Last updated on : 19 Nov, 2025
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फेफड़ों में जमा बलगम (या कफ) न केवल सांस लेने में समस्या उत्पन्न करता है बल्कि यह शरीर में अन्य स्वास्थ्य समस्याओं को भी बढ़ा सकता है। जब फेफड़ों में बलगम जमता है तो इससे श्वसन मार्गों में रुकावट आती है, जिससे सांस लेना कठिन हो जाता है। ऐसे में यह जानना जरूरी हो जाता है कि इस जमाव को कैसे निकाले और फेफड़ों में जमा कफ कैसे निकाले ताकि श्वसन तंत्र को साफ रखा जा सके।
इस ब्लॉग में हम आपको कुछ ऐसे असरदार तरीके बताएंगे जिन्हें अपनाकर आप फेफड़ों से अतिरिक्त बलगम निकाल सकते हैं और अपने फेफड़ों को स्वस्थ रख सकते हैं।
फेफड़ों से बलगम निकालने के लिए कई प्राकृतिक और प्रभावी तरीके हैं जिन्हें आप अपने दैनिक जीवन में शामिल कर सकते हैं। ये तरीके न केवल बलगम को बाहर निकालने में मदद करते हैं बल्कि आपके श्वसन तंत्र को भी स्वस्थ रखते हैं। आइए जानते हैं कि लंग्स को क्लीन कैसे करे और लंग्स को डीटाक्स कैसे करे, इनको करने के कुछ आसान और प्रभावी तरीके।
भाप चिकित्सा फेफड़ों से बलगम निकालने का एक पुराना और असरदार तरीका है। गर्म भाप श्वसन मार्गों को खोलने में मदद करती है और बलगम को ढीला करके बाहर निकालने में सहायक होती है [1], [2]। आप एक बर्तन में गर्म पानी लें और उसमें कुछ बूँदें जैसे पेपरमिंट ऑयल या टी ट्री ऑयल डाल सकते हैं। इसके बाद, बर्तन से निकलने वाली भाप को अपने चेहरे के पास लेकर गहरी साँसें लें। इससे बलगम को बाहर निकलने में मदद मिलती है। भाप से न केवल बलगम बाहर निकलता है बल्कि यह आपके गले को भी आराम पहुंचाता है।
सावधानी: बच्चों या दमा (asthma) के मरीजों के लिए भाप चिकित्सा केवल योग्य चिकित्सकीय सलाह पर ही करें। सीधे उबलते पानी के बहुत करीब न जाएं, जलने का खतरा हो सकता है।
पानी का पर्याप्त सेवन बलगम को पतला करता है जिससे उसे बाहर निकालना आसान हो जाता है [3]। जब आप हाइड्रेटेड रहते हैं तो शरीर के प्राकृतिक रक्षा तंत्र को सही से काम करने में मदद मिलती है। इसलिए, दिनभर पानी पीने से शरीर का हाइड्रेशन स्तर सही रहता है जिससे बलगम का प्रवाह भी बेहतर हो सकता है।
बलगम को साफ करने के लिए निम्नलिखित पदार्थों का सेवन किया जा सकता है:
सुरक्षा नोट: यदि आपको शहद या लहसुन से एलर्जी है, तो इनका सेवन न करें। यदि आपको मधुमेह (Diabetes) है, तो शहद का सेवन सीमित मात्रा में ही करें।
हर्बल चाय भी बलगम को निकालने में मदद कर सकती है। विभिन्न हर्बल चाय जैसे पुदीना, अजवाइन और मुलेठी बलगम के जमाव को कम करती हैं और श्वसन तंत्र को स्वच्छ रखती हैं।
ह्यूमिडिफायर का उपयोग हवा में नमी बनाए रखने के लिए किया जाता है। जब हवा में नमी कम होती है तो बलगम का जमाव बढ़ सकता है। ह्यूमिडिफायर का उपयोग करने से श्वसन मार्गों में नमी बनी रहती है और बलगम आसानी से बाहर निकलता है [6]। यह विशेष रूप से ठंडे और सूखे मौसम में मददगार होता है।
गहरी साँसें लेना फेफड़ों से बलगम निकालने के लिए एक अत्यंत प्रभावी तरीका है। गहरी साँसें श्वसन मार्गों को खोलती हैं और बलगम को बाहर निकालने में मदद करती हैं। आप कुछ मिनटों के लिए गहरी साँसें लेकर अपनी श्वसन प्रणाली को साफ कर सकते हैं।
व्यायाम करने से शरीर का रक्त संचार बेहतर होता है जिससे बलगम का निकासी आसान हो जाती है। जब आप शारीरिक गतिविधियाँ करते हैं तो फेफड़े अच्छे से काम करते हैं और बलगम को बाहर निकालने में मदद मिलती है। इसलिए, व्यायाम को अपनी दिनचर्या में शामिल करें।
खारे पानी से गरारे करने से गले की सूजन कम होती है और बलगम को बाहर निकालने में मदद मिलती है। यह उपाय विशेष रूप से गले में जमा कफ के लिए उपयोगी है। गरारे करते समय, पानी को हल्का गर्म करें और उसमें थोड़ा सा नमक डालें।
यह एक शारीरिक तकनीक है जिसमें आप अपने शरीर को एक विशेष तरीके से झुकाते हैं ताकि बलगम फेफड़ों से बाहर आ सके [7]। यह प्रक्रिया बलगम को बाहर निकालने में मदद करती है। पोस्ट्युरल ड्रेनेज विशेष रूप से सीमित गतिशीलता वाले या बिस्तर पर पड़े रोगियों में गहरे बलगम को निकालने के लिए उपयोगी है। इसे चिकित्सक या फिजियोथेरेपिस्ट की देखरेख में करना चाहिए।
विशेषज्ञ उद्धरण:
“आयुर्वेद चिकित्सा के अनुसार, फेफड़ों में जमा बलगम को बाहर निकालने के लिए शरीर के वात, पित्त और कफ का संतुलन बनाए रखना आवश्यक होता है। कफ दोष के असंतुलन को दूर करने के लिए भाप लेना, हर्बल काढ़ा पीना, और सही आहार का सेवन जैसे उपाय शरीर को अंदर से शुद्ध करने में सहायक हो सकते हैं। अदरक, हल्दी, मुलेठी जैसे प्राकृतिक पदार्थ फेफड़ों को साफ रखने और श्वसन मार्गों को खुला रखने में मदद कर सकते हैं। हालांकि, यदि बलगम अधिक समय तक जमा रहे या सांस लेने में अत्यधिक कठिनाई हो, तो यह किसी गंभीर अंतर्निहित स्थिति का संकेत हो सकता है, इसलिए तुरंत किसी योग्य चिकित्सक से परामर्श लेना चाहिए।”
-Dr. Kavya Rejikumar
गले और छाती में जमा कफ निकालने के लिए भाप लेना, हर्बल चाय पीना और गहरी साँस लेने के व्यायाम करना प्रभावी होता है। इसके अलावा, गुनगुने खारे पानी से गरारे करने से भी कफ ढीला होकर बाहर निकल सकता है।
कफ निकालने के लिए आयुर्वेदिक दवाएं और हर्बल उपचार जैसे मुलेठी चाय और अजवाइन चाय सहायक हो सकते हैं, लेकिन ‘सबसे अच्छी दवा’ अंतर्निहित कारण पर निर्भर करती है। गंभीर या दीर्घकालिक कफ के लिए डॉक्टर से सलाह लेना आवश्यक है।
बलगम को जड़ से खत्म करने के लिए स्वस्थ आहार, शारीरिक गतिविधि और प्राकृतिक उपचार का नियमित सेवन करना महत्वपूर्ण है। हालांकि, बलगम का उत्पादन शरीर का एक सामान्य रक्षा तंत्र है। इसे जड़ से खत्म करने के बजाय, इसका अतिरिक्त उत्पादन (जो बीमारी का संकेत है) नियंत्रित करना महत्वपूर्ण है।
कफ बनने की प्रवृत्ति कम करने के लिए धूम्रपान से परहेज करें, प्रदूषण से बचें, और ठंडे पेय या तले-भुने भोजन का सेवन सीमित करें। यदि आपको एलर्जी या अस्थमा जैसी समस्या है, तो नियमित रूप से डॉक्टर की सलाह लें।
अनार, पपीता, संतरा, अंगूर और सेब जैसे फल में मौजूद विटामिन C और एंटीऑक्सीडेंट्स श्वसन मार्गों को साफ रखने और प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने में मदद करते हैं। ये फल प्रतिरक्षा को बढ़ाते हैं, लेकिन इनका सीधा ‘कफ नाशक’ प्रभाव हर व्यक्ति में एक जैसा नहीं हो सकता।
मीठे, तले-भुने, अत्यधिक मसालेदार, ठंडे पेय और अधिक डेयरी उत्पादों का सेवन कफ बढ़ा सकता है। ऐसे में गुनगुना पानी, हल्का भोजन, और गर्म सूप लेना बेहतर होता है।
अस्वीकरण (Disclaimer):
इस ब्लॉग में दी गई जानकारी केवल शैक्षिक और सूचनात्मक उद्देश्यों के लिए है, और यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय, निदान या उपचार का विकल्प नहीं है। यह सामग्री आयुर्वेद के सिद्धांतों और पारंपरिक घरेलू उपचारों पर आधारित है। किसी भी स्वास्थ्य समस्या, चिकित्सा स्थिति के उपचार या आहार में परिवर्तन के संबंध में हमेशा योग्य चिकित्सक या स्वास्थ्य सेवा प्रदाता से परामर्श लें। इन घरेलू उपचारों को आज़माने से पहले विशेष रूप से गर्भवती महिलाओं, बच्चों, या पुरानी बीमारियों से पीड़ित व्यक्तियों को चिकित्सकीय सलाह लेना अनिवार्य है। Truemeds किसी भी उपचार के परिणाम की गारंटी नहीं देता है।
[1] चौधरी, एम. एन. आर., अलिफ, वाई. ए., आलम, एस., एमन, एन. यू., रिची, एफ. टी., जिहाद, एस. एम. एन. के., टाकी, एम. टी. आई., एवं राशिद, एम. ए. (2022). SARS-CoV-2 संक्रमण के खिलाफ भाप साँस लेने की सैद्धांतिक प्रभावशीलता: नैदानिक परीक्षणों, क्रियाओं के तंत्र और पारंपरिक तरीकों पर अपडेट। हेलियॉन, 8(1), e08816. https://doi.org/10.1016/j.heliyon.2022.e08816
[2] सोलिहिन, एस. (2023). ऊपरी श्वसन पथ के संक्रमण वाले बच्चों में सरल साँस लेना भाप चिकित्सा का कार्यान्वयन। इंडोनेशियाई जर्नल ऑफ़ कम्युनिटी डेवलपमेंट, 3, 92–98. https://pdfs.semanticscholar.org/3898/13b80ef42e26a798990a74949169fab78614.pdf
[3] रैंडेल, एस. एच., और बाउचर, आर. सी. (2006)। श्वसन स्वास्थ्य के लिए प्रभावी बलगम निष्कासन आवश्यक है। अमेरिकन जर्नल ऑफ रेस्पिरेटरी सेल एंड मॉलिक्यूलर बायोलॉजी, 35(1), 20–28। https://doi.org/10.1165/rcmb.2006-0082SF
[4] जयभाये, डी. एल., चंद्रा, एस., जौहर, एस., और नागरे, ए. एस. (2021)। बच्चों में सूखी खांसी में डेक्सट्रोमेथोर्फन के साथ अदरक और शहद के मिश्रण का तुलनात्मक प्रभाव। इंटरनेशनल जर्नल ऑफ बेसिक एंड क्लिनिकल फार्माकोलॉजी, 10(5), 545. https://doi.org/10.18203/2319-2003.ijbcp20211651
[5] कुन्नुमक्कारा, ए.बी., हेगड़े, एम., डे परमा, सोस्मिता गिरिसा, कुमार, ए., उज़िनी देवी डेमरी, प्राची गरोडिया, शरत चंद्र येनिसेटी, ओमन, ओ.वी., और अग्रवाल, बी.बी. (2023)। पुरानी बीमारियों की रोकथाम और उपचार में हल्दी और करक्यूमिन की भूमिका: नैदानिक परीक्षणों से सीखे गए सबक। एसीएस फार्माकोलॉजी और ट्रांसलेशनल साइंस, 6(4), 447-518। https://doi.org/10.1021/acsptsci.2c00012
[6] री, एच., मैकऑली, एस., जयराम, एल., गैरेट, जे., हॉकी, एच., स्टोरी, एल., ओ’डॉनेल, जी., हारू, एल., पेटन, एम., और ओ’डॉनेल, के. (2010)। क्रोनिक एयरवे डिजीज में दीर्घकालिक आर्द्रीकरण चिकित्सा की नैदानिक उपयोगिता। श्वसन चिकित्सा, 104(4), 525-533. https://doi.org/10.1016/j.rmed.2009.12.016
[7] कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल्स एनएचएस फाउंडेशन ट्रस्ट। (n.d.)। पोस्टुरल ड्रेनेज। कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल्स. https://www.cuh.nhs.uk/patient-information/postural-drainage/
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