Home/Blog/Health Insights in Hindi/Health Conditions In Hindi/पेट में इन्फेक्शन के लक्षण, कारण और इलाज

पेट में इन्फेक्शन के लक्षण, कारण और इलाज

Last updated on : 11 Jul, 2025

Read time : 14 min

पेट में संक्रमण एक सामान्य लेकिन परेशान करने वाली स्वास्थ्य स्थिति है, जो किसी भी उम्र के व्यक्ति को प्रभावित कर सकती है। यदि इसका समय पर उचित उपचार न किया जाए, तो यह समस्या जटिल रूप ले सकती है। इस संक्रमण के लक्षणों, कारणों और उपचार के विकल्पों को समझना आवश्यक है ताकि समय रहते सही कदम उठाए जा सकें और स्वास्थ्य संबंधी जोखिमों से बचा जा सके। इस लेख में हम पेट के संक्रमण से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी साझा करेंगे जो इस स्थिति को पहचानने और उससे निपटने में आपकी मदद कर सकती है।

Table of Contents

पेट में इंफेक्शन क्या है? (What is Stomach Infection)

पेट में संक्रमण एक ऐसी स्थिति होती है जिसमें पेट या आंतों की परत में सूजन आ जाती है, जो आमतौर पर बैक्टीरिया, वायरस या फंगल संक्रमण के कारण होती है। यह संक्रमण हल्का भी हो सकता है और गंभीर भी, और इसकी मुख्य वजहें दूषित भोजन, अशुद्ध पानी या स्वच्छता की कमी होती हैं। पेट के संक्रमण के लक्षणों में अक्सर दस्त, पेट में मरोड़ या दर्द, उल्टी और कभी-कभी बुखार शामिल होते हैं। यदि इस समस्या का समय पर उपचार न किया जाए, तो यह शरीर में पानी की कमी (डिहाइड्रेशन) और अन्य जटिलताओं का कारण बन सकती है, जिससे संपूर्ण स्वास्थ्य पर नकारात्मक असर पड़ सकता है।

पेट में इंफेक्शन के कारण (Stomach Infection Causes)

पेट में इन्फेक्शन के प्रमुख कारण:

  1. अस्वच्छ भोजन और पानी का सेवन:
    • दूषित खाद्य पदार्थों या पानी के माध्यम से हानिकारक बैक्टीरिया और वायरस पेट में प्रवेश कर सकते हैं।
  2. वायरल संक्रमण:
    • रोटावायरस और नॉरोवायरस जैसे वायरस अक्सर बच्चों, बुजुर्गों और कमजोर इम्युनिटी वाले व्यक्तियों को प्रभावित करते हैं।
    • ये वायरस आमतौर पर संक्रमित व्यक्ति या सतह के संपर्क में आने से फैलते हैं।
  3. बैक्टीरियल संक्रमण:
    • ई. कोलाई (E. coli), सल्मोनेला (Salmonella), और शिगेला (Shigella) जैसे बैक्टीरिया अधपके मांस, अंडे या दूषित खाद्य सामग्री के जरिए संक्रमण फैला सकते हैं।
  4. आंतों में बैक्टीरिया का असंतुलन (Gut Dysbiosis):
    • लंबे समय तक एंटीबायोटिक के प्रयोग से पेट के अच्छे और बुरे बैक्टीरिया का संतुलन बिगड़ सकता है, जिससे संक्रमण की आशंका बढ़ जाती है।
  5. फंगल संक्रमण:
    • कैंडिडा (Candida) जैसे फंगस कुछ लोगों में गैस्ट्रिक इंफेक्शन और अपच की स्थिति उत्पन्न कर सकते हैं, विशेषकर यदि उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो।

पेट में इंफेक्शन के लक्षण (Stomach Infection Symptoms)

पेट में इन्फेक्शन के लक्षण बहुत ही परेशान करने वाले हो सकते हैं और इनमें से कुछ प्रमुख लक्षण इस प्रकार हैं:

  1. पेट में दर्द और ऐंठन: संक्रमण के कारण पेट के निचले हिस्से में तेज़ या रुक-रुक कर दर्द हो सकता है, विशेष रूप से भोजन करने के बाद।
  2. दस्त (Diarrhea): पतले दस्त आना संक्रमण का मुख्य लक्षण है। कुछ मामलों में दस्त में बलगम या खून भी मिल सकता है।
  3. उल्टी और मतली (Nausea & Vomiting): जी मिचलाना और उल्टी आना शरीर की प्रतिक्रिया होती है, जो संक्रमण को बाहर निकालने की कोशिश करता है।
  4. बुखार (Fever): शरीर का तापमान बढ़ सकता है, जो संक्रमण से लड़ने की स्वाभाविक प्रतिरक्षा प्रक्रिया का संकेत होता है।
  5. सिरदर्द और थकावट: शरीर में पानी और इलेक्ट्रोलाइट्स की कमी के कारण सिर में भारीपन और थकावट महसूस हो सकती है।
  6. भूख न लगना (Loss of Appetite): पाचन तंत्र पर असर पड़ने के कारण खाने की इच्छा कम हो जाती है।
  7. डिहाइड्रेशन (निर्जलीकरण): बार-बार दस्त और उल्टी की वजह से शरीर में पानी की कमी हो सकती है, जिससे होंठ सूखना, पेशाब कम होना, और चक्कर आना जैसी समस्याएँ होती हैं।

छोटे बच्चों या शिशुओं में पेट में इंफेक्शन के लक्षण

बच्चों में पेट में इन्फेक्शन के लक्षण वयस्कों से अलग हो सकते हैं। बच्चों में निम्नलिखित लक्षण देखे जा सकते हैं:

  1. बुखार और चिड़चिड़ापन: संक्रमण के दौरान बच्चे का शरीर का तापमान बढ़ सकता है और वह सामान्य से अधिक रोने या चिड़चिड़ेपन का संकेत दे सकता है।
  2. सुस्ती और ऊर्जा की कमी: बच्चा सामान्य से अधिक थका हुआ लग सकता है, खेलने में रुचि कम हो सकती है और वह ज़्यादा सोने की कोशिश कर सकता है।
  3. दस्त और उल्टी: बार-बार पतले दस्त और उल्टी बच्चों में डिहाइड्रेशन (निर्जलीकरण) का कारण बन सकते हैं, जो उनके लिए खतरनाक हो सकता है।
  4. खाने-पीने में रुचि की कमी: पेट में दर्द या मतली के कारण बच्चा खाने से इनकार कर सकता है या बहुत कम खाता है।
  5. डिहाइड्रेशन के संकेत: जैसे होंठ सूखना, पेशाब कम आना, आँसू न आना, आंखों का धँस जाना — ये संकेत तत्काल ध्यान देने योग्य हैं।

यदि बच्चा 24 घंटे से अधिक दस्त या उल्टी आने से परेशान हो, अत्यधिक सुस्त लगे, या पेशाब बहुत कम हो, तो तुरंत बाल रोग विशेषज्ञ से संपर्क करना आवश्यक होता है।

वयस्कों में पेट में इंफेक्शन के लक्षण

वयस्कों में पेट के इन्फेक्शन के लक्षण आमतौर पर इस प्रकार हो सकते हैं:

  1. पेट दर्द और ऐंठन: हल्के से तेज़ दर्द और मरोड़, खासकर भोजन के बाद महसूस हो सकता है।
  2. दस्त लगना: बार-बार ढीला या पानी जैसा मल आना, जो कभी-कभी दुर्गंधयुक्त हो सकता है।
  3. गैस और पेट फूलना: पाचन तंत्र में संक्रमण के कारण गैस बन सकती है, जिससे पेट भारी या फूला हुआ लगता है।
  4. मतली और उल्टी: पेट खराब होने पर जी मिचलाना या उल्टी आना आम लक्षण हैं।
  5. कमज़ोरी और थकान: शरीर से तरल पदार्थ की कमी के कारण व्यक्ति थका हुआ और नीरस महसूस कर सकता है।
  6. भूख में कमी: पेट में गड़बड़ी के कारण भोजन में रुचि कम हो जाती है।

अगर लक्षण 2-3 दिनों से अधिक बने रहें या गंभीर हों, तो चिकित्सक से सलाह अवश्य लें।

कैसे पता चलेगा की आपके पेट में इन्फेक्शन है की नहीं?

अगर आपको बार-बार पेट दर्द, दस्त, उल्टी, बुखार या जी मिचलाहट की शिकायत हो रही है, तो यह पेट में संक्रमण (गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल इन्फेक्शन) का संकेत हो सकता है। ऐसे लक्षण शुरू में हल्के हो सकते हैं, लेकिन यदि यह लगातार बने रहें, तीव्र हो जाएं, या शरीर में कमजोरी महसूस हो, तो यह एक गंभीर स्थिति का संकेत हो सकता है। ऐसे में घरेलू उपाय करने के बजाय डॉक्टर से परामर्श लेना आवश्यक होता है। डॉक्टर लक्षणों के आधार पर परीक्षण कर सकते हैं, जैसे रक्त परीक्षण, मल जांच या पेट का अल्ट्रासाउंड, ताकि संक्रमण की पुष्टि हो सके और समय पर उचित उपचार शुरू किया जा सके।

पेट में इन्फेक्शन से बचाव के तरीके

पेट के इन्फेक्शन से बचाव के लिए कुछ आसान और प्रभावी उपाय निम्नलिखित हो सकते हैं:

  • भोजन करने से पहले और शौचालय के बाद हाथों को साबुन और पानी से अच्छी तरह धोएं।
  • केवल साफ और शुद्ध पानी का सेवन करें, विशेषकर संदिग्ध स्रोतों से पानी पीने से बचें।
  • ताजा और पूरी तरह पकाया हुआ भोजन ही खाएं; कच्चे या अधपके मांस और फल-सब्ज़ियों से बचें।
  • रसोईघर और भोजन तैयार करने की जगह को हमेशा साफ-सुथरा रखें ताकि संक्रमण का खतरा कम हो।

पेट में इन्फेक्शन में क्या खाना चाहिए और क्या नहीं खाना चाहिए?

पेट में संक्रमण के दौरान ऐसे खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए जो हल्के और आसानी से पचने वाले हों, जैसे:

  1. खिचड़ी और सूप: ये खाद्य पदार्थ पेट को आराम देते हैं और पचाने में सरल होते हैं।
  2. दही: इसमें पाए जाने वाले प्रोबायोटिक्स पाचन तंत्र के लिए लाभकारी होते हैं और पेट की सेहत सुधारते हैं।
  3. पके हुए फल: केले और सेब जैसे फल पेट को शीतलता प्रदान करते हैं और पचाने में आसान होते हैं।

इन खाद्य पदार्थों से बचना चाहिए:

  1. मसालेदार और तला हुआ खाना: ये पेट की जलन और असहजता को बढ़ा सकते हैं।
  2. दूध और डेयरी उत्पाद: कुछ लोगों में ये गैस या सूजन जैसी समस्याओं को बढ़ा सकते हैं, इसलिए सावधानी से लें।
  3. कच्चा भोजन: कच्चे मांस और मछली से बचें क्योंकि इनमें संक्रमण फैलाने वाले जीवाणु हो सकते हैं।

पेट में इन्फेक्शन का इलाज (Stomach Infection Treatment)

पेट में इन्फेक्शन के इलाज के लिए निम्नलिखित तरीके अपनाए जा सकते हैं:

  • पर्याप्त मात्रा में पानी पीना और इलेक्ट्रोलाइट्स से भरपूर ORS का सेवन करना ताकि शरीर हाइड्रेटेड रहे।
  • संक्रमण के लक्षणों के अनुसार विशेषज्ञ डॉक्टर से परामर्श लेकर उचित चिकित्सा उपचार प्राप्त करना।
  • यदि संक्रमण बैक्टीरियल हो तो डॉक्टर की सलाह पर ही एंटीबायोटिक्स का उपयोग करें।
  • हल्का और पचने में आसान आहार लें, जैसे खिचड़ी, सूप और दाल, जिससे पेट को आराम मिले।
  • हाथों की सफाई और व्यक्तिगत स्वच्छता का विशेष ध्यान रखें ताकि संक्रमण बढ़ने से बचा जा सके।
  • प्राकृतिक औषधीय पदार्थों जैसे अदरक, लौंग, हल्दी और दही का सेवन शरीर की प्रतिरक्षा बढ़ाने में मदद करता है।
  • पर्याप्त आराम करें ताकि शरीर संक्रमण से लड़ने में सक्षम हो सके।

पेट में इन्फेक्शन का आयुर्वेदिक इलाज (Stomach Infection Ayurvedic Treatment)

यहाँ कुछ प्राकृतिक तत्व दिए गए हैं जो पेट के संक्रमण में राहत देने में सहायक माने जाते हैं, साथ ही इनका उपयोग आमतौर पर सुरक्षित माना जाता है यदि इन्हें उचित मात्रा में लिया जाए:

  1. अदरक: इसमें प्राकृतिक जीवाणुरोधी (एंटीबैक्टीरियल) गुण होते हैं, जो पेट में सूक्ष्मजीवों के संक्रमण से राहत दिलाने में मदद कर सकते हैं। यह मतली और उल्टी को भी कम कर सकता है।
  2. पुदीना: पुदीना में मौजूद मेन्थॉल पेट की मांसपेशियों को शांत करता है, जिससे सूजन और ऐंठन में राहत मिल सकती है। यह पाचन प्रक्रिया को भी बेहतर बनाता है।
  3. हल्दी: इसमें करक्यूमिन नामक सक्रिय यौगिक होता है, जो सूजनरोधी (एंटी-इंफ्लेमेटरी) प्रभाव डालता है। यह पाचन तंत्र की सूजन को कम करने में सहायक हो सकता है।
  4. जीरा: जीरा का सेवन गैस, अपच और सूजन जैसी समस्याओं से राहत दिला सकता है। इसमें एंटीऑक्सिडेंट और पाचन में सुधार करने वाले तत्व होते हैं।

ध्यान रखें: यदि लक्षण गंभीर हों या लंबे समय तक बने रहें तो केवल घरेलू उपायों पर निर्भर न रहें—डॉक्टर से परामर्श लेना ज़रूरी है।

पेट के संक्रमण के लिए घरेलू इलाज (Home Remedies for Stomach Infection)

यहाँ कुछ घरेलू उपाय दिए गए हैं जो हल्के पेट के संक्रमण में सहायक हो सकते हैं, हालांकि इनका उपयोग करते समय सावधानी बरतना चाहिए और गंभीर लक्षणों में चिकित्सकीय सलाह आवश्यक है:

  1. नींबू और नमक वाला गर्म पानी: गुनगुने पानी में थोड़ा नींबू रस और चुटकी भर नमक मिलाकर पीने से पाचन क्रिया को राहत मिल सकती है। नींबू में मौजूद विटामिन C और एंटीऑक्सिडेंट्स संक्रमण से लड़ने में मदद कर सकते हैं, जबकि नमक शरीर में इलेक्ट्रोलाइट संतुलन बनाए रखने में सहायक हो सकता है।
  2. तुलसी के पत्ते: तुलसी में जीवाणुरोधी और सूजनरोधी गुण होते हैं। इसके पत्तों का सेवन या इसका काढ़ा पीना पाचन तंत्र को शांत कर सकता है और पेट में संक्रमण के लक्षणों से राहत दिला सकता है।
  3. आंवला (Indian Gooseberry): आंवला में विटामिन C प्रचुर मात्रा में होता है जो इम्यून सिस्टम को मजबूत करता है। यह पेट की सफाई में मदद करता है और आंतों के स्वास्थ्य को बेहतर बना सकता है।

ध्यान रखें: इन उपायों को हल्के लक्षणों के लिए अपनाया जा सकता है, लेकिन यदि पेट दर्द, उल्टी, बुखार या दस्त लंबे समय तक बने रहें, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।

कब डॉक्टर से संपर्क करें?

पेट में संक्रमण के कुछ लक्षण यदि गंभीर या लंबे समय तक बने रहें, तो यह संकेत हो सकते हैं कि घरेलू उपचार पर्याप्त नहीं हैं और चिकित्सकीय देखभाल की आवश्यकता है। निम्न स्थितियों में डॉक्टर से तुरंत संपर्क करना चाहिए:

  • लगातार या तेज़ बुखार (101°F/38.3°C से अधिक)
  • दस्त में खून आना या काले रंग का मल
  • अत्यधिक और बार-बार उल्टी होना
  • तेज़ पेट दर्द या ऐंठन जो आराम करने पर भी कम न हो
  • पेशाब कम होना, अत्यधिक प्यास, सूखा मुँह — जो डिहाइड्रेशन के संकेत हैं
  • लक्षण तीन दिन से अधिक समय तक बने रहना
  • छोटे बच्चे, बुज़ुर्ग या गर्भवती महिलाओं में यदि लक्षण दिखें

ध्यान रखें: यदि आपको या आपके किसी प्रियजन को उपरोक्त में से कोई भी लक्षण महसूस हो रहा है, तो तुरंत डॉक्टर से परामर्श लें। संक्रमण को नज़रअंदाज़ करना जठरांत्र तंत्र या संपूर्ण शरीर पर गंभीर प्रभाव डाल सकता है।

निष्कर्ष

पेट में संक्रमण एक आम लेकिन उपेक्षा करने पर गंभीर रूप लेने वाली स्वास्थ्य समस्या हो सकती है। इसकी पहचान समय पर करना और उचित उपचार लेना अत्यंत आवश्यक है। नियमित स्वच्छता का पालन, साफ पानी का सेवन, संतुलित और पका हुआ भोजन खाना और चिकित्सकीय सलाह के अनुसार इलाज करना पेट के संक्रमण से बचाव में प्रभावी उपाय हैं। यदि लक्षणों की अनदेखी न की जाए और सही समय पर कदम उठाए जाएँ, तो पेट के इन्फेक्शन को आसानी से नियंत्रित और ठीक किया जा सकता है। सतर्कता, सावधानी और स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता ही इसका सबसे अच्छा समाधान है।

विशेषज्ञ उद्धरण

पेट का संक्रमण एक आम लेकिन संभावित रूप से गंभीर स्वास्थ्य समस्या है, जो यदि समय पर पहचानी और ठीक से इलाज न की जाए तो डिहाइड्रेशन और पोषण की कमी जैसी जटिल स्थितियाँ उत्पन्न कर सकती है। इससे बचाव के लिए स्वच्छ पानी और हाइजीनिक भोजन का सेवन, साथ ही लक्षण दिखते ही डॉक्टर से परामर्श लेना सबसे कारगर उपाय माना जाता है।

-Dr. Boban Raju

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)

पेट में इंफेक्शन होने पर क्या दिक्कत होती है?

पेट में संक्रमण होने पर व्यक्ति को बार-बार दस्त, पेट में ऐंठन, मतली, उल्टी और बुखार जैसी समस्याएँ हो सकती हैं। शरीर में पानी और ऊर्जा की कमी भी महसूस हो सकती है।

आंत में इन्फेक्शन के क्या लक्षण हैं?

आंतों में संक्रमण के सामान्य लक्षणों में पेट दर्द, मरोड़, पतले दस्त, गैस, बुखार, और कभी-कभी खून की मिलावट सहित मिचलाहट शामिल होती है।

पेट में इन्फेक्शन के लिए कौन से टेस्ट किए जाते हैं?

इस स्थिति की पुष्टि के लिए डॉक्टर आमतौर पर मल की जाँच (स्टूल टेस्ट), रक्त परीक्षण और आवश्यक होने पर पेट का अल्ट्रासाउंड या सीटी स्कैन कराने की सलाह दे सकते हैं।

पेट के इन्फेक्शन की सबसे प्रभावी दवा कौन सी होती है?

उपचार संक्रमण के कारण पर निर्भर करता है। बैक्टीरियल इन्फेक्शन में एंटीबायोटिक्स, वायरल संक्रमण में सामान्यतः लक्षणों का इलाज किया जाता है, और गंभीर मामलों में डॉक्टर के निर्देशानुसार दवाएं दी जाती हैं।

इन्फेक्शन किस वजह से होता है?

पेट या आंतों में संक्रमण आमतौर पर हानिकारक बैक्टीरिया (जैसे E. coli, Salmonella), वायरस (जैसे Norovirus), या फंगस के कारण होता है। यह दूषित भोजन या पानी के सेवन से फैल सकता है।

पेट में इन्फेक्शन होने पर किन चीजों से परहेज़ करना चाहिए?

मसालेदार, तले हुए, अत्यधिक तैलीय या अधपके खाद्य पदार्थों से बचना चाहिए। साथ ही कच्चा मांस, अनपाश्चुराइज्ड दूध और बाहर का अस्वच्छ खाना नहीं खाना चाहिए।

पेट में इन्फेक्शन कितने दिन में ठीक होता है?

सामान्यत: पेट का हल्का संक्रमण 3 से 7 दिनों में ठीक हो सकता है। लेकिन गंभीर संक्रमण या कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों में इससे उबरने में अधिक समय लग सकता है।

संदर्भ सूची

Select Category
Was this article useful?
44 people find this information helpful

Meet our Health Experts

View All
Dr. Nikhil Ambatkar
Dr. Nikhil Ambatkar

Ph.D, M.Tech, B.Tech

7 years
Dr. Sachin Singh
Dr. Sachin Singh

MBBS

6 years
Dr. Mandeep Chadha
Dr. Mandeep Chadha

MBBS, DNB (OBGY)

11 years
Amatul Ameen
Amatul Ameen

B. Pharm, MSc.

13 years
Amit Sharma
Amit Sharma

B. Pharm

4 years
Rohini Mankar
Rohini Mankar

Bsc. Zoology, Masters of Public Health

12 years
Dr. Divya Mandial
Dr. Divya Mandial

PhD in Chemistry

9 years
Dr. Sonia Gupta
Dr. Sonia Gupta

BDS

7 years
Saloni Bhardwaj Sharma
Saloni Bhardwaj Sharma

B.Pharm, M.Pharm

4 years
Dr. Chhavi Rosha
Dr. Chhavi Rosha

BAMS, FMC, MD Resident

9 years
Dr. Lakshmi Vaswani
Dr. Lakshmi Vaswani

MBBS, Diploma Pathology, MBA (Healthcare Services)

14 years

Follow us on

Disclaimer

Our healthcare experts have carefully reviewed and compiled the information presented here to ensure accuracy and trustworthiness. It is important to note that this information serves as a general overview of the topic and is for informational purposes only. It is not intended to diagnose, prevent, or cure any health problem. This page does not establish a doctor-patient relationship, nor does it replace the advice or consultation of a registered medical practitioner. We recommend seeking guidance from your registered medical practitioner for any questions or concerns regarding your medical condition.

Subscribe

Claim your complimentary health and fitness tips subscription and stay updated on our newest promotions.

Registered Office Address

Intellihealth Solutions Private Limited
Unit-301 & 304, Lightbridge Tunga Village, Saki Vihar Rd, Chandivali, Powai, Mumbai, Maharashtra, India, 400072.
CIN: U62099MH2019PTC320566
Telephone:09240250346

Grievance Officer

Name: Chandrasekhar Swaminathan

Download Truemeds

Manage your health with ease Download Truemeds today!Get easy access to medicine refills, health information, and more. With our app, you'll never have to wait in line again. Download now and start taking control of your health.
Playstore
Apple App  Store

Contact Us

Our customer representative team is available 7 days a week from 9 am - 9 pm.


v4.2.1

copyright

2025 - Truemeds | All rights reserved. Our content is for informational purposes only. See additional information.

Trust Certified

Our Payment Partners

paymentPartnerpaymentPartnerpaymentPartnerpaymentPartnerpaymentPartner
paymentPartnerpaymentPartnerpaymentPartnerpaymentPartner