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अजवाइन: औषधीय गुण, उपयोग और ज़रूरी सावधानियां

Last updated on : 27 Nov, 2025

Read time : 11 min

अजवाइन, जिसे अंग्रेज़ी में Carom Seeds या वैज्ञानिक रूप से Trachyspermum ammi के नाम से जाना जाता है, भारतीय मसालों और पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों का एक अभिन्न अंग है। इसके छोटे भूरे बीज पाचक गुण, तीखे स्वाद और तेज़ सुगंध के लिए जाने जाते हैं।

यह मार्गदर्शिका आपको अजवाइन के साक्ष्य-आधारित स्वास्थ्य लाभों, इसके सही उपयोग और संभावित जोखिमों के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान करती है। अपने आहार में अजवाइन को शामिल करते समय उसकी मात्रा और सेवन विधि का ध्यान रखना सुरक्षित और प्रभावी उपयोग के लिए महत्वपूर्ण है।

पारंपरिक आयुर्वेदिक और यूनानी चिकित्सा प्रणालियों में, अजवाइन को मुख्य रूप से इसके कार्मिनेटिव (वातहर) और पाचन उत्तेजक गुणों के लिए उपयोग किया जाता रहा है।

इस गाइड में, हम अजवाइन के प्रमुख पोषक तत्वों, सिद्ध लाभों, और महत्वपूर्ण सावधानियों पर विस्तृत चर्चा करेंगे, ताकि आप इसे सोच-समझकर अपने जीवन में शामिल कर सकें।

अजवाइन में पाये जाने वाले पोषक तत्व: (Key Nutrients in Ajwain)

अजवाइन, इसके छोटे आकार के बावजूद, ऊर्जा, फाइबर और खनिजों का एक समृद्ध स्रोत है। इसमें विभिन्न प्रकार के यौगिक होते हैं जो आपके स्वास्थ्य के लिए लाभकारी हैं।

पोषक तत्व (Nutrient) मात्रा (लगभग प्रति 100 ग्राम)[1] लाभ (Potential Benefits)
थाइमोल (Thymol) लगभग 2.5% (आवश्यक तेल का प्रमुख घटक) अजवाइन का प्रमुख सक्रिय यौगिक। इसके एंटीबैक्टीरियल, एंटीफंगल और वातहर (carminative) गुण इसके औषधीय महत्व को निर्धारित करते हैं।
फाइबर (Fiber) लगभग 11.5 ग्राम स्वस्थ पाचन को बढ़ावा देता है और मल त्याग में सहायता कर सकता है।
आयरन (Iron) लगभग 7.4 मिलीग्राम लाल रक्त कोशिकाओं के निर्माण और ऑक्सीजन के परिवहन में सहायक।
कैल्शियम (Calcium) लगभग 1500 मिलीग्राम हड्डियों और दांतों के स्वास्थ्य को बनाए रखने में महत्वपूर्ण।
पोटेशियम (Potassium) लगभग 250 मिलीग्राम द्रव संतुलन और स्वस्थ रक्तचाप को नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

नोट: पोषक तत्वों की यह जानकारी मुख्य रूप से कच्चे अजवाइन बीज के अनुमानित मूल्यों पर आधारित है और व्यंजनों में उपयोग करने पर यह मात्रा भिन्न हो सकती है।

अजवाइन के औषधीय गुण: (Therapeutic Properties of Ajwain)

अजवाइन के गुण इसे पारंपरिक चिकित्सा में एक विशेष स्थान दिलाते हैं। इसके विभिन्न गुण इसे पाचन और श्वसन संबंधी समस्याओं में प्रभावी बनाते हैं।

  • कार्मिनेटिव (वातहर) और पाचन उत्तेजक गुण: अजवाइन का मुख्य औषधीय गुण इसका कार्मिनेटिव प्रभाव है, जो पेट फूलना (bloating) और गैस से राहत दिलाने में सहायक है। यह पाचक एंजाइमों को उत्तेजित कर सकता है [2]
  • रोगाणुरोधी (Antimicrobial) गुण: इसमें मौजूद थाइमोल यौगिक विभिन्न प्रकार के बैक्टीरिया और फंगस के विकास को रोकने की क्षमता रखता है [3]
  • एंटी-इंफ्लेमेटरी (सूजनरोधी) गुण: अजवाइन के अर्क में कुछ ऐसे यौगिक पाए गए हैं जो शरीर में सूजन (inflammation) को कम करने में सहायक हो सकते हैं [4]
  • ब्रोंकोडायलेटरी प्रभाव (Bronchodilatory Effect): कुछ अध्ययनों से पता चलता है कि अजवाइन में ऐसे घटक हो सकते हैं जो वायुमार्ग को खोलने (ब्रोंकोडायलेशन) में मदद करते हैं, जिससे श्वसन संबंधी समस्याओं में संभावित राहत मिल सकती है [5]

अजवाइन के स्वास्थ्य लाभ (Ajwain ke Fayde)

अजवाइन के विभिन्न लाभ हैं जो आपकी सेहत को बेहतर बनाने में सहायक हो सकते हैं:

पाचन शक्ति सुधारने में सहायक:

अजवाइन का इस्तेमाल पारंपरिक रूप से अपच, पेट फूलना और पेट दर्द को नियंत्रित करने के लिए किया जाता है [2]। अजवाइन पाचन तंत्र को सुधारने में मदद करता है और आंतों की गतिशीलता (peristalsis) का समर्थन करके कब्ज की समस्याओं को दूर करने में सहायक हो सकता है [6]

सांस की समस्याओं में संभावित राहत:

अजवाइन श्वसन तंत्र के लिए पारंपरिक रूप से फायदेमंद मानी जाती है। इसके बायोएक्टिव घटक, विशेष रूप से थाइमोल, बलगम को पतला करने (expectorant) और श्वसन मार्ग की सूजन को कम करने में मदद कर सकते हैं [5]

उच्च रक्तचाप (High Blood Pressure) प्रबंधन में सहायक:

जानवरों पर किए गए सीमित अध्ययनों से पता चला है कि अजवाइन में वासोडिलेटरी (रक्त वाहिकाओं को चौड़ा करने वाला) और कैल्शियम चैनल ब्लॉकिंग गतिविधियाँ हो सकती हैं [7]। ये प्रभाव स्वस्थ रक्तचाप के स्तर को बनाए रखने में सिद्धांत रूप में सहायक हो सकते हैं, हालांकि, मनुष्यों में इसके प्रभाव की पुष्टि के लिए व्यापक नैदानिक अध्ययन आवश्यक हैं।

उच्च कोलेस्ट्रॉल (Hyperlipidemia) में लाभ:

अजवाइन का उपयोग पारंपरिक रूप से उच्च कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित करने के लिए किया जाता रहा है। कुछ सीमित शोध सुझाव देते हैं कि अजवाइन एलडीएल (खराब) कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित करने और एचडीएल (अच्छा) कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बेहतर बनाने में मदद कर सकती है [8]। यह हृदय के स्वास्थ्य को बनाए रखने में सहायक होता है।

दांत दर्द और मौखिक स्वच्छता में सहायक:

अजवाइन में मौजूद जीवाणुरोधी और एंटीफंगल गुण मौखिक रोगजनकों (oral pathogens) जैसे Streptococcus mutans के खिलाफ़ जीवाणुनाशक प्रभाव प्रदर्शित करते हैं [9]। थाइमोल के कारण, अजवाइन का तेल मौखिक स्वच्छता बनाए रखने और मसूड़ों से जुड़ी छोटी-मोटी परेशानियों को ठीक करने में मदद कर सकता है।

प्रतिरक्षा शक्ति बढ़ाए:

अजवाइन में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स और फेनोलिक यौगिक शरीर में फ्री रेडिकल्स को बेअसर करने और ऑक्सीडेटिव तनाव को कम करने में मदद कर सकते हैं [10]। यह अप्रत्यक्ष रूप से प्रतिरक्षा प्रणाली को समर्थन देने में सहायक है।

अजवाइन के सेवन की विधि: (How to Take Ajwain)

अजवाइन का सेवन करते समय उसकी मात्रा और तरीके पर ध्यान देना आवश्यक है।

  • खुराक (Dosage): अजवाइन का सेवन दिन में 1-2 ग्राम (लगभग आधा से एक चम्मच) दैनिक सेवन तक आमतौर पर सुरक्षित माना जाता है। किसी भी चिकित्सीय स्थिति के लिए उपयोग करने से पहले चिकित्सक की सलाह लेना महत्वपूर्ण है।
  • खाली पेट सुबह अजवाइन का सेवन: सुबह के समय खाली पेट अजवाइन का सेवन करने से इसके पाचक और वातहर गुण अधिक प्रभावी हो सकते हैं। इसे पानी में भिगोकर (रातभर), उसका पानी पीकर या सीधे बीजों को गुनगुने पानी के साथ लिया जा सकता है।
  • आहार में शामिल करना: आप अजवाइन को विभिन्न खाद्य पदार्थों में मिला सकते हैं। इसे पराठे, पूरी, ब्रेड या दाल जैसे पकवानों में तड़के के रूप में उपयोग करने से भोजन का पाचन आसान हो सकता है।

अजवाइन के नुकसान और सेवन से जुड़ी सावधानियां: (Side Effects and Precautions of Consuming Ajwain)

किसी भी जड़ी-बूटी की तरह, अजवाइन का उपयोग करते समय भी संभावित नुकसान और ज़रूरी सावधानियों को जानना महत्वपूर्ण है।

सावधानियाँ (Precautions):

  • गर्भावस्था (Pregnancy): गर्भावस्था के दौरान अजवाइन का सेवन केवल सीमित मात्रा में और डॉक्टर की सलाह से करना चाहिए। अजवाइन में मौजूद कुछ घटक गर्भाशय संकुचन (uterine contractions) को उत्तेजित कर सकते हैं, जिससे जटिलताएँ उत्पन्न हो सकती हैं [4]। गर्भवती महिलाओं को इसका अत्यधिक सेवन करने से बचना चाहिए।
  • स्तनपान (Lactation): स्तनपान कराने वाली माताओं को अजवाइन का सेवन सावधानीपूर्वक करना चाहिए, क्योंकि इसके यौगिक स्तन के दूध के माध्यम से शिशु तक पहुँच सकते हैं।
  • पेट में अल्सर (Stomach Ulcers) और एसिडिटी: अजवाइन की तासीर गर्म होती है और इसमें तेल अधिक होता है। यदि आप पेट में गंभीर जलन (acidity) या अल्सर से पीड़ित हैं, तो अत्यधिक सेवन से लक्षण और बिगड़ सकते हैं।
  • दवाओं के साथ परस्पर क्रिया (Drug Interactions): यदि आप रक्त पतला करने वाली दवाएं (blood thinners) या रक्तचाप की दवाएं ले रहे हैं, तो अजवाइन का सेवन करने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह लेना आवश्यक है, क्योंकि यह दवाओं के प्रभाव को प्रभावित कर सकता है।

अत्यधिक सेवन के दुष्प्रभाव:

अत्यधिक मात्रा में अजवाइन का सेवन करने से पेट में जलन, एसिडिटी, गैस, या दस्त की समस्या हो सकती है। एक दिन में 2 ग्राम से अधिक का सेवन करने से ऐसे दुष्प्रभाव होने की संभावना बढ़ जाती है।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)

अजवाइन खाने से क्या होता है?

अजवाइन खाने से पाचन तंत्र मजबूत होता है, खासकर गैस और अपच में राहत मिलती है। इसमें रोगाणुरोधी और एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं, जो शारीरिक स्वास्थ्य को समर्थन देने में मदद करते हैं।

अजवाइन कौन-कौन सी बीमारी में काम आती है?

अजवाइन मुख्य रूप से पेट दर्द, गैस, एसिडिटी, खांसी और जुकाम में पारंपरिक रूप से फायदेमंद होती है। यह उच्च रक्तचाप और कोलेस्ट्रॉल के प्रबंधन में एक सहायक आहार पूरक (supplement) के रूप में काम कर सकती है।

सुबह-सुबह खाली पेट अजवाइन खाने से क्या होता है?

खाली पेट अजवाइन खाने से पाचन क्रिया उत्तेजित होती है और गैस, सूजन (bloating) को कम करने में मदद मिलती है। यह मेटाबॉलिज़्म को तेज करके अप्रत्यक्ष रूप से वजन प्रबंधन में भी सहायक हो सकता है।

अजवाइन कब नहीं खानी चाहिए?

गर्भवती महिलाओं को अत्यधिक मात्रा में, पेट में सक्रिय अल्सर से पीड़ित लोगों को, और गंभीर एसिडिटी या पित्त दोष (pitta imbalance) वाले लोगों को अजवाइन के अधिक सेवन से बचना चाहिए।

अजवाइन 1 दिन में कितना खाना चाहिए?

अजवाइन का सेवन दिन में 1 से 2 ग्राम (लगभग 1/2 से 1 चम्मच) तक सुरक्षित माना जाता है। चिकित्सा सलाह के बिना इस मात्रा से अधिक सेवन न करें।

पेट साफ करने के लिए अजवाइन कैसे खाएं?

पेट साफ करने के लिए अजवाइन को रातभर 1 गिलास पानी में भिगोकर सुबह खाली पेट छानकर उसका पानी पिएं। इसे हल्के गुनगुने पानी के साथ चबाकर खाने से भी फायदा होता है।

क्या हम रात में अजवाइन खा सकते हैं?

हां, रात में अजवाइन खाना पाचन में सहायता के लिए फायदेमंद हो सकता है। यह रात के खाने के बाद गैस और अपच की समस्या से राहत देता है। इसे खाने के बाद गुनगुने पानी के साथ लिया जा सकता है।

अजवाइन का साइड इफेक्ट क्या है?

अजवाइन के अधिक सेवन से पेट में गंभीर जलन (एसिडिटी), मतली (nausea), और डायरिया जैसी समस्याएं हो सकती हैं। गर्भवती महिलाओं में यह गर्भाशय में संकुचन ला सकता है।

अजवाइन की तासीर गर्म होती है क्या?

हां, अजवाइन की तासीर गर्म (उष्ण) होती है। यह सर्दी-जुकाम और ठंड के इलाज में असरदार है, लेकिन गर्मी की समस्या (जैसे नाक से खून आना) वाले लोगों को इसका सेवन सीमित मात्रा में करना चाहिए।

अजवाइन पुरुषों के लिए अच्छा क्यों है?

अजवाइन पुरुषों की पाचन क्रिया को सुधारने, जोड़ों के दर्द से राहत देने और पाचन में सुधार करके शरीर में समग्र ऊर्जा बनाए रखने में मदद करती है।

References

[1] यूनाइटेड स्टेट्स डिपार्टमेंट ऑफ़ एग्रीकल्चर (USDA). (2020). मसाले, कैरावे, बीज। FoodData Central. https://www.nutridatabaze.cz/en/food/?id=259

[2] मोहम्मद, एम., जावद, एन., और नरगिस, एस. (2014). ट्रेकिस्पर्मम एम्मी (L.) स्प्रैग के औषधीय गुणों पर एक समीक्षा। जर्नल ऑफ़ ट्रेडिशनल एंड कॉम्प्लिमेंट्री मेडिसिन, 4(3), 187-195. doi:10.4103/2225-4110.139695 https://www.researchgate.net/publication/394603400_Trachyspermum_ammi_L_Sprague_A_Comprehensive_Review_of_Its_Phytochemistry_and_Bioactivity

[3] अहमद, आई., और बेग, ए. जेड. (2021). अजवाइन (कैरम कॉप्टिकम L.) एक पारंपरिक हर्बल दवा के रूप में जिसमें एंटीमाइक्रोबियल और एंटी-इंफ्लेमेटरी क्षमता है: एक व्यापक समीक्षा। नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन (NCBI). https://pmc.ncbi.nlm.nih.gov/articles/PMC8642800

[4] खान, एम. ए., और हुसैन, एस. जेड. (2020). ट्रेकिस्पर्मम एम्मी (अजवाइन) के पारंपरिक औषधीय उपयोगों और फाइटोकेमिकल प्रोफ़ाइल की व्यापक समीक्षा। सेमांटिक स्कॉलर। https://pdfs.semanticscholar.org/7163/b11574fc64509801aaf26b217162e4d7d582.pdf

[5] दादपे, एम. वी., धोरे, एस. वी., दहाके, पी. टी., काले, वाई. जे., केंद्रे, एस. बी., और सिद्दीकी, ए. जी. (2018). ओरल बैक्टीरिया के खिलाफ ट्रेकिस्पर्मम एम्मी (अजवाइन) तेल और क्लोरहेक्सिडिन की एंटीमाइक्रोबियल प्रभावकारिता का मूल्यांकन: एक इन विट्रो अध्ययन। जर्नल ऑफ़ इंडियन सोसाइटी ऑफ़ पेडोडोंटिक्स एंड प्रिवेंटिव डेंटिस्ट्री, 36(4), 357–363. doi:10.4103/JISPPD.JISPPD_65_18 https://www.researchgate.net/figure/Efficacy-of-Trachyspermum-ammi-oil-and-chlorhexidine_tbl1_328314217

[6] मिश्रा, के., और शाही, एस. (2023). ट्रेकिस्पर्मम एम्मी (अजवाइन) और क्यूमिनम साइमिनम (जीरा) के औषधीय उपयोग: एक समीक्षा। जर्नल ऑफ़ एडवांस्ड जूलॉजी, 44(S-3), 1341–1346. doi:10.17762/jaz.v44iS-3.1644 https://www.researchgate.net/publication/375509761_Medicinal_Uses_of_Trachyspermum_Ammi_L_and_Cuminum_Cyminum_A_Review

[7] कामयाब, आर., नामदार, एच., तोरबती, एम., घोजाज़ादेह, एम., अराज़-खोदाई, एम., और फ़ज़लजू, एस. एम. बी. (2021). उच्च रक्तचाप के उपचार में औषधीय पौधों की भूमिका: एक समीक्षा। एडवांस्ड फार्मास्युटिकल बुलेटिन, 11(4), 601–617. doi:10.34172/apb.2021.090 https://pmc.ncbi.nlm.nih.gov/articles/PMC8642800

[8] जलबानी, जी. ए., हाकरो, एस., मुराद, एस., नियाज़, के., कुदूस, ए., मोइन-उद-दीन, एच., और फातिमा, ए. (2016). प्राथमिक हाइपरलिपिडेमिया के लिए अलसी और अजवाइन का उपयोग। जर्नल ऑफ़ ड्रग डिलीवरी एंड थेराप्यूटिक्स, 6(2), 37–39. doi:10.22270/jddt.v6i2.1192 https://jddtonline.info/index.php/jddt/article/view/1203

[9] बसुआनी, एम. एफ. एल., हुसैन, ए. टी., एल-हैस, ए. एम., एलहेतावी, ए. आई. जी., सुलेमान, ए. ए., घबौर, एस. ए., … शाहाता, ए. आई. (2025). ग्रे मलेट मछली (लिज़ा रामाडा) के विकास, एंटीऑक्सीडेंट क्षमता, इम्यून रिस्पॉन्स और आंतों की हिस्टोमॉर्फोमेट्री पर अजवाइन (ट्रैकिस्पर्मम एम्मी एल.) को आहार में शामिल करने के प्रभाव। एक्वाकल्चर, 595(भाग 2), 741706. doi:10.1016/j.aquaculture.2024.741706 https://www.researchgate.net/publication/384612247_Impacts_of_dietary_Ajwain_Trachyspermum_ammi_L_on_growth_Antioxidative_capacity_immune_responses_and_intestinal_histology_of_grey_mullet_Liza_ramada

[10] अल-घामदी, एस. ए. (2021). उच्च-स्तरीय क्षेत्रों में पाचन तंत्र में बैक्टीरिया की मात्रा पर इन-विवो प्रयोग द्वारा अजवाइन (ट्रैकिस्पर्मम एम्मी) के बीजों के माध्यम से स्वस्थ सऊदी आदतों को मजबूत करना। बायोमेडिकल रिसर्च एंड क्लिनिकल रिव्यूज़, 4(2), 1–4. doi:10.31579/2692-9406/069 https://www.auctoresonline.org/article/strengthening-healthy-saudi-habits-using-ajwain-trachyspermum-ammi-seeds-by-in-vivo-experiment-on-digestive-system-bacterial-quantity-at-high-level-region

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