैंसेट, 377(9778), 1693–1702। https://doi.org/10.1016/S0140-6736(11)60325-5
[4] डॉबकिन, बी. एच. (2005)। स्ट्रोक के बाद पुनर्वास। न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन, 352(16), 1677–1684। https://doi.org/10.1056/NEJMra044132
[5] बार्न्स, आर. (1948). ग्रीवा रीढ़ की चोटों में पैराप्लेजिया. द जर्नल ऑफ बोन एंड जॉइंट सर्जरी, ब्रिटिश वॉल्यूम, 30(2), 234-244. https://boneandjoint.org.uk/article/10.1302/0301-620x.30b2.234
Disclaimer
Our healthcare experts have carefully reviewed and compiled the information presented here to ensure accuracy and trustworthiness. It is important to note that this information serves as a general overview of the topic and is for informational purposes only. It is not intended to diagnose, prevent, or cure any health problem. This page does not establish a doctor-patient relationship, nor does it replace the advice or consultation of a registered medical practitioner. We recommend seeking guidance from your registered medical practitioner for any questions or concerns regarding your medical condition.
Company
About UsHealth ArticleHealth StoriesDiseases & Health ConditionsAyurvedaAll MedicinesAll BrandsNeed HelpFAQSubscribe
Registered Office Address
Grievance Officer
Download Truemeds
Contact Us
Our customer representative team is available 7 days a week from 9 am - 9 pm.
v4.4.2
2025 - Truemeds | All rights reserved. Our content is for informational purposes only. See additional information.
Our Payment Partners

