Last updated on : 11 Jul, 2025
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विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, स्तन कैंसर महिलाओं में सबसे आम कैंसर है। यह तब विकसित होता है जब स्तन की कोशिकाएं असामान्य रूप से बढ़ने लगती हैं और एक गांठ का निर्माण करती हैं। हालांकि हर गांठ कैंसरजनित नहीं होती, लेकिन स्तनों में किसी भी प्रकार की असामान्य गतिविधि—जैसे गांठ, त्वचा में बदलाव या स्राव—को अनदेखा नहीं करना चाहिए। ध्यान देने योग्य बात यह है कि स्तन कैंसर पुरुषों को भी प्रभावित कर सकता है, लेकिन इसके मामले बेहद दुर्लभ होते हैं। समय-समय पर चिकित्सकीय जांच और विशेषज्ञ से सलाह लेना, इस रोग की शीघ्र पहचान और बचाव में सहायक हो सकता है।
स्तन कैंसर एक प्रकार की गंभीर बीमारी है जिसमें स्तन की कोशिकाएं अनियंत्रित गति से विभाजित होने लगती हैं और एक गांठ या ट्यूमर का निर्माण करती हैं। समय के साथ ये असामान्य कोशिकाएं शरीर के अन्य अंगों में भी फैल सकती हैं, जिसे मेटास्टेसिस कहा जाता है। यह बीमारी मुख्य रूप से महिलाओं को प्रभावित करती है, लेकिन दुर्लभ मामलों में पुरुष भी इससे ग्रसित हो सकते हैं। शुरुआती लक्षणों की पहचान और समय पर जांच इस बीमारी से बचाव में अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
स्तन कैंसर को आमतौर पर पांच चरणों (Stages) में बांटा गया है, जो स्टेज 0 से लेकर स्टेज IV (0 से 4) तक होती हैं। स्टेज जितनी शुरुआती होती है, इलाज उतना ही प्रभावी और सफल होने की संभावना होती है। आइए जानते हैं प्रत्येक स्टेज के बारे में विस्तार से:
यह सबसे शुरुआती और गैर-आक्रामक अवस्था होती है, जिसे DCIS (Ductal Carcinoma In Situ) भी कहा जाता है। इस स्टेज में कैंसर केवल दूध की नलिकाओं तक सीमित रहता है और शरीर के अन्य हिस्सों में नहीं फैला होता। उपचार आमतौर पर सर्जरी या रेडिएशन से संभव होता है।
इस स्टेज में गांठ का आकार 2 सेंटीमीटर से छोटा होता है और यह लिम्फ नोड्स तक नहीं पहुंची होती। मैमोग्राफी या अल्ट्रासोनोग्राफी से इसका जल्दी पता लगाया जा सकता है। इस अवस्था में उपचार के रूप में सर्जरी, कीमोथेरपी, रेडिएशन और हार्मोन थेरेपी दी जाती है। इस स्टेज में इलाज से लगभग 95% रोगियों में कैंसर को दोबारा होने से रोका जा सकता है।
इस चरण में गांठ का आकार 2 सेमी से अधिक होता है और यह पास के लिम्फ नोड्स तक पहुंच सकती है। डॉक्टर पहले कीमोथेरपी या दवाओं द्वारा ट्यूमर को छोटा करते हैं, फिर सर्जरी और रेडिएशन जैसी प्रक्रियाएं अपनाई जाती हैं। इस स्टेज के करीब 80% मामलों में इलाज संभव होता है।
इस स्टेज में कैंसर अधिक आक्रामक रूप ले लेता है। गांठ का आकार 5 सेंटीमीटर से बड़ा हो सकता है और यह बगल या गर्दन के लिम्फ नोड्स तक फैल सकती है। उपचार में कीमोथेरपी, सर्जरी, रेडिएशन, हार्मोन थेरेपी और टारगेटेड थैरेपी का इस्तेमाल किया जाता है। इस स्टेज में करीब 60% रोगियों में सफल इलाज की संभावना रहती है।
यह स्तन कैंसर का सबसे उन्नत चरण होता है जिसमें कैंसर शरीर के अन्य अंगों जैसे हड्डियों, फेफड़ों, यकृत और मस्तिष्क में फैल चुका होता है। हालांकि यह स्टेज गंभीर होती है, लेकिन एडवांस ट्रीटमेंट और टारगेटेड थेरेपी के ज़रिए इसे नियंत्रित किया जा सकता है और रोगी बेहतर जीवन गुणवत्ता के साथ जी सकता है। सही मार्गदर्शन के लिए हमेशा कैंसर विशेषज्ञ से परामर्श लें।
स्तन कैंसर मुख्य रूप से दो प्रकार का होता है: इनवेसिव (Invasive) और नॉन-इनवेसिव (Non-Invasive)। इन दोनों प्रकारों की पहचान और इलाज के तरीके अलग होते हैं। आइए इन दोनों के बारे में विस्तार से जानें:
इनवेसिव ब्रैस्ट कैंसर वह अवस्था होती है जब कैंसर कोशिकाएं स्तन की मूल संरचना (जैसे डक्ट या लोब्यूल) से बाहर निकलकर पास के ऊतकों या शरीर के अन्य हिस्सों तक फैलने लगती हैं। इसे आक्रामक स्तन कैंसर भी कहा जाता है।
यह सबसे आम प्रकार का स्तन कैंसर है और इसके उदाहरण हैं:
नॉन-इनवेसिव ब्रैस्ट कैंसर में कैंसर कोशिकाएं केवल डक्ट्स या लोब्यूल्स तक ही सीमित रहती हैं और आसपास के ऊतकों में नहीं फैलतीं। इसे “कार्सिनोमा इन सीटू (Carcinoma in Situ)” भी कहा जाता है।
इसका जल्दी पता चल जाने पर उपचार आसान और प्रभावी हो सकता है। मुख्य उदाहरण:
स्तन कैंसर के लक्षण व्यक्ति विशेष, कैंसर की स्टेज और प्रकार पर निर्भर करते हैं। प्रारंभिक अवस्था में इसके संकेत बहुत हल्के या अदृश्य हो सकते हैं, लेकिन समय के साथ इसके लक्षण स्पष्ट होने लगते हैं। स्तन या बगल में गांठ सबसे आम लक्षणों में से एक है, लेकिन इसके अलावा भी कई अन्य लक्षणों पर ध्यान देना ज़रूरी है।
महत्वपूर्ण नोट: हर स्तन में गांठ का मतलब कैंसर नहीं होता, लेकिन किसी भी बदलाव या असामान्य लक्षण को नजरअंदाज न करें। समय पर जांच से बीमारी का पता लगाकर उपचार शुरू किया जा सकता है।
ब्रेस्ट कैंसर कैसे होता है या ब्रेस्ट कैंसर क्यों होता है इसका सटीक कारण अभी भी स्पष्ट नहीं है। लेकिन कुछ जोखिम कारक इसकी अधिक संभावना बनाते हैं। आप इसके निम्नलिखित जोखिम कारक को पढ़ सकते हैं।
उम्र का बढ़ना (Increasing Age)
आनुवंशिक कारण (Genetics/Family History)
पूर्व में स्तन कैंसर या गांठ होना
एस्ट्रोजन के लंबे समय तक संपर्क में रहना
मोटापा और हार्मोन असंतुलन
शराब का सेवन (Alcohol Consumption)
रेडिएशन एक्सपोजर
फिजिकल एक्टिविटी की कमी
स्व-परीक्षण (Self-Examination)
क्लिनिकल परीक्षण (Clinical Breast Exam
मैमोग्राफी (Mammography)
अल्ट्रासाउंड (Breast Ultrasound)
बायोप्सी (Biopsy)
ब्रेस्ट कैंसर के जोखिम कई कारक पर निर्भर करते हैं, जिनमें शामिल हैं:
आयु (Age)
परिवार का इतिहास (Family History
जीवनशैली संबंधी कारण (Lifestyle Factors)
हार्मोनल प्रभाव (Hormonal Factors)
जैनेटिक म्यूटेशन (Genetic Mutations)
स्तन कैंसर का इलाज कैंसर के प्रकार और स्टेज पर निर्भर करता है। कुछ सामान्य इलाज हैं:
सर्जरी (Surgery)
कीमोथेरेपी (Chemotherapy)
रेडियोथेरेपी (Radiotherapy)
हार्मोन थेरेपी (Hormone Therapy)
ब्रेस्ट कैंसर से पूरी तरह बचाव तो नहीं किया जा सकता है, लेकिन कुछ बातों का ध्यान रखकर जोखिम को कम किया जा सकता है:
“स्तन कैंसर का प्रारंभिक पहचान और समय पर इलाज इसकी सफल प्रबंधन के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। नियमित स्व-परीक्षण, समय-समय पर चिकित्सा जांच, और स्वस्थ जीवनशैली अपनाने से जोखिम कम होता है और उपचार के परिणाम बेहतर होते हैं। जागरूकता और तुरंत कदम उठाना जान बचाने वाला साबित हो सकता है।”
– Dr. Sachin Singh
स्तन कैंसर एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है जो खासकर महिलाओं को प्रभावित करती है। हालांकि, यदि समय पर पहचान और उचित इलाज किया जाए तो इसे सफलतापूर्वक नियंत्रित किया जा सकता है। स्तन में गांठ, निप्पल से असामान्य स्राव जैसे लक्षणों को कभी भी अनदेखा नहीं करना चाहिए। नियमित स्व-परीक्षण और डॉक्टर से जांच कराना शुरुआती पहचान के लिए बेहद जरूरी है। स्वस्थ जीवनशैली अपनाकर और जोखिम कारकों को नियंत्रित करके स्तन कैंसर के खतरे को काफी हद तक कम किया जा सकता है। यदि स्तन कैंसर के किसी भी लक्षण का अनुभव हो तो तुरंत चिकित्सीय सलाह लेना चाहिए।
आमतौर पर स्तन में कोई गांठ या मोटापन महसूस होना, निप्पल से असामान्य स्राव या स्तन के आकार में बदलाव जैसे लक्षणों से ब्रेस्ट कैंसर का पता चल सकता है। नियमित स्वास्थ्य जांच और मैमोग्राम भी इसकी पहचान में मदद करते हैं।
ब्रेस्ट कैंसर की पहचान के लिए डॉक्टर शारीरिक परीक्षण करते हैं, मैमोग्राम करवाते हैं और जरूरत पड़ने पर बायोप्सी भी करवाते हैं।
आप महीने में एक बार अपने स्तनों की खुद जांच कर सकती हैं। नहाते समय या आईने के सामने खड़े होकर अपने स्तनों को ध्यान से देखें और महसूस करें। किसी भी असामान्यता पर डॉक्टर से संपर्क करें।
स्तन कैंसर के लक्षण हर व्यक्ति में अलग-अलग होते हैं और गांठ या द्रव्यमान कैसा महसूस होता है, इसकी कोई सटीक परिभाषा नहीं है। सबसे अच्छी बात यह है कि अपने स्तनों से परिचित होना ताकि आप जान सकें कि “सामान्य” कैसा महसूस होता है और दिखता है। यदि आपको कोई बदलाव नज़र आता है, तो अपने डॉक्टर को बताएं।
ब्रेस्ट कैंसर में हमेशा दर्द नहीं होता है। कई बार गांठ दर्द रहित होती है। लेकिन अगर आपको स्तन में दर्द महसूस हो रहा है, तो डॉक्टर से जरूर मिलें।
आमतौर पर स्तन में होने वाली गांठें फाइब्रोएडेनोमा होती हैं। ये गांठें दर्द रहित, गोल और मुलायम होती हैं। ये हार्मोन में बदलाव के कारण होती हैं और आमतौर पर कैंसर नहीं होती हैं। हालांकि, किसी भी तरह की गांठ दिखने पर डॉक्टर से परामर्श जरूर लेना चाहिए।
ब्रेस्ट कैंसर किसी भी उम्र में हो सकता है, लेकिन ज्यादातर यह 40 साल से अधिक उम्र की महिलाओं में होता है। हालांकि, कुछ मामलों में यह युवा महिलाओं में भी हो सकता है।
हाँ, ब्रेस्ट कैंसर पूरी तरह ठीक हो सकता है। इसका इलाज कितना सफल होगा, यह कैंसर के स्टेज, टाइप और इलाज के समय पर निर्भर करता है। जितनी जल्दी कैंसर का पता चल जाता है, उतना ही आसानी से इसका इलाज किया जा सकता है।
कैंसर के पहले स्टेज में कैंसर कोशिकाएं ट्यूमर के रूप में स्तन में ही सीमित होती हैं और आसपास के ऊतकों में नहीं फैली होती हैं। इस स्टेज में कैंसर का इलाज करना सबसे आसान होता है।
अस्वीकरण
यह लेख केवल सूचनात्मक उद्देश्यों के लिए है और पेशेवर चिकित्सा सलाह का विकल्प नहीं है। कृपया कोई भी नया स्वास्थ्य सेवा अभ्यास शुरू करने से पहले किसी स्वास्थ्य सेवा प्रदाता से परामर्श लें, खासकर यदि आप पहले से ही किसी स्वास्थ्य समस्या से ग्रस्त हैं या कोई दवा ले रहे हैं।
संदर्भ सूची
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