Last updated on : 30 Apr, 2025
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शीघ्रपतन पुरुषों में होने वाली एक सामान्य यौन समस्या है जो यौन संतुष्टि और आत्मविश्वास को प्रभावित कर सकती है। यह स्थिति तब उत्पन्न होती है जब पुरुष यौन क्रिया के दौरान अपेक्षा से जल्दी स्खलन कर लेता है। शीघ्रपतन का इलाज घरेलू उपायों, जीवनशैली परिवर्तनों और चिकित्सकीय सलाह के माध्यम से संभव है। इस लेख में हम शीघ्रपतन क्या होता है, इसके लक्षण, कारण और शीघ्रपतन रोकने के उपाय पर विस्तार से चर्चा करेंगे।
शीघ्रपतन एक यौन समस्या है जिसमें पुरुष यौन क्रिया शुरू होने के एक मिनट के भीतर या उससे पहले स्खलन कर लेता है जिसके परिणामस्वरूप वह और उसका साथी यौन संतुष्टि प्राप्त नहीं कर पाते। यह वह स्थिति है जब स्खलन पर नियंत्रण नहीं रहता और यह इच्छा से पहले हो जाता है। यह समस्या सभी उम्र के पुरुषों को प्रभावित कर सकती है और इसके कारण शारीरिक, मानसिक, या जीवनशैली से संबंधित हो सकते हैं। आयुर्वेद और आधुनिक चिकित्सा दोनों इसे एक प्रबंधनीय स्थिति मानते हैं। शीघ्रपतन दो प्रकार का हो सकता है: प्राथमिक शीघ्रपतन किशोरावस्था से शुरू होता है और जीवन भर बना रह सकता है। द्वितीयक शीघ्रपतन बाद में विकसित होता है जो तनाव, स्वास्थ्य समस्याओं या अन्य कारकों के कारण हो सकता है। शीघ्रपतन के कारण समझना इसके उपचार के लिए महत्वपूर्ण है। यह न केवल यौन जीवन को प्रभावित करता है बल्कि आत्मसम्मान और रिश्तों पर भी असर डाल सकता है। शीघ्रपतन का इलाज प्राकृतिक उपायों और विशेषज्ञ सलाह से प्रभावी ढंग से किया जा सकता है।
शीघ्रपतन के लक्षण बहुत स्पष्ट होते हैं और ये लक्षण पुरुषों के जीवन को प्रभावित कर सकते हैं। आइए, हम शीघ्रपतन के प्रमुख लक्षणों पर चर्चा करें:
शीघ्रपतन के कई कारण हो सकते हैं, जो मानसिक, शारीरिक और हार्मोनल बदलावों से संबंधित हो सकते हैं। नीचे कुछ मुख्य कारणों पर चर्चा की गई है:
मानसिक तनाव और चिंता शीघ्रपतन के प्रमुख कारणों में से एक हैं। जब व्यक्ति मानसिक रूप से दबाव महसूस करता है या किसी समस्या के बारे में अत्यधिक चिंता करता है, तो इसका असर उसके यौन प्रदर्शन पर पड़ सकता है। यौन क्रिया के दौरान, मानसिक दबाव के कारण शरीर के अंदर के तंत्रिका तंत्र पर असर पड़ता है जिससे स्खलन पर नियंत्रण खो जाता है।
चिंता और तनाव के कारण, व्यक्ति अपनी यौन क्रिया पर अधिक सोचने लगता है जिससे उसके दिमाग में लगातार नकारात्मक विचार आते हैं। यह स्थिति पुरुष को यौन संतुष्टि से दूर करती है और शीघ्रपतन की समस्या को जन्म देती है। इसके अलावा, मानसिक तनाव हार्मोनल असंतुलन को भी बढ़ावा दे सकता है जो यौन प्रदर्शन पर और भी असर डालता है।
याद रखें कि मानसिक स्वास्थ्य का यौन स्वास्थ्य से गहरा संबंध है। यदि तनाव और चिंता का स्तर अधिक हो, तो इसे नियंत्रित करना और मानसिक शांति बनाए रखना आवश्यक होता है। ध्यान, योग और प्राणायाम जैसे उपाय मानसिक तनाव को कम करने में सहायक हो सकते हैं और इस प्रकार शीघ्रपतन पर काबू पाया जा सकता है।
यौन अनुभव की कमी भी शीघ्रपतन का एक सामान्य कारण हो सकती है विशेष रूप से उन पुरुषों में जो पहली बार यौन संबंध बनाते हैं या जिन्होंने यौन संबंधों का सीमित अनुभव किया है। जब एक व्यक्ति यौन क्रिया के दौरान अपरिचित होता है या उसका अनुभव कम होता है तो उसे स्खलन पर नियंत्रण पाने में मुश्किल होती है। शुरुआत में, यौन क्रिया में अत्यधिक उत्तेजना और उत्सुकता के कारण जल्दी स्खलन हो सकता है क्योंकि शरीर और मस्तिष्क को पूरी प्रक्रिया की आदत नहीं होती।
युवाओं या जिनका यौन अनुभव सीमित होता है उन्हें इस समस्या का सामना अधिक करना पड़ता है। इस दौरान, मानसिक दबाव और चिंता भी बढ़ जाती है जो शीघ्रपतन की समस्या को और बढ़ावा देती है। यौन अनुभव की कमी के कारण, व्यक्ति अपने शरीर और उत्तेजनाओं को सही तरीके से समझ नहीं पाता जिससे स्खलन पर नियंत्रण खो जाता है।
समय के साथ जब यौन अनुभव बढ़ता है और व्यक्ति यौन क्रिया के प्रति आत्मविश्वास विकसित करता है, तो शीघ्रपतन की समस्या धीरे-धीरे कम हो सकती है। उचित मानसिक शांति और यौन शिक्षा इस प्रक्रिया को बेहतर बनाने में मदद कर सकती है।
शारीरिक समस्याएँ भी शीघ्रपतन के प्रमुख कारणों में से एक हो सकती हैं। जब पुरुषों में यौन प्रणाली से संबंधित कोई शारीरिक समस्या होती है, तो इसका सीधा प्रभाव उनके यौन प्रदर्शन पर पड़ता है। उदाहरण के तौर पर, स्तंभन दोष (Erectile Dysfunction) की समस्या में पुरुषों को यौन उत्तेजना प्राप्त करने में कठिनाई होती है जिससे स्खलन को नियंत्रित करना और भी मुश्किल हो जाता है। इस प्रकार की शारीरिक समस्याएँ शीघ्रपतन का कारण बन सकती हैं क्योंकि पुरुष यौन क्रिया के दौरान उत्तेजना को अधिक महसूस करते हैं और बिना नियंत्रण के जल्दी स्खलित हो जाते हैं।
इसके अलावा, हार्मोनल असंतुलन जैसे टेस्टोस्टेरोन के स्तर में कमी, भी यौन प्रदर्शन को प्रभावित कर सकता है। जब शरीर में आवश्यक हार्मोन का सही स्तर नहीं होता तो यौन क्रिया के दौरान स्खलन पर नियंत्रण बनाए रखना कठिन हो सकता है। साथ ही, मधुमेह, उच्च रक्तचाप या हृदय से संबंधित समस्याएँ भी यौन स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकती हैं। इन शारीरिक समस्याओं का सही इलाज करके शीघ्रपतन पर काबू पाया जा सकता है। नियमित मेडिकल चेक-अप और उचित उपचार से इस समस्या को नियंत्रित किया जा सकता है।
शीघ्रपतन का इलाज घरेलू उपायों के माध्यम से प्रभावी और सुरक्षित ढंग से किया जा सकता है। ये उपाय प्राकृतिक, लागत-प्रभावी और आसानी से उपलब्ध हैं। निम्नलिखित प्रमुख घरेलू उपचार हैं:
अश्वगंधा (Withania somnifera) एक प्राचीन आयुर्वेदिक औषधि है जिसे “भारतीय जिन्सेंग” के नाम से भी जाना जाता है। यह मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य दोनों के लिए लाभकारी है और यह शीघ्रपतन जैसी यौन समस्याओं के उपचार में सहायक हो सकता है। अश्वगंधा के सेवन से शरीर में ऊर्जा और सहनशक्ति का स्तर बढ़ता है जिससे मानसिक तनाव और चिंता कम होती है। तनाव को कम करने के कारण यह यौन क्रिया के दौरान स्खलन पर नियंत्रण पाने में मदद करता है।
इसके अलावा, अश्वगंधा में एंटीऑक्सीडेंट और विरोधी सूजन गुण होते हैं जो शरीर को ताजगी प्रदान करते हैं और यौन स्वास्थ्य में सुधार करते हैं। यह शरीर के हार्मोनल संतुलन को बनाए रखने में भी मदद करता है विशेष रूप से टेस्टोस्टेरोन के स्तर को बढ़ाने में जो यौन शक्ति के लिए आवश्यक है। नियमित रूप से अश्वगंधा का सेवन शीघ्रपतन को नियंत्रित करने में सहायक हो सकता है।
पेल्विक फ्लोर व्यायाम, जिसे केगेल व्यायाम भी कहा जाता है, पुरुषों और महिलाओं दोनों के लिए बहुत लाभकारी होते हैं। यह व्यायाम पेल्विक मांसपेशियों को मजबूत बनाने के लिए किया जाता है, जो यौन स्वास्थ्य और नियंत्रण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। जब पुरुष इन मांसपेशियों को मजबूत करते हैं तो उन्हें स्खलन पर बेहतर नियंत्रण प्राप्त होता है जिससे शीघ्रपतन की समस्या में सुधार हो सकता है।
पेल्विक फ्लोर व्यायाम को करना आसान है और इसे कहीं भी किया जा सकता है। इसमें पेल्विक मांसपेशियों को कसने और छोड़ने की प्रक्रिया होती है। यह व्यायाम रक्त संचार को बढ़ाता है और पेल्विक क्षेत्र की मांसपेशियों को लचीला और मजबूत बनाता है। नियमित रूप से इस व्यायाम का अभ्यास शीघ्रपतन की समस्या को कम करने में सहायक हो सकता है। इसके अलावा, यह शारीरिक स्वास्थ्य में भी सुधार लाता है, जैसे यौन सहनशक्ति बढ़ाना और यौन संतुष्टि को बढ़ावा देना।
स्टॉप-स्टार्ट और स्क्वीज़ तकनीक शीघ्रपतन को नियंत्रित करने के लिए बहुत प्रभावी उपाय हैं जो पुरुषों को यौन क्रिया के दौरान स्खलन पर बेहतर नियंत्रण पाने में मदद करती हैं।
स्टॉप-स्टार्ट तकनीक में पुरुष स्खलन के पहले यौन क्रिया को कुछ समय के लिए रोकते हैं। जब वे महसूस करते हैं कि स्खलन के करीब हैं तो वे यौन क्रिया को रोक देते हैं और फिर पुनः शुरू करते हैं। इस प्रक्रिया को दो-तीन बार दोहराया जाता है जिससे पुरुष को स्खलन पर अधिक नियंत्रण मिलता है और वह अपनी सहनशक्ति में सुधार कर सकते हैं।
स्क्वीज़ तकनीक में यौन क्रिया के दौरान लिंग के सिर को हल्का दबाया जाता है जिससे स्खलन को रोका जा सकता है। यह तकनीक स्खलन के अत्यधिक उत्तेजना को कम करने में मदद करती है और इसे तब उपयोग किया जाता है जब व्यक्ति महसूस करता है कि वह जल्दी स्खलन कर सकता है। इन दोनों तकनीकों का नियमित अभ्यास शीघ्रपतन की समस्या में सुधार कर सकता है।
सही आहार और जीवनशैली शीघ्रपतन की समस्या को नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। एक संतुलित आहार से शरीर को आवश्यक पोषक तत्व मिलते हैं जो यौन स्वास्थ्य को बेहतर बनाते हैं। उदाहरण के लिए, विटामिन और खनिजों से भरपूर फल, हरी सब्जियाँ और साबुत अनाज यौन सहनशक्ति को बढ़ाने में मदद करते हैं। मच्छली, अंडे और मेवे जैसे प्रोटीन स्रोत भी यौन शक्ति को सुधारने में सहायक होते हैं। इसके अतिरिक्त, शरीर में हार्मोनल संतुलन बनाए रखने के लिए सही आहार का सेवन आवश्यक होता है।
साथ ही, एक स्वस्थ जीवनशैली अपनाना भी महत्वपूर्ण है। नियमित व्यायाम, जैसे योग और कार्डियो, रक्त संचार को बेहतर बनाते हैं और मानसिक तनाव को कम करते हैं, जो शीघ्रपतन के प्रमुख कारणों में से एक है। पर्याप्त नींद और तनाव कम करने के उपाय, जैसे ध्यान और प्राणायाम, भी यौन स्वास्थ्य में सुधार लाने में मदद करते हैं। इसलिए, सही आहार और जीवनशैली का पालन करने से शीघ्रपतन को नियंत्रित किया जा सकता है।
शीघ्रपतन रोकने के उपाय न केवल इस समस्या को कम करते हैं, बल्कि यौन और समग्र स्वास्थ्य को भी बढ़ावा देते हैं। निम्नलिखित प्रमुख उपाय हैं:
तनाव और चिंता का सीधा असर यौन प्रदर्शन पर पड़ता है और यह शीघ्रपतन की समस्या को बढ़ा सकता है। जब कोई व्यक्ति मानसिक दबाव महसूस करता है तो उसका शरीर अतिरिक्त तनाव प्रतिक्रिया दिखाता है जिससे यौन क्रिया के दौरान स्खलन पर नियंत्रण खो जाता है। तनाव को कम करने के लिए मानसिक शांति और विश्राम आवश्यक होते हैं जिससे स्खलन को नियंत्रित किया जा सकता है।
तनाव कम करने के लिए कुछ प्रभावी उपाय हैं जैसे योग, ध्यान और प्राणायाम। ये उपाय शरीर को आराम देते हैं और मानसिक स्थिति को शांत करते हैं। नियमित रूप से ध्यान और प्राणायाम का अभ्यास करने से दिमागी संतुलन बनाए रखने में मदद मिलती है और तनाव का स्तर कम होता है। इसके अलावा, शारीरिक व्यायाम जैसे कार्डियो और योग भी तनाव कम करने में सहायक होते हैं। तनाव कम करने से न केवल शीघ्रपतन की समस्या में सुधार होता है, बल्कि यह समग्र यौन स्वास्थ्य को भी बढ़ावा देता है।
संतुलित आहार यौन स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है और यह शीघ्रपतन जैसी समस्याओं को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है। एक संतुलित आहार में सही मात्रा में प्रोटीन, विटामिन, खनिज और स्वास्थ्यप्रद वसा शामिल होते हैं जो शरीर की ऊर्जा को बनाए रखते हैं और यौन सहनशक्ति को बढ़ावा देते हैं। ताजे फल, हरी सब्जियाँ, साबुत अनाज, मछली और मेवे यौन स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होते हैं क्योंकि इनमें शरीर के लिए आवश्यक पोषक तत्व होते हैं।
इसके अलावा, संतुलित आहार शरीर में हार्मोनल असंतुलन को भी नियंत्रित करता है जो यौन प्रदर्शन को प्रभावित कर सकता है। इसके अलावा, ओमेगा-3 फैटी एसिड, जो मछली और फ्लैक्स सीड्स में पाया जाता है, रक्त संचार को बेहतर बनाता है और यौन क्षमता को बढ़ाता है। सही आहार के साथ, एक स्वस्थ जीवनशैली भी महत्वपूर्ण है, जो शीघ्रपतन की समस्या में कमी लाने में मदद करती है।
नियमित व्यायाम और योग न केवल शारीरिक स्वास्थ्य के लिए बल्कि मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। ये दोनों ही शीघ्रपतन की समस्या को नियंत्रित करने में सहायक हो सकते हैं। व्यायाम से शरीर में रक्त संचार बेहतर होता है जो यौन स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है। शारीरिक व्यायाम जैसे कार्डियो, दौड़ना और वजन उठाना यौन सहनशक्ति को बढ़ाते हैं और शरीर को ताजगी प्रदान करते हैं।
योग और प्राणायाम से मानसिक शांति मिलती है और तनाव को कम करने में मदद मिलती है जो शीघ्रपतन के प्रमुख कारणों में से एक है। योग से शरीर लचीला और मजबूत होता है, जिससे पेल्विक मांसपेशियाँ भी मजबूत होती हैं, जो स्खलन पर नियंत्रण रखने में मदद करती हैं। नियमित रूप से योग और व्यायाम करने से आत्म-संयम में सुधार होता है और व्यक्ति को यौन क्रिया के दौरान बेहतर नियंत्रण प्राप्त होता है। इस प्रकार, शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाए रखने के लिए व्यायाम और योग दोनों ही महत्वपूर्ण हैं।
अगर किसी व्यक्ति को शीघ्रपतन की समस्या लगातार होती है और घरेलू उपायों से कोई राहत नहीं मिल रही है, तो डॉक्टर से संपर्क करना अत्यंत आवश्यक होता है। यह समस्या केवल शारीरिक नहीं, बल्कि मानसिक और भावनात्मक भी हो सकती है, जिससे आत्म-सम्मान और रिश्तों में तनाव आ सकता है। यदि शीघ्रपतन के कारण मानसिक दबाव या चिंता बढ़ रही है और यह व्यक्ति की जीवन गुणवत्ता को प्रभावित कर रहा है, तो विशेषज्ञ की मदद लेना जरूरी होता है।
डॉक्टर से संपर्क करने का समय तब आता है जब समस्या कई महीनों तक बनी रहती है या यदि घरेलू उपचारों का प्रभाव नजर नहीं आता। डॉक्टर आपकी स्थिति का सही मूल्यांकन करेंगे, जो शारीरिक कारणों जैसे हार्मोनल असंतुलन, मानसिक कारणों जैसे तनाव या किसी अन्य चिकित्सा समस्या को शामिल कर सकता है। इसके बाद, डॉक्टर उचित उपचार, थेरेपी, या दवाइयाँ सुझा सकते हैं, जो शीघ्रपतन के लक्षणों को कम करने में मदद करती हैं।
यह भी महत्वपूर्ण है कि यदि शीघ्रपतन अन्य स्वास्थ्य समस्याओं से जुड़ा हुआ है, जैसे स्तंभन दोष या हृदय संबंधी समस्याएँ, तो डॉक्टर से सलाह लेकर इनका इलाज कराना चाहिए, ताकि समस्या का समग्र समाधान किया जा सके।
शीघ्रपतन एक आम यौन समस्या है, लेकिन इसका इलाज संभव है। मानसिक तनाव, शारीरिक समस्याएँ और यौन अनुभव की कमी इसके प्रमुख कारण हो सकते हैं। घरेलू उपाय जैसे अश्वगंधा, पेल्विक फ्लोर व्यायाम, और सही आहार और जीवनशैली से शीघ्रपतन में सुधार हो सकता है। यदि समस्या बनी रहती है, तो डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। शीघ्रपतन से बचने के लिए तनाव कम करना, संतुलित आहार और नियमित व्यायाम महत्वपूर्ण हैं।
हाँ, शीघ्रपतन का इलाज संभव है। घरेलू उपचार, योग और स्वस्थ जीवनशैली के साथ डॉक्टर की सलाह से इसका इलाज किया जा सकता है।
शीघ्रपतन के प्रमुख कारण मानसिक तनाव, यौन अनुभव की कमी, शारीरिक समस्याएँ और हार्मोनल असंतुलन हो सकते हैं।
जी हां, घरेलू उपाय जैसे अश्वगंधा, पेल्विक फ्लोर व्यायाम और सही आहार शीघ्रपतन को कम करने में मदद कर सकते हैं।
प्राणायाम, भस्त्रिका, और उज्जयी प्राणायाम जैसे योगासन मानसिक तनाव को कम करने और यौन स्वास्थ्य को सुधारने में मदद करते हैं।
जी हां, शीघ्रपतन से मानसिक तनाव, आत्म-सम्मान में कमी और रिश्तों में समस्या हो सकती है।
यह व्यक्ति की स्थिति पर निर्भर करता है। कुछ मामलों में घरेलू उपाय तुरंत प्रभाव दिखा सकते हैं, जबकि कुछ मामलों में डॉक्टर की सलाह की आवश्यकता हो सकती है।
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