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बार-बार सर्दी-जुकाम होने के कारण, लक्षण और इलाज

Last updated on : 10 Nov, 2025

Read time : 10 min

सर्दी-जुकाम (Common Cold) एक अत्यधिक संक्रामक सामान्य स्वास्थ्य समस्या है, जो किसी भी आयु वर्ग के व्यक्ति को प्रभावित कर सकती है। यह मुख्यतः 200 से अधिक विभिन्न वायरस (जैसे राइनोवायरस, कोरोनावायरस, और रेस्पिरेटरी सिन्सिशीयल वायरस) के कारण होता है, जिनका प्रसार खांसने, छींकने, या दूषित सतहों को छूने से होता है [1], [2]। यह विशेष रूप से मौसम परिवर्तन, ठंडी हवाओं और कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली (इम्यून सिस्टम) के कारण अधिक प्रभावी होती है। सर्दी-जुकाम भले ही मामूली लगे, लेकिन समय पर ध्यान न देने पर यह अधिक परेशानी का कारण बन सकता है। यह न केवल शरीर को असहज करता है, बल्कि दैनिक गतिविधियों और मूड को भी प्रभावित करता है। इस लेख में हम बार-बार सर्दी-जुकाम होने के संभावित कारणों, प्रमुख लक्षणों, बचाव के उपायों और प्रभावी प्रबंधन के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे।

सर्दी-जुकाम के लक्षण (Common Cold and Cough Symptoms in Hindi)

हालांकि सर्दी और जुकाम (खांसी) के लक्षण काफी मिलते-जुलते हैं, लेकिन दोनों में कुछ अंतर हो सकता है। यह समझना महत्वपूर्ण है कि अधिकांशतः ‘सर्दी’ और ‘खांसी’ दोनों ऊपरी श्वसन तंत्र के वायरल संक्रमण के हिस्से के रूप में एक साथ होते हैं [3]

  • सर्दी से जुड़े आम लक्षण
  • नाक से पानी बहना
  • गले में खराश
  • बार-बार छींक आना
  • सिर में हल्का दर्द
  • थकान महसूस होना
  • हल्का बुखार (आमतौर पर बच्चों में अधिक देखा जाता है)
  • जुकाम (खांसी) से जुड़े लक्षण
  • बार-बार खांसना
  • नाक का बंद होना
  • शरीर में दर्द
  • ठिठुरन महसूस होना
  • गले में जलन या सूजन
  • आंखों से पानी आना

मुख्य तथ्य: इन लक्षणों की प्रकृति व्यक्ति-विशेष की प्रतिरक्षा क्षमता पर निर्भर करती है, और उनकी तीव्रता हल्की से लेकर मध्यम तक हो सकती है। अधिकांश मामलों में, लक्षण संक्रमण के 1-3 दिन बाद शुरू होते हैं और 7 से 10 दिनों के भीतर कम होने लगते हैं [2]

सर्दी-जुकाम के कारण (Cold and Cough Causes in Hindi)

सर्दी-जुकाम आमतौर पर वायरल संक्रमण के कारण होता है, लेकिन इसके पीछे कई अन्य कारक भी ज़िम्मेदार हो सकते हैं जो संक्रमण की संभावना को बढ़ा देते हैं।

  • वायरल संक्रमण: यह समस्या मुख्यतः राइनोवायरस (Rhinovirus) और अन्य श्वसन वायरस के संपर्क में आने से उत्पन्न होती है [2]
  • कम तापमान में लंबे समय तक रहना: ठंडे वातावरण में अत्यधिक समय बिताने से शरीर के तापमान का नियमन प्रभावित हो सकता है, हालांकि, वायरस के संपर्क में आना ही मुख्य कारण है।
  • रोग प्रतिरोधक क्षमता में कमी: जब इम्यून सिस्टम कमजोर होता है, तो शरीर सामान्य संक्रमणों से भी प्रभावी ढंग से नहीं लड़ पाता।
  • प्रदूषण और धूल के संपर्क में आना: वायु प्रदूषण में मौजूद सूक्ष्म कण सांस की नली को प्रभावित कर सकते हैं, जिससे श्वसन तंत्र में जलन और संक्रमण का खतरा बढ़ता है।
  • पोषण की कमी: संतुलित आहार की कमी से आवश्यक विटामिन और खनिज नहीं मिल पाते, जिससे इम्यूनिटी कमजोर पड़ती है। खासतौर पर विटामिन C और D का स्तर कम होने पर भेद्यता बढ़ सकती है [4], [5]
  • भीड़-भाड़ वाले स्थानों में रहना: ऐसे स्थानों पर वायरस के प्रसार की संभावना अधिक होती है, खासकर जब आसपास संक्रमित व्यक्ति हों।

बार-बार जुकाम होने के क्या कारण हैं?

अगर किसी व्यक्ति को बार-बार सर्दी-जुकाम की शिकायत होती है, तो इसके पीछे कुछ विशेष कारण हो सकते हैं। ये कारण केवल दिनचर्या से जुड़े नहीं होते, बल्कि यह शरीर की आंतरिक स्थिति का भी संकेत दे सकते हैं।

  • प्रतिरक्षा प्रणाली की कमजोरी: जब इम्यून सिस्टम ठीक से काम नहीं करता, तो शरीर सामान्य संक्रमणों के प्रति अधिक संवेदनशील हो जाता है। यह किसी अंतर्निहित स्वास्थ्य समस्या (जैसे ऑटोइम्यून डिसऑर्डर या लंबे समय से चली आ रही बीमारी) का संकेत हो सकता है।
  • अत्यधिक तनाव (Chronic Stress): लंबे समय तक तनाव में रहना या पर्याप्त आराम न मिलना, इम्यून फंक्शन को दबा सकता है, जिससे संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है।
  • विटामिन D और C की अपर्याप्तता: ये दोनों पोषक तत्व शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाए रखने में अहम भूमिका निभाते हैं [4], [5]। इनका अपर्याप्त स्तर संक्रमणों को बार-बार होने में योगदान दे सकता है।
  • संक्रमण के संपर्क में आना: छोटे बच्चों के माता-पिता या स्वास्थ्यकर्मी जैसे जिन लोगों को पहले से सर्दी-जुकाम है, उनके आसपास रहने पर वायरस के फैलने का खतरा अधिक होता है।
  • मौसमी बदलाव के प्रति संवेदनशीलता: एलर्जी या अस्थमा जैसी अंतर्निहित श्वसन स्थितियों के कारण कुछ लोगों का शरीर तापमान में बदलाव या नमी के स्तर में उतार-चढ़ाव के प्रति जल्दी प्रतिक्रिया करता है, जिससे संक्रमण की आशंका बढ़ जाती है।

सर्दी-जुकाम से बचाव

सर्दी-जुकाम से बचाव के लिए कुछ आसान और प्रभावी आदतें अपनाई जा सकती हैं, जो संक्रमण के जोखिम को कम करने में मदद करती हैं:

  • हाथों की स्वच्छता बनाए रखें: दिनभर में कई बार कम से कम 20 सेकंड तक हाथ धोने से वायरस के प्रसार को रोका जा सकता है [2], खासकर खाने से पहले और बाहर से आने के बाद।
  • रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत करें: एक संतुलित आहार लें जिसमें विटामिन C, जिंक और एंटीऑक्सीडेंट युक्त खाद्य पदार्थ जैसे फल, हरी सब्जियाँ और नट्स का सेवन करें।
  • भीड़भाड़ वाले स्थानों से दूरी बनाएं: जहां बहुत से लोग एकत्र हों, वहाँ संक्रमण फैलने की संभावना अधिक होती है। संक्रमित लोगों से संपर्क सीमित रखें।
  • ठंड से खुद को सुरक्षित रखें: ठंड के मौसम में गर्म कपड़ों का उपयोग करें, विशेषकर जब तापमान अचानक गिरता है।
  • तनाव को कम करें और पर्याप्त नींद लें: वयस्कों के लिए प्रति रात 7-9 घंटे की अच्छी नींद और मानसिक संतुलन प्रतिरक्षा प्रणाली को बेहतर बनाते हैं।
  • नियमित व्यायाम करें: हल्की-फुल्की गतिविधियां जैसे तेज़ चलना या योग, शरीर को स्वस्थ बनाए रखने में मदद करते हैं।
  • पर्याप्त हाइड्रेशन: खूब सारा पानी और तरल पदार्थ पीकर शरीर को हाइड्रेटेड रखें, यह बलगम को पतला करने में मदद करता है।

सर्दी-जुकाम का इलाज (Cold and Cough Treatment in Hindi)

सर्दी-जुकाम के लक्षणों से राहत पाने के लिए उपचार के कई सुरक्षित और प्रभावी विकल्प मौजूद हैं। सर्दी का कोई सीधा इलाज (Cure) नहीं है, इसलिए उपचार का लक्ष्य लक्षणों को प्रबंधित करना और आराम सुनिश्चित करना होता है [2]। उपचार का चयन व्यक्ति की स्थिति और लक्षणों की गंभीरता पर निर्भर करता है।

1. घरेलू देखभाल के उपाय (Home Remedies)

  • गर्म पानी से गरारे करना: यह गले की खराश को शांत करने और संक्रमण को कम करने में सहायक हो सकता है। नमकीन गर्म पानी के गरारे सूजन कम करने में भी मदद कर सकते हैं।
  • अदरक और शहद का सेवन: यह गले को आराम पहुंचाता है और खांसी की आवृत्ति को कम कर सकता है।
  • तुलसी-अदरक वाली हर्बल चाय: यह श्वसन तंत्र को राहत देने और गले की सूजन में उपयोगी हो सकती है।
  • भाप लेना (स्टीम इनहेलेशन): यह बंद नाक को खोलने और साइनस से जुड़ी परेशानी को कम करने में मदद कर सकता है।

2. पारंपरिक और सहायक विकल्प

  • च्यवनप्राश का सेवन: इसमें विटामिन C और जड़ी-बूटियों का संयोजन होता है, जो पारंपरिक रूप से इम्यून सिस्टम को समर्थन दे सकता है।
  • त्रिकटु चूर्ण: यह आयुर्वेदिक मिश्रण पारंपरिक रूप से बलगम संबंधी असुविधा और पाचन समस्याओं में सहायक माना जाता है।
  • गिलोय का रस: कुछ अध्ययनों के अनुसार, यह हर्बल सप्लीमेंट प्रतिरोधक क्षमता को बनाए रखने में सहायक हो सकता है [6]। इसके उपयोग से पहले चिकित्सक से सलाह लें।
  • हल्दी वाला गर्म दूध: हल्दी में मौजूद करक्यूमिन में सूजन-रोधी और रोगाणुरोधी गुण पाए जाते हैं।
  • ओवर-द-काउंटर (OTC) दवाएं: लक्षणों की गंभीरता के आधार पर, बुखार और दर्द के लिए एसिटामिनोफेन या आईबुप्रोफेन, और बंद नाक के लिए डीकन्जेस्टेन्ट्स का प्रयोग किया जा सकता है। इन दवाओं का उपयोग केवल चिकित्सक की सलाह पर ही करें।

डॉक्टर को कब दिखाएँ?

अधिकतर सर्दी-जुकाम सामान्य होते हैं और घरेलू उपचार तथा सावधानियां अपनाकर 7 से 10 दिनों में ठीक हो जाते हैं। लेकिन यदि स्थिति गंभीर हो या सुधार न हो, तो चिकित्सकीय सलाह लेना आवश्यक हो जाता है।

निम्नलिखित मामलों में डॉक्टर से संपर्क करना जरूरी होता है:

  • सर्दी-जुकाम 10 दिनों से अधिक समय तक बना रहे
  • तेज़ या बार-बार बुखार आना तेज़ या बार-बार बुखार आना (वयस्कों में 100.4°F या 38°C से अधिक)
  • सांस लेने में दिक्कत महसूस होना या तेज़ साँस चलना
  • सीने में दर्द होना या घरघराहट
  • लक्षणों का बिगड़ना या नए लक्षणों का उभरना

विशेषज्ञ उद्धरण

यदि सर्दी-जुकाम 10 दिन से अधिक समय तक बना रहे या सांस लेने में दिक्कत, बार-बार तेज बुखार, या सीने में दर्द जैसे लक्षण महसूस हों, तो तुरंत चिकित्सक से परामर्श लेना आवश्यक है। ये लक्षण किसी द्वितीयक जीवाणु संक्रमण (Secondary Bacterial Infection), निमोनिया, या अन्य गंभीर स्वास्थ्य समस्या की ओर संकेत कर सकते हैं, जिन्हें समय पर पहचान कर सही उपचार लेना जरूरी होता है।

-Dr. Sachin Singh

निष्कर्ष

सर्दी-जुकाम एक आम स्वास्थ्य समस्या है जो आमतौर पर 7 से 10 दिनों में खुद ही ठीक हो जाती है, लेकिन इसके सही प्रबंधन और जागरूकता से इससे होने वाली असुविधा को कम किया जा सकता है। संतुलित पोषण, पर्याप्त आराम, नियमित व्यायाम और व्यक्तिगत स्वच्छता का पालन करना इस स्थिति से बचाव में मददगार साबित होता है। साथ ही, संक्रमण से बचाव के लिए हाथ धोना और बीमार लोगों से दूरी बनाना जरूरी है [2]। यदि सामान्य उपचार के बाद भी लक्षणों में सुधार न हो, विशेष रूप से 10 दिनों के बाद, या यदि सांस लेने में कठिनाई या तेज़ बुखार जैसे गंभीर लक्षण हों, तो तत्काल चिकित्सीय सलाह लेना आवश्यक है। समय पर उचित देखभाल से गंभीर जटिलताओं से बचा जा सकता है और स्वास्थ्य को बेहतर बनाए रखा जा सकता है।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)

सर्दी-जुकाम सामान्यतः कितने दिनों में ठीक हो जाता है?

आम तौर पर सर्दी-जुकाम 7 से 10 दिनों के भीतर ठीक हो जाता है [2]

जुकाम क्यों होता है?

मुख्य कारण राइनोवायरस जैसे श्वसन वायरस और कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली होती है।

बार-बार जुकाम आने का क्या कारण हो सकता है?

बार-बार सर्दी होने के कारणों में प्रतिरक्षा प्रणाली की कमजोरी, विटामिन C और D की कमी, या संक्रमण के उच्च संपर्क में रहना शामिल है। यह अस्थमा या एलर्जी जैसी अंतर्निहित समस्याओं का भी संकेत हो सकता है, जिसके लिए डॉक्टर से सलाह लेना आवश्यक है।

किस विटामिन की कमी से सर्दी और खांसी ज्यादा होती है?

विटामिन C और विटामिन D की कमी से सर्दी और खांसी की समस्या बढ़ सकती है क्योंकि ये दोनों प्रतिरक्षा कार्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं [4], [5]

क्या एक दिन में सर्दी-जुकाम ठीक किया जा सकता है?

एक दिन में इसे पूरी तरह ठीक करना संभव नहीं है, लेकिन अदरक, शहद और भाप लेने जैसे घरेलू उपाय लक्षणों में तेजी से राहत दे सकते हैं।

References

[1] रोग नियंत्रण एवं रोकथाम केंद्र. (2022). सामान्य ज़ुकाम: अक्सर पूछे जाने वाले सवाल. रोग नियंत्रण एवं रोकथाम केंद्र (CDC). https://www.cdc.gov/dotw/common-cold/index.html

[2] राष्ट्रीय एलर्जी एवं संक्रामक रोग संस्थान. (2023). सामान्य ज़ुकाम. राष्ट्रीय एलर्जी एवं संक्रामक रोग संस्थान (NIAID). https://www.niaid.nih.gov/diseases-conditions/common-cold

[3] रोग नियंत्रण एवं रोकथाम केंद्र. (2023). ज़ुकाम और फ्लू के बीच अंतर. रोग नियंत्रण एवं रोकथाम केंद्र (CDC). https://www.cdc.gov/flu/symptoms/coldflu.htm

[4] राष्ट्रीय स्वास्थ्य संस्थान. (2021). स्वास्थ्य पेशेवरों के लिए विटामिन सी तथ्य पत्रक. राष्ट्रीय स्वास्थ्य संस्थान (NIH), आहार अनुपूरक का कार्यालय. https://ods.od.nih.gov/factsheets/VitaminC-HealthProfessional/

[5] राष्ट्रीय स्वास्थ्य संस्थान. (2021). स्वास्थ्य पेशेवरों के लिए विटामिन डी तथ्य पत्रक। राष्ट्रीय स्वास्थ्य संस्थान (NIH), आहार अनुपूरक का कार्यालय. https://ods.od.nih.gov/factsheets/VitaminD-HealthProfessional/

[6] Jain, A., Singh, M. K., Soni, S., & Shrivastava, S. (2024). गिलोय (टिनोस्पोरा कॉर्डिफ़ोलिया) के पत्तों के इम्यूनोमॉडुलेटरी गुण और मूल्यवर्धित उत्पादों में इसके अनुप्रयोग। हेलियॉन, 11(1), e40948. https://doi.org/10.1016/j.heliyon.2024.e40948

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