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ब्रेस्ट कैंसर क्या है: जानें इसके लक्षण, कारण, इलाज

Last updated on : 11 Jul, 2025

Read time : 14 min

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, स्तन कैंसर महिलाओं में सबसे आम कैंसर है। यह तब विकसित होता है जब स्तन की कोशिकाएं असामान्य रूप से बढ़ने लगती हैं और एक गांठ का निर्माण करती हैं। हालांकि हर गांठ कैंसरजनित नहीं होती, लेकिन स्तनों में किसी भी प्रकार की असामान्य गतिविधि—जैसे गांठ, त्वचा में बदलाव या स्राव—को अनदेखा नहीं करना चाहिए। ध्यान देने योग्य बात यह है कि स्तन कैंसर पुरुषों को भी प्रभावित कर सकता है, लेकिन इसके मामले बेहद दुर्लभ होते हैं। समय-समय पर चिकित्सकीय जांच और विशेषज्ञ से सलाह लेना, इस रोग की शीघ्र पहचान और बचाव में सहायक हो सकता है।

ब्रेस्ट कैंसर क्या होता है (What is Breast Cancer?)

स्तन कैंसर एक प्रकार की गंभीर बीमारी है जिसमें स्तन की कोशिकाएं अनियंत्रित गति से विभाजित होने लगती हैं और एक गांठ या ट्यूमर का निर्माण करती हैं। समय के साथ ये असामान्य कोशिकाएं शरीर के अन्य अंगों में भी फैल सकती हैं, जिसे मेटास्टेसिस कहा जाता है। यह बीमारी मुख्य रूप से महिलाओं को प्रभावित करती है, लेकिन दुर्लभ मामलों में पुरुष भी इससे ग्रसित हो सकते हैं। शुरुआती लक्षणों की पहचान और समय पर जांच इस बीमारी से बचाव में अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

ब्रेस्ट कैंसर की कितनी स्टेज होती हैं (Breast Cancer Stages)

स्तन कैंसर को आमतौर पर पांच चरणों (Stages) में बांटा गया है, जो स्टेज 0 से लेकर स्टेज IV (0 से 4) तक होती हैं। स्टेज जितनी शुरुआती होती है, इलाज उतना ही प्रभावी और सफल होने की संभावना होती है। आइए जानते हैं प्रत्येक स्टेज के बारे में विस्तार से:

स्टेज 0 (Stage 0 – गैर-आक्रामक)

यह सबसे शुरुआती और गैर-आक्रामक अवस्था होती है, जिसे DCIS (Ductal Carcinoma In Situ) भी कहा जाता है। इस स्टेज में कैंसर केवल दूध की नलिकाओं तक सीमित रहता है और शरीर के अन्य हिस्सों में नहीं फैला होता। उपचार आमतौर पर सर्जरी या रेडिएशन से संभव होता है।

स्टेज 1 (Stage I)

इस स्टेज में गांठ का आकार 2 सेंटीमीटर से छोटा होता है और यह लिम्फ नोड्स तक नहीं पहुंची होती। मैमोग्राफी या अल्ट्रासोनोग्राफी से इसका जल्दी पता लगाया जा सकता है। इस अवस्था में उपचार के रूप में सर्जरी, कीमोथेरपी, रेडिएशन और हार्मोन थेरेपी दी जाती है। इस स्टेज में इलाज से लगभग 95% रोगियों में कैंसर को दोबारा होने से रोका जा सकता है।

स्टेज 2 (Stage II)

इस चरण में गांठ का आकार 2 सेमी से अधिक होता है और यह पास के लिम्फ नोड्स तक पहुंच सकती है। डॉक्टर पहले कीमोथेरपी या दवाओं द्वारा ट्यूमर को छोटा करते हैं, फिर सर्जरी और रेडिएशन जैसी प्रक्रियाएं अपनाई जाती हैं। इस स्टेज के करीब 80% मामलों में इलाज संभव होता है।

स्टेज 3 (Stage III)

इस स्टेज में कैंसर अधिक आक्रामक रूप ले लेता है। गांठ का आकार 5 सेंटीमीटर से बड़ा हो सकता है और यह बगल या गर्दन के लिम्फ नोड्स तक फैल सकती है। उपचार में कीमोथेरपी, सर्जरी, रेडिएशन, हार्मोन थेरेपी और टारगेटेड थैरेपी का इस्तेमाल किया जाता है। इस स्टेज में करीब 60% रोगियों में सफल इलाज की संभावना रहती है।

स्टेज 4 (Stage IV – मेटास्टेटिक)

यह स्तन कैंसर का सबसे उन्नत चरण होता है जिसमें कैंसर शरीर के अन्य अंगों जैसे हड्डियों, फेफड़ों, यकृत और मस्तिष्क में फैल चुका होता है। हालांकि यह स्टेज गंभीर होती है, लेकिन एडवांस ट्रीटमेंट और टारगेटेड थेरेपी के ज़रिए इसे नियंत्रित किया जा सकता है और रोगी बेहतर जीवन गुणवत्ता के साथ जी सकता है। सही मार्गदर्शन के लिए हमेशा कैंसर विशेषज्ञ से परामर्श लें।

ब्रेस्ट कैंसर के प्रकार (Breast Cancer Types)

स्तन कैंसर मुख्य रूप से दो प्रकार का होता है: इनवेसिव (Invasive) और नॉन-इनवेसिव (Non-Invasive)। इन दोनों प्रकारों की पहचान और इलाज के तरीके अलग होते हैं। आइए इन दोनों के बारे में विस्तार से जानें:

1. इनवेसिव स्तन कैंसर (Invasive Breast Cancer) – तेजी से फैलने वाला कैंसर

इनवेसिव ब्रैस्ट कैंसर वह अवस्था होती है जब कैंसर कोशिकाएं स्तन की मूल संरचना (जैसे डक्ट या लोब्यूल) से बाहर निकलकर पास के ऊतकों या शरीर के अन्य हिस्सों तक फैलने लगती हैं। इसे आक्रामक स्तन कैंसर भी कहा जाता है।
यह सबसे आम प्रकार का स्तन कैंसर है और इसके उदाहरण हैं:

  • इनवेसिव डक्टल कार्सिनोमा (IDC) – यह सबसे आम प्रकार है, जिसमें कैंसर डक्ट से निकलकर आसपास के स्तन ऊतकों में फैलता है।
  • इनवेसिव  लोब्यूलर कार्सिनोमा (ILC) – यह लोब्यूल्स से शुरू होकर फैलता है।

2. नॉन-इनवेसिव स्तन कैंसर (Non-Invasive Breast Cancer) – धीरे फैलने वाला कैंसर

नॉन-इनवेसिव ब्रैस्ट कैंसर में कैंसर कोशिकाएं केवल डक्ट्स या लोब्यूल्स तक ही सीमित रहती हैं और आसपास के ऊतकों में नहीं फैलतीं। इसे “कार्सिनोमा इन सीटू (Carcinoma in Situ)” भी कहा जाता है।
इसका जल्दी पता चल जाने पर उपचार आसान और प्रभावी हो सकता है। मुख्य उदाहरण:

  • Ductal Carcinoma in Situ (DCIS) – यह एक प्रारंभिक अवस्था है, जो केवल डक्ट्स तक सीमित रहती है और समय पर इलाज से पूरी तरह ठीक हो सकती है।
  • Lobular Carcinoma in Situ (LCIS) – यह लोब्यूल्स में पाया जाता है और भविष्य में इनवेसिव कैंसर के जोखिम को बढ़ा सकता है।

ब्रेस्ट कैंसर के लक्षण क्या हैं? (Breast Cancer Symptoms)

स्तन कैंसर के लक्षण व्यक्ति विशेष, कैंसर की स्टेज और प्रकार पर निर्भर करते हैं। प्रारंभिक अवस्था में इसके संकेत बहुत हल्के या अदृश्य हो सकते हैं, लेकिन समय के साथ इसके लक्षण स्पष्ट होने लगते हैं। स्तन या बगल में गांठ सबसे आम लक्षणों में से एक है, लेकिन इसके अलावा भी कई अन्य लक्षणों पर ध्यान देना ज़रूरी है।

ब्रेस्ट कैंसर के प्रमुख लक्षण:

  1. स्तन या बगल में गांठ – एक कठोर, दर्द रहित गांठ जो धीरे-धीरे बढ़ती है।
  2. स्तन में या उसके आसपास लगातार दर्द – जो सामान्य हार्मोनल बदलाव से अलग महसूस हो सकता है।
  3. स्तन की त्वचा में बदलाव – लालिमा, सूजन, खुरदरापन या त्वचा का गाढ़ा हो जाना (जैसे संतरे के छिलके जैसी)।
  4. निप्पल से असामान्य डिस्चार्ज – विशेषकर अगर उसमें रक्त मिले तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
  5. निप्पल का अंदर की ओर मुड़ना या उसका आकार बदलना
  6. स्तन के आकार या बनावट में अचानक परिवर्तन
  7. निप्पल या स्तन की त्वचा पर खुजली, जलन या छाले/दाने

महत्वपूर्ण नोट: हर स्तन में गांठ का मतलब कैंसर नहीं होता, लेकिन किसी भी बदलाव या असामान्य लक्षण को नजरअंदाज न करें। समय पर जांच से बीमारी का पता लगाकर उपचार शुरू किया जा सकता है।

ब्रेस्ट कैंसर के कारण (Breast Cancer Causes)

ब्रेस्ट कैंसर कैसे होता है या ब्रेस्ट कैंसर क्यों होता है इसका सटीक कारण अभी भी स्पष्ट नहीं है। लेकिन कुछ जोखिम कारक इसकी अधिक संभावना बनाते हैं। आप इसके निम्नलिखित जोखिम कारक को पढ़ सकते हैं।

उम्र का बढ़ना (Increasing Age)

  • 50 वर्ष की उम्र के बाद ब्रेस्ट कैंसर का खतरा काफी बढ़ जाता है।

आनुवंशिक कारण (Genetics/Family History)

  • यदि माता, बहन या अन्य करीबी रिश्तेदार को ब्रेस्ट कैंसर हुआ है, तो जोखिम बढ़ जाता है।
  • BRCA1 और BRCA2 जैसे जीन म्यूटेशन इसका कारण बन सकते हैं।

पूर्व में स्तन कैंसर या गांठ होना

  • पहले कभी स्तन कैंसर या सौम्य गांठ हो चुकी हो तो दोबारा होने की संभावना अधिक रहती है।

एस्ट्रोजन के लंबे समय तक संपर्क में रहना

  • जल्दी पीरियड्स शुरू होना (12 साल से पहले)
  • देर से मेनोपॉज (55 साल के बाद)
  • स्तनपान न कराना
    ये सभी स्थितियाँ शरीर को अधिक समय तक एस्ट्रोजन के संपर्क में लाती हैं, जिससे जोखिम बढ़ता है।

मोटापा और हार्मोन असंतुलन

  • खासतौर पर मेनोपॉज के बाद अधिक वजन, शरीर में एस्ट्रोजन के स्तर को बढ़ाता है, जिससे कैंसर का खतरा बढ़ता है।

शराब का सेवन (Alcohol Consumption)

  • नियमित और अधिक मात्रा में शराब पीने से स्तन कैंसर का खतरा कई गुना तक बढ़ सकता है।

रेडिएशन एक्सपोजर

  • यदि पहले किसी अन्य कारण से छाती पर रेडिएशन लिया गया हो (जैसे लिंफोमा के लिए), तो ब्रेस्ट कैंसर का जोखिम बढ़ता है।

फिजिकल एक्टिविटी की कमी

  • नियमित शारीरिक गतिविधि न करना भी एक जोखिम कारक माना जाता है।

ब्रेस्ट कैंसर की जांच कैसे होती है? (Breast Cancer Diagnosis)

स्व-परीक्षण (Self-Examination)

  • हर महीने मासिक धर्म खत्म होने के बाद अपने स्तनों की खुद जांच करें।
  • किसी भी गांठ, असमानता, सूजन, या त्वचा के बदलाव पर विशेष ध्यान दें।

क्लिनिकल परीक्षण (Clinical Breast Exam

  • डॉक्टर या हेल्थ प्रोफेशनल द्वारा किया गया शारीरिक परीक्षण।
  • इसमें स्तनों और बगल के क्षेत्रों को हाथ से जांचा जाता है।

मैमोग्राफी (Mammography)

  • स्तनों का एक्स-रे, जिससे छोटी गांठ या असामान्य बदलाव का पता लगाया जाता है।
  • यह 40 वर्ष की उम्र के बाद नियमित रूप से करवाना सलाह दी जाती है।

अल्ट्रासाउंड (Breast Ultrasound)

  • ध्वनि तरंगों के माध्यम से स्तनों की अंदरूनी छवि बनाई जाती है।
  • यह जांच आमतौर पर तब की जाती है जब मैमोग्राफी में कोई संदेहजनक चीज़ दिखे।

बायोप्सी (Biopsy)

  • सबसे सटीक जांच प्रक्रिया।
  • इसमें स्तन की गांठ या संदिग्ध ऊतक से एक छोटा नमूना निकालकर लैब में कैंसर कोशिकाओं की जांच की जाती है।

ब्रेस्ट कैंसर के जोखिम क्या हैं? (Risk Factor of Breast Cancer)

ब्रेस्ट कैंसर के जोखिम कई कारक पर निर्भर करते हैं, जिनमें शामिल हैं:

आयु (Age)

  • उम्र बढ़ने के साथ स्तन कैंसर का खतरा भी बढ़ता है, खासकर 50 वर्ष के बाद।

परिवार का इतिहास (Family History

  • यदि आपकी मां, बहन या बेटी को स्तन कैंसर रहा है, तो आपकी जोखिम संभावना अधिक होती है।

जीवनशैली संबंधी कारण (Lifestyle Factors)

  • मोटापा,
  • शराब का अधिक सेवन,
  • शारीरिक गतिविधियों की कमी

हार्मोनल प्रभाव (Hormonal Factors)

  • देर से मेनोपॉज़ या जल्दी पीरियड्स शुरू होना।
  • हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी (HRT) लेना।
  • लंबे समय तक एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन के प्रभाव में रहना।

जैनेटिक म्यूटेशन (Genetic Mutations)

  • यदि आपके शरीर में BRCA1 और BRCA2 जैसे जीन में बदलाव हैं, तो स्तन कैंसर का खतरा कई गुना बढ़ जाता है।

स्तन कैंसर का इलाज (Breast Cancer Treatment)

स्तन कैंसर का इलाज कैंसर के प्रकार और स्टेज पर निर्भर करता है। कुछ सामान्य इलाज हैं:

सर्जरी (Surgery)

  • कैंसर वाली गांठ को निकालना (लंपेक्टॉमी) या
  • पूरे स्तन को हटाना (मैस्टेक्टॉमी)

कीमोथेरेपी (Chemotherapy)

  • दवाओं के माध्यम से कैंसर कोशिकाओं को नष्ट करना
  • अक्सर सर्जरी से पहले या बाद में दी जाती है

रेडियोथेरेपी (Radiotherapy)

  • उच्च ऊर्जा विकिरण का उपयोग कर कैंसर कोशिकाओं को मारना
  • सर्जरी के बाद बची हुई कोशिकाओं को खत्म करने के लिए

हार्मोन थेरेपी (Hormone Therapy)

  • हार्मोन के स्तर को नियंत्रित करके कैंसर की वृद्धि रोकना
  • खासकर उन मामलों में जहां कैंसर हार्मोन-संवेदनशील होता है

ब्रेस्ट कैंसर से बचाव क्या है (Prevention of  Breast Cancer)

ब्रेस्ट कैंसर से पूरी तरह बचाव तो नहीं किया जा सकता है, लेकिन कुछ बातों का ध्यान रखकर जोखिम को कम किया जा सकता है:

  • स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं
    • संतुलित और पौष्टिक आहार लें
    • नियमित रूप से व्यायाम करें
    • शराब का सेवन कम या न करें
  • नियमित जांच करवाएं
    • साल में कम से कम एक बार डॉक्टर से चेकअप कराएं
    • 40 वर्ष के बाद नियमित मैमोग्राफी करवाएं
  • स्व-परीक्षण करें
    • हर महीने अपने स्तनों की जांच करें और किसी भी असामान्यता पर ध्यान दें
       
  • धूम्रपान से बचें
    • धूम्रपान करने से स्तन कैंसर का खतरा बढ़ सकता है, इसलिए इससे दूर रहें

Expert Quote

“स्तन कैंसर का प्रारंभिक पहचान और समय पर इलाज इसकी सफल प्रबंधन के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। नियमित स्व-परीक्षण, समय-समय पर चिकित्सा जांच, और स्वस्थ जीवनशैली अपनाने से जोखिम कम होता है और उपचार के परिणाम बेहतर होते हैं। जागरूकता और तुरंत कदम उठाना जान बचाने वाला साबित हो सकता है।”

– Dr. Sachin Singh

निष्कर्ष

स्तन कैंसर एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है जो खासकर महिलाओं को प्रभावित करती है। हालांकि, यदि समय पर पहचान और उचित इलाज किया जाए तो इसे सफलतापूर्वक नियंत्रित किया जा सकता है। स्तन में गांठ, निप्पल से असामान्य स्राव जैसे लक्षणों को कभी भी अनदेखा नहीं करना चाहिए। नियमित स्व-परीक्षण और डॉक्टर से जांच कराना शुरुआती पहचान के लिए बेहद जरूरी है। स्वस्थ जीवनशैली अपनाकर और जोखिम कारकों को नियंत्रित करके स्तन कैंसर के खतरे को काफी हद तक कम किया जा सकता है। यदि स्तन कैंसर के किसी भी लक्षण का अनुभव हो तो तुरंत चिकित्सीय सलाह लेना चाहिए।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)

ब्रेस्ट कैंसर का सबसे पहले पता कैसे चलता है?

आमतौर पर स्तन में कोई गांठ या मोटापन महसूस होना, निप्पल से असामान्य स्राव या स्तन के आकार में बदलाव जैसे लक्षणों से ब्रेस्ट कैंसर का पता चल सकता है। नियमित स्वास्थ्य जांच और मैमोग्राम भी इसकी पहचान में मदद करते हैं।

ब्रेस्ट कैंसर की क्या पहचान होती है?

ब्रेस्ट कैंसर की पहचान के लिए डॉक्टर शारीरिक परीक्षण करते हैं, मैमोग्राम करवाते हैं और जरूरत पड़ने पर बायोप्सी भी करवाते हैं।

घर पर ब्रेस्ट कैंसर कैसे चेक करें?

आप महीने में एक बार अपने स्तनों की खुद जांच कर सकती हैं। नहाते समय या आईने के सामने खड़े होकर अपने स्तनों को ध्यान से देखें और महसूस करें। किसी भी असामान्यता पर डॉक्टर से संपर्क करें।

कैंसर का नंबर 1 लक्षण क्या है?

स्तन कैंसर के लक्षण हर व्यक्ति में अलग-अलग होते हैं और गांठ या द्रव्यमान कैसा महसूस होता है, इसकी कोई सटीक परिभाषा नहीं है। सबसे अच्छी बात यह है कि अपने स्तनों से परिचित होना ताकि आप जान सकें कि “सामान्य” कैसा महसूस होता है और दिखता है। यदि आपको कोई बदलाव नज़र आता है, तो अपने डॉक्टर को बताएं।

ब्रेस्ट कैंसर में दर्द कब होता है?

ब्रेस्ट कैंसर में हमेशा दर्द नहीं होता है। कई बार गांठ दर्द रहित होती है। लेकिन अगर आपको स्तन में दर्द महसूस हो रहा है, तो डॉक्टर से जरूर मिलें।

ब्रेस्ट में कौन सी गांठ नॉर्मल होती है?

आमतौर पर स्तन में होने वाली गांठें फाइब्रोएडेनोमा होती हैं। ये गांठें दर्द रहित, गोल और मुलायम होती हैं। ये हार्मोन में बदलाव के कारण होती हैं और आमतौर पर कैंसर नहीं होती हैं। हालांकि, किसी भी तरह की गांठ दिखने पर डॉक्टर से परामर्श जरूर लेना चाहिए।

ब्रेस्ट कैंसर कितने साल में हो सकता है?

ब्रेस्ट कैंसर किसी भी उम्र में हो सकता है, लेकिन ज्यादातर यह 40 साल से अधिक उम्र की महिलाओं में होता है। हालांकि, कुछ मामलों में यह युवा महिलाओं में भी हो सकता है।

क्या ब्रेस्ट कैंसर पूरी तरह ठीक हो सकता है?

हाँ, ब्रेस्ट कैंसर पूरी तरह ठीक हो सकता है। इसका इलाज कितना सफल होगा, यह कैंसर के स्टेज, टाइप और इलाज के समय पर निर्भर करता है। जितनी जल्दी कैंसर का पता चल जाता है, उतना ही आसानी से इसका इलाज किया जा सकता है।

कैंसर के फर्स्ट स्टेज में क्या होता है?

कैंसर के पहले स्टेज में कैंसर कोशिकाएं ट्यूमर के रूप में स्तन में ही सीमित होती हैं और आसपास के ऊतकों में नहीं फैली होती हैं। इस स्टेज में कैंसर का इलाज करना सबसे आसान होता है।

अस्वीकरण

यह लेख केवल सूचनात्मक उद्देश्यों के लिए है और पेशेवर चिकित्सा सलाह का विकल्प नहीं है। कृपया कोई भी नया स्वास्थ्य सेवा अभ्यास शुरू करने से पहले किसी स्वास्थ्य सेवा प्रदाता से परामर्श लें, खासकर यदि आप पहले से ही किसी स्वास्थ्य समस्या से ग्रस्त हैं या कोई दवा ले रहे हैं।

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