Last updated on : 11 Jul, 2025
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खुबानी (Apricot) एक स्वादिष्ट और पौष्टिक फल है, जिसे भारत में सुखाकर और ताजा दोनों रूपों में खाया जाता है। खुबानी का उपयोग जैम, मिठाइयों और सूखे मेवों में भी किया जाता है। यह सेहतमंद और स्वादिष्ट विकल्प हर उम्र के लोगों के लिए फायदेमंद है।
इस लेख में जानिए खुबानी के प्रमुख स्वास्थ्य लाभ, इसके सेवन का सही तरीका और इससे जुड़ी कुछ जरूरी सावधानियां।
खुबानी एक स्वादिष्ट और पोषक तत्वों से भरपूर फल है, जो मुख्य रूप से गर्म और शुष्क जलवायु वाले क्षेत्रों में उगाया जाता है। यह एक छोटा, गोल और हल्के नारंगी रंग का फल होता है, जिसका स्वाद हल्का मीठा और खट्टापन लिए होता है। बताना चाहेंगे कि खुबानी में विटामिन ए, सी, ई और फाइबर प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं, जो आँखों की रोशनी बढ़ाने, त्वचा को स्वस्थ रखने और पाचन को बेहतर बनाने में मदद करते हैं। इसके सूखे रूप को सुखी खुबानी या ड्राई एप्रिकॉट कहा जाता है, जो एनर्जी बूस्टर के रूप में भी उपयोगी होती है।
खुबानी का सेवन ताजे फल, सूखी खुबानी या जूस के रूप में किया जा सकता है। इसे सुबह खाली पेट खाने से पाचन तंत्र बेहतर होता है और दिनभर ऊर्जा बनी रहती है। नियमित रूप से खुबानी खाने से आंखों की रोशनी बढ़ती है और हड्डियां मजबूत होती हैं।
खुबानी गिरी में कैफिक एसिड (2.5 μg/g) और गैलिक एसिड (4.1 μg/g) होते हैं, जिनका उपयोग पारंपरिक चिकित्सा में हृदय रोग, श्वसन संबंधी समस्याओं, और त्वचा स्वास्थ्य में किया जाता है। वैज्ञानिक परीक्षणों में खुबानी गिरी की एंटीऑक्सिडेंट क्षमता को मुक्त कणों को निष्क्रिय करने में सक्षम पाया गया है।
खुबानी गिरी में पाए जाने वाले यौगिक कैंसर जैसे डीजेनेरेटिव रोगों के प्रबंधन में सहायता कर सकते हैं। कुछ अध्ययनों के अनुसार, खुबानी और इसकी गिरी का सेवन गैस्ट्रिक म्यूकोसा में सूजन को कम करने और Helicobacter pylori संक्रमण के प्रबंधन में सहायक हो सकता है।
खुबानी में घुलनशील और अघुलनशील फाइबर होते हैं जो LDL कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने में सहायक हो सकते हैं। पशु मॉडल में किए गए अध्ययनों में खुबानी के सेवन से हृदय संबंधी समस्याओं के जोखिम में 10-20% तक कमी देखी गई है।
खुबानी गिरी का सेवन प्लेटलेट्स के उचित कार्य में सहायक पाया गया है।
खुबानी गिरी में मौजूद फ्लावोनॉयड्स और फ्लावोन्स प्लेटलेट्स के एकत्रीकरण को कम करने में सहायक हो सकते हैं। अध्ययनों के अनुसार, यह यौगिक लाल रक्त कोशिकाओं को ऑक्सीडेटिव तनाव से बचाने में भी मदद करते हैं।
कुछ अध्ययन में खुबानी गिरी के सेवन से फैटी लीवर जैसी स्थितियों में राहत देखी गई है। इसमें मौजूद फिनोलिक यौगिकों के कारण एंटी-कार्सिनोजेनिक, एंटी-इंफ्लेमेटरी और हृदय स्वास्थ्य सहायक प्रभाव देखे गए हैं।
अल्सर के मरीजों के लिए खुबानी एक फायदेमंद फल साबित हो सकती है। इसमें मौजूद फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट पेट की जलन को कम करने में मदद करते हैं। विटामिन A और C घाव भरने की प्रक्रिया को तेज करते हैं, जबकि प्राकृतिक शर्करा पेट को आराम देती है। रोजाना संतुलित मात्रा में खुबानी खाने से पाचन तंत्र मजबूत होता है और अल्सर से राहत मिलती है।
पारंपरिक चीनी चिकित्सा में खुबानी गिरी का उपयोग शरीर में तरल पदार्थ के संतुलन, प्यास बुझाने और विषहरण के लिए किया जाता है।
यह गिरी पारंपरिक रूप से खांसी में आराम देने वाले सिरप बनाने में भी उपयोग होती है।
आयुर्वेद और यूनानी चिकित्सा में इसे शीतहर, रक्तशोधक, एंटीसेप्टिक, दर्द निवारक, कामोत्तेजक, नेत्र रोग निवारक और टॉनिक के रूप में भी माना जाता है।
खुबानी एक स्वादिष्ट और पोषण से भरपूर फल है, जिसे कई तरीकों से अपनी डाइट में शामिल किया जा सकता है। आप इसे ताजा खा सकते हैं या सुखाकर ड्राई फ्रूट के रूप में इस्तेमाल कर सकते हैं। सुबह खाली पेट खुबानी खाने से पाचन बेहतर होता है। इसे सलाद, शेक, या मिठाइयों में भी मिलाया जा सकता है। खुबानी की चटनी और जैम बनाकर इसका स्वाद बढ़ाया जा सकता है। यह त्वचा और सेहत दोनों के लिए फायदेमंद होती है।
खुबानी (Apricot) एक स्वादिष्ट और सेहतमंद फल है, जो न केवल शरीर को जरूरी पोषक तत्व प्रदान करता है, बल्कि पाचन, त्वचा, हड्डियों और आंखों की सेहत के लिए भी बेहद फायदेमंद है। यह फल खासतौर पर बच्चों और बुजुर्गों के लिए फायदेमंद है। आशा है कि इस लेख में आपको खुबानी (Apricot in Hindi) की संपूर्ण जानकारी मिल गई होगी, इसी प्रकार के अन्य लेख पढ़ने के लिए हमारी वेबसाइट के साथ बने रहे।
एक दिन में 2 से 4 ताजी या 4 से 6 सूखी खुबानी खाना पर्याप्त होता है। इसे सुबह खाली पेट या नाश्ते में शामिल करना फायदेमंद होता है। अधिक मात्रा में सेवन से पेट खराब हो सकता है, इसलिए संतुलित मात्रा में ही सेवन करें।
खुबानी खाने से शरीर को जरूरी विटामिन, मिनरल्स और फाइबर मिलते हैं, जो पाचन तंत्र को सुधारने और रोग प्रतिकारक क्षमता बढ़ाने में मदद करते हैं।
खुबानी को ताजे या सूखे रूप में खाया जा सकता है, इसका सेवन सीधे किया जा सकता है या इसे सलाद, स्मूदी, या हलवे में मिलाकर भी खाया जा सकता है।
खुबानी की तासीर गर्म होती है, जो शरीर को ऊर्जा देती है और पाचन क्रिया को बेहतर बनाती है।
खुबानी को भिगोकर खाना सेहत के लिए फायदेमंद हो सकता है, क्योंकि इससे इसके पोषक तत्वों का अवशोषण बेहतर होता है और यह पेट को हल्का रखता है।
खुबानी के अधिक सेवन से पेट की समस्याएं, जैसे गैस, दस्त और पेट दर्द हो सकते हैं, इसलिए इसका सीमित सेवन करना चाहिए।
संदर्भ सूची:
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