Last updated on : 06 May, 2025
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ब्रेन ट्यूमर मस्तिष्क या आसपास असामान्य कोशिकाओं का जमाव है। ये कोशिकाएं अनियंत्रित बढ़ती हैं और ट्यूमर बनाती हैं। ट्यूमर न्यूरॉन्स, ग्लियल कोशिकाओं या मस्तिष्क की झिल्लियों में हो सकता है। ब्रेन ट्यूमर दो प्रकार के हैं: प्राइमरी और सेकेंडरी। प्राइमरी ट्यूमर मस्तिष्क में शुरू होते हैं। सेकेंडरी ट्यूमर शरीर के अन्य हिस्सों, जैसे फेफड़े या स्तन, से फैलते हैं। प्राइमरी ट्यूमर बिनाइन (गैर-कैंसर) या मैलिग्नेंट (कैंसर) हो सकते हैं। बिनाइन धीरे बढ़ते हैं, पर दबाव डालते हैं। मैलिग्नेंट तेजी से बढ़ते हैं। ट्यूमर सोचने, बोलने, चलने को प्रभावित करता है। निदान के लिए एमआरआई, सीटी स्कैन, बायोप्सी होते हैं। समय पर निदान से उपचार बेहतर होता है। प्रभावित हिस्सा, जैसे फ्रंटल लोब या सेरिबेलम, लक्षण तय करता है।
ब्रेन ट्यूमर के लक्षण को समझने से पहले इसके प्रकारों को जानना जरूरी है। ब्रेन ट्यूमर को मुख्य रूप से दो श्रेणियों में बांटा जाता है: बिनाइन (गैर-कैंसरयुक्त) और मैलिग्नेंट (कैंसरयुक्त)। इसके अलावा, ट्यूमर को उनके मूल स्थान और कोशिकाओं के प्रकार के आधार पर भी वर्गीकृत किया जाता है। कुछ प्रमुख प्रकार हैं:
यह ग्लियल कोशिकाओं से शुरू होता है और सबसे आम प्रकार है। इसके उप-प्रकारों में एस्ट्रोसाइटोमा, ओलिगोडेंड्रोग्लियोमा, और ग्लियोब्लास्टोमा शामिल हैं। ग्लियोब्लास्टोमा सबसे आक्रामक और तेजी से बढ़ने वाला होता है, जो उपचार को जटिल बनाता है।
यह मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी को ढकने वाली झिल्लियों (मेनिन्जेस) में होता है। ज्यादातर मेनिन्जियोमा बिनाइन होते हैं और धीरे-धीरे बढ़ते हैं, लेकिन कुछ मैलिग्नेंट भी हो सकते हैं।
यह पिट्यूटरी ग्रंथि में विकसित होता है और हार्मोन उत्पादन को प्रभावित करता है। ये आमतौर पर बिनाइन होते हैं, लेकिन हार्मोनल असंतुलन के कारण लक्षण जैसे वजन बढ़ना या थकान पैदा कर सकते हैं।
यह बच्चों में अधिक आम है और मस्तिष्क के पीछे (सेरिबेलम) में होता है। यह मैलिग्नेंट होता है और तेजी से फैल सकता है।
यह तंत्रिकाओं को ढकने वाली कोशिकाओं में होता है, जैसे एकॉस्टिक न्यूरोमा, जो सुनने की तंत्रिका को प्रभावित करता है और सुनने में कमी जैसे लक्षण पैदा करता है।
ये शरीर के अन्य हिस्सों से मस्तिष्क में फैलने वाले कैंसर हैं, जैसे फेफड़ों, स्तन, या मेलेनोमा से संबंधित कैंसर। ये आमतौर पर मैलिग्नेंट होते हैं।
यह बच्चों और युवा वयस्कों में होता है और पिट्यूटरी ग्रंथि के पास विकसित होता है। यह बिनाइन होता है, लेकिन इसके स्थान के कारण जटिलताएं पैदा कर सकता है।
यह प्रतिरक्षा तंत्र की कोशिकाओं से शुरू होता है और मस्तिष्क में दुर्लभ होता है, लेकिन एचआईवी/एड्स वाले लोगों में इसका जोखिम अधिक होता है।
प्रत्येक प्रकार के ट्यूमर के लक्षण और उपचार अलग-अलग हो सकते हैं। ट्यूमर का ग्रेड (1 से 4 तक, जहां 4 सबसे गंभीर है) निदान और उपचार की योजना बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। ग्रेड 1 और 2 कम आक्रामक होते हैं, जबकि ग्रेड 3 और 4 तेजी से बढ़ते हैं और अधिक जटिल उपचार की जरूरत होती है।
ब्रेन ट्यूमर के लक्षण, ट्यूमर के आकार, स्थान, और मस्तिष्क पर उसके प्रभाव पर निर्भर करते हैं। कुछ लोगों में लक्षण हल्के और धीमे होते हैं, जबकि अन्य में ये अचानक और गंभीर हो सकते हैं। सामान्य लक्षणों में शामिल हैं:
सिरदर्द और उल्टी ब्रेन ट्यूमर के लक्षण में सबसे आम हैं। ये लक्षण मस्तिष्क में बढ़ते दबाव (इंट्राक्रैनियल प्रेशर) के कारण होते हैं। सिरदर्द सुबह के समय अधिक गंभीर हो सकता है और झुकने, खांसने, या छींकने से बढ़ सकता है। यह सामान्य सिरदर्द से अलग होता है, क्योंकि यह बार-बार और बिना किसी स्पष्ट कारण के होता है। कुछ मरीज इसे “अब तक का सबसे बुरा सिरदर्द” बताते हैं। उल्टी, खासकर बच्चों में, सुबह के समय या सिरदर्द के साथ हो सकती है। यह ट्यूमर के मस्तिष्क के उन हिस्सों पर दबाव डालने के कारण होता है जो मतली और उल्टी को नियंत्रित करते हैं।
ये लक्षण ट्यूमर के आकार और स्थान पर निर्भर करते हैं। उदाहरण के लिए, मस्तिष्क के पीछे का ट्यूमर अधिक उल्टी पैदा कर सकता है, क्योंकि यह सेरिबेलम को प्रभावित करता है। अगर सिरदर्द और उल्टी के साथ अन्य लक्षण जैसे दृष्टि में बदलाव या कमजोरी भी हों, तो यह ट्यूमर का संकेत हो सकता है। एमआरआई या सीटी स्कैन जैसे टेस्ट इन लक्षणों के कारण का पता लगाने में मदद करते हैं। सामान्य सिरदर्द की दवाएं इन लक्षणों को अस्थायी राहत दे सकती हैं, लेकिन ट्यूमर के मामले में ये लक्षण बार-बार लौटते हैं। इसलिए, इन लक्षणों को नजरअंदाज न करें और न्यूरोलॉजिस्ट से संपर्क करें।
दौरे (सीजर्स) ब्रेन ट्यूमर के लक्षण में एक महत्वपूर्ण संकेत हैं। ये मस्तिष्क में असामान्य विद्युत गतिविधि के कारण होते हैं। दौरे अलग-अलग हो सकते हैं, जैसे:
ट्यूमर मस्तिष्क के उन हिस्सों को प्रभावित करता है जो तंत्रिका संकेतों को नियंत्रित करते हैं, जिससे दौरे शुरू हो सकते हैं। लगभग 20-40% ब्रेन ट्यूमर मरीजों में दौरे पहला लक्षण होता है। दौरे का अनुभव डरावना हो सकता है, और यह मरीज के लिए आपातकालीन स्थिति बन सकता है।
मानसिक बदलाव भी आम हैं। मरीज को भूलने की समस्या, ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई, या व्यक्तित्व में बदलाव जैसे चिड़चिड़ापन, उदासीनता, या अवसाद हो सकता है। कुछ लोग सामाजिक परिस्थितियों में असामान्य व्यवहार दिखा सकते हैं, जैसे अनुचित हंसी या रोना। ये लक्षण ट्यूमर के फ्रंटल या टेम्पोरल लोब को प्रभावित करने के कारण होते हैं। उदाहरण के लिए, फ्रंटल लोब का ट्यूमर निर्णय लेने और भावनाओं को नियंत्रित करने की क्षमता को प्रभावित करता है। अगर आपको पहली बार दौरे पड़ें या मानसिक बदलाव दिखें, तो तुरंत न्यूरोलॉजिस्ट से संपर्क करें। एंटी-सीज्योर दवाएं दौरे को नियंत्रित करने में मदद कर सकती हैं, लेकिन ट्यूमर का उपचार जरूरी है।
ब्रेन ट्यूमर कैसे होता है? इसके सटीक कारण अभी पूरी तरह स्पष्ट नहीं हैं, लेकिन कुछ कारक इसके जोखिम को बढ़ाते हैं। इनमें शामिल हैं:
हालांकि ये कारक जोखिम बढ़ाते हैं, लेकिन ज्यादातर मामलों में ट्यूमर का कोई स्पष्ट कारण नहीं मिलता। नियमित जांच, स्वस्थ आहार, और रेडिएशन से बचाव जोखिम को कम कर सकते हैं। अगर आपके परिवार में ट्यूमर का इतिहास है, तो न्यूरोलॉजिस्ट से नियमित स्क्रीनिंग पर चर्चा करें।
ब्रेन ट्यूमर के लक्षण के आधार पर इसका उपचार ट्यूमर के प्रकार, आकार, स्थान, और मरीज की समग्र स्वास्थ्य स्थिति पर निर्भर करता है। मुख्य उपचार विकल्पों में शामिल हैं:
उपचार का लक्ष्य ट्यूमर को हटाना, इसके बढ़ने को रोकना, और मरीज की जीवन गुणवत्ता को बनाए रखना है। कई मामलों में, एक से अधिक उपचारों का संयोजन उपयोग किया जाता है।
सर्जरी ब्रेन ट्यूमर के उपचार का सबसे महत्वपूर्ण और आम तरीका है। इसका उद्देश्य ट्यूमर को पूरी तरह या जितना संभव हो उतना हटाना है। सर्जरी तब की जाती है जब ट्यूमर सुलभ स्थान पर हो और मस्तिष्क के महत्वपूर्ण हिस्सों को नुकसान पहुंचाए बिना हटाया जा सके। आधुनिक तकनीकों, जैसे न्यूरोनेविगेशन, इंट्राऑपरेटिव एमआरआई, और लेजर एब्लेशन, ने सर्जरी को अधिक सुरक्षित और प्रभावी बनाया है।
सर्जरी के प्रकारों में शामिल हैं:
सर्जरी के लाभों में लक्षणों में तुरंत राहत, ट्यूमर का निदान (बायोप्सी के जरिए), और रिकवरी की संभावना शामिल हैं। हालांकि, जोखिम भी हैं, जैसे रक्तस्राव, संक्रमण, या मस्तिष्क के कार्यों को नुकसान। सर्जरी के बाद रिहैबिलिटेशन, जैसे फिजियोथेरेपी, स्पीच थेरेपी, या ऑक्यूपेशनल थेरेपी, की जरूरत पड़ सकती है। सर्जरी का निर्णय न्यूरोसर्जन ट्यूमर की गंभीरता, मरीज की उम्र, और समग्र स्वास्थ्य के आधार पर लेते हैं। बिनाइन ट्यूमर में सर्जरी अक्सर पूरी तरह ठीक कर सकती है, जबकि मैलिग्नेंट ट्यूमर में अतिरिक्त उपचार की जरूरत होती है।
कीमोथेरेपी और रेडिएशन थेरेपी मैलिग्नेंट ट्यूमर, विशेष रूप से उन मामलों में उपयोग की जाती हैं जहां सर्जरी संभव नहीं है या ट्यूमर पूरी तरह नहीं हटाया जा सका। कीमोथेरेपी में दवाएं, जैसे टेमोजोलोमाइड, कारमुस्टाइन, या लोमुस्टाइन, ट्यूमर कोशिकाओं को नष्ट करती हैं। ये दवाएं मौखिक रूप से, नसों के जरिए, या सीधे मस्तिष्क में (इंट्राथेकल) दी जा सकती हैं। कीमोथेरेपी ट्यूमर के बढ़ने को धीमा करती है और लक्षणों को कम करती है, लेकिन इसके साइड इफेक्ट्स जैसे मतली, थकान, बाल झड़ना, और कमजोर प्रतिरक्षा तंत्र हो सकते हैं।
रेडिएशन थेरेपी में उच्च-ऊर्जा किरणों का उपयोग ट्यूमर कोशिकाओं को नष्ट करने के लिए किया जाता है। यह दो प्रकार की होती है:
रेडिएशन सर्जरी के बाद या अकेले दी जा सकती है। यह उन ट्यूमर के लिए प्रभावी है जो सर्जरी के लिए सुलभ नहीं हैं। इसके साइड इफेक्ट्स में त्वचा की जलन, थकान, स्मृति हानि, और सिरदर्द शामिल हैं। रेडिएशन और कीमोथेरेपी को अक्सर संयोजन में उपयोग किया जाता है ताकि ट्यूमर को नियंत्रित किया जा सके। टारगेटेड थेरेपी, जैसे बेवासिजुमैब, कुछ ट्यूमर में रक्त की आपूर्ति को रोककर उनके विकास को धीमा करती है। उपचार की अवधि और खुराक ट्यूमर के ग्रेड और मरीज की सहनशक्ति पर निर्भर करती है।
कुछ लोग ब्रेन ट्यूमर के लक्षण को प्रबंधित करने और जीवन गुणवत्ता को बेहतर बनाने के लिए होम्योपैथी और प्राकृतिक उपचार की ओर रुख करते हैं। होम्योपैथी में लक्षणों के आधार पर व्यक्तिगत दवाएं दी जाती हैं, जैसे:
होम्योपैथिक दवाएं लक्षणों को कम करने और मरीज की शारीरिक-मानसिक स्थिति को संतुलित करने का दावा करती हैं, लेकिन इनका वैज्ञानिक प्रमाण सीमित है। होम्योपैथी को मुख्य उपचार का विकल्प नहीं माना जाना चाहिए।
प्राकृतिक उपचार में शामिल हैं:
इन उपचारों का उपयोग सहायक के रूप में किया जा सकता है, लेकिन इन्हें सर्जरी, कीमोथेरेपी, या रेडिएशन का विकल्प नहीं माना जाना चाहिए। किसी भी वैकल्पिक उपचार को शुरू करने से पहले न्यूरोलॉजिस्ट या ऑन्कोलॉजिस्ट से सलाह लें। कुछ हर्बल सप्लीमेंट्स कीमोथेरेपी या अन्य दवाओं के साथ परस्पर क्रिया कर सकते हैं, इसलिए सावधानी जरूरी है।
ब्रेन ट्यूमर के लक्षण को गंभीरता से लेना जरूरी है। आपको तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए अगर:
ये लक्षण अन्य स्थितियों, जैसे माइग्रेन, स्ट्रोक, या मिर्गी, के कारण भी हो सकते हैं। न्यूरोलॉजिस्ट लक्षणों का मूल्यांकन करने के लिए निम्नलिखित टेस्ट कर सकते हैं:
जल्दी निदान से उपचार के परिणाम बेहतर होते हैं और जटिलताएं कम होती हैं। अगर ट्यूमर का संदेह हो, तो न्यूरोसर्जन और ऑन्कोलॉजिस्ट की एक टीम उपचार योजना बनाती है। समय बर्बाद न करें, क्योंकि देरी से ट्यूमर का प्रभाव बढ़ सकता है।
ब्रेन ट्यूमर एक जटिल स्थिति है। इसके लक्षणों में सिरदर्द, दौरे, और मानसिक बदलाव शामिल हैं। इन्हें समय पर पहचानना जरूरी है। ब्रेन ट्यूमर के कारण आनुवंशिकता, रेडिएशन, और पर्यावरणीय कारक हो सकते हैं। यह मस्तिष्क के विभिन्न हिस्सों को प्रभावित करता है। उपचार में सर्जरी, कीमोथेरेपी, और रेडिएशन प्रभावी हैं। प्राकृतिक उपचार और होम्योपैथी सहायक हो सकते हैं, पर इन्हें पूरक मानें। नियमित जांच और स्वस्थ जीवनशैली ब्रेन ट्यूमर से बचाव में मदद करती है। जागरूकता बढ़ाएं। अगर लक्षण दिखें, तो तुरंत न्यूरोलॉजिस्ट से मिलें। समय पर उपचार से स्वास्थ्य सुरक्षित रहता है और जीवन बेहतर होता है।
हां, ब्रेन ट्यूमर का इलाज संभव है। बिनाइन ट्यूमर में सर्जरी से पूर्ण रिकवरी हो सकती है, जबकि मैलिग्नेंट ट्यूमर में सर्जरी, कीमोथेरेपी, और रेडिएशन का संयोजन प्रभावी है। जल्दी निदान से परिणाम बेहतर होते हैं।
ब्रेन ट्यूमर के लक्षण आमतौर पर ट्यूमर के आकार और स्थान पर निर्भर करते हैं। सिरदर्द, दौरे, मतली और उल्टी जैसे लक्षण अक्सर दिखाई देते हैं। ये लक्षण धीरे-धीरे विकसित हो सकते हैं और शुरुआत में हल्के हो सकते हैं। दृष्टि में बदलाव, मानसिक क्षमता में कमी, और व्यक्तित्व में परिवर्तन भी संभव हैं। लक्षणों की गंभीरता और समय ट्यूमर के प्रकार और स्थान पर निर्भर करता है ।
ब्रेन ट्यूमर के उपचार में सर्जरी, रेडिएशन थेरेपी, और कीमोथेरेपी शामिल होते हैं। इनमें से कौन सा सबसे प्रभावी है, यह ट्यूमर के प्रकार और स्थान पर निर्भर करता है। सर्जरी अक्सर सबसे पहले की जाती है ताकि ट्यूमर को हटाया जा सके। रेडिएशन थेरेपी और कीमोथेरेपी का उपयोग ट्यूमर की शेष कोशिकाओं को नष्ट करने के लिए किया जाता है।
ब्रेन ट्यूमर के लक्षणों का निदान करने के लिए, डॉक्टर विभिन्न परीक्षणों का उपयोग करते हैं, जिनमें न्यूरोलॉजिकल परीक्षण, इमेजिंग टेस्ट (जैसे एमआरआई और सीटी स्कैन) और बायोप्सी (यदि आवश्यक हो) शामिल हो सकते हैं.
ब्रेन ट्यूमर के लिए सर्जरी कई कारणों से आवश्यक हो सकती है। ट्यूमर को हटाने से मस्तिष्क के महत्वपूर्ण हिस्सों को नुकसान से बचाया जा सकता है, और ट्यूमर के कारण होने वाले लक्षणों को कम किया जा सकता है.
हाँ, कुछ मामलों में ब्रेन ट्यूमर का इलाज बिना सर्जरी के भी किया जा सकता है। विकिरण चिकित्सा, कीमोथेरेपी, और इम्यूनोथेरेपी जैसे विकल्प उपलब्ध हैं।
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