Home/Blog/Well-Being/Health & Nutrition In Hindi/डिहाइड्रेशन: कारण, लक्षण और उपचार (Dehydration: Causes, Symptoms, and Treatment in Hindi)

डिहाइड्रेशन: कारण, लक्षण और उपचार (Dehydration: Causes, Symptoms, and Treatment in Hindi)

Last updated on : 12 Jul, 2025

Read time : 14 min

डिहाइड्रेशन, यानी शरीर में पानी की कमी, तब होती है जब शरीर जितना पानी खोता है, उतनी मात्रा में उसे पुनः प्राप्त नहीं कर पाता। यह स्थिति आमतौर पर तब सामने आती है जब शरीर से अधिक मात्रा में तरल पदार्थ बाहर निकल जाता है और उसकी पूर्ति नहीं हो पाती। इसके मुख्य कारणों में ज़्यादा पसीना आना, दस्त या उल्टी होना, अधिक बार पेशाब आना या दिन भर पर्याप्त मात्रा में पानी न पीना शामिल हैं। जब शरीर में पानी का संतुलन बिगड़ जाता है, तो कई प्रकार की समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं, जिन्हें समय रहते पहचानना और ठीक करना ज़रूरी होता है, वरना यह स्थिति गंभीर रूप ले सकती है।

डिहाइड्रेशन (निर्जलीकरण) क्या है? (What is Dehydration in Hindi)

डिहाइड्रेशन तब होता है जब शरीर से अत्यधिक मात्रा में पानी बाहर निकल जाता है और समय पर उसकी भरपाई नहीं हो पाती। हमारा शरीर लगभग 60% पानी से बना होता है, और यही पानी शरीर की तमाम जैविक गतिविधियों को सुचारु रूप से चलाने में मदद करता है। कोशिकाओं, ऊतकों और अंगों के सुचारु कार्य के लिए पर्याप्त जल आवश्यक है। लेकिन जब शरीर में पानी की मात्रा कम हो जाती है, तो इससे कई शारीरिक प्रक्रियाएं प्रभावित होती हैं, जो कि स्वास्थ्य के लिए खतरनाक साबित हो सकती हैं।

डिहाइड्रेशन (निर्जलीकरण) के लक्षण क्या हैं? (Dehydration Symptoms in Hindi)

जब शरीर में पानी की मात्रा जरूरत से कम हो जाती है, तो शरीर अलग-अलग संकेतों के माध्यम से इसकी जानकारी देता है। डिहाइड्रेशन के कुछ सामान्य और शुरुआती लक्षण निम्नलिखित हो सकते हैं:

  • लगातार प्यास लगना: यह निर्जलीकरण का पहला संकेत होता है, जिससे शरीर जल की आवश्यकता दर्शाता है।
  • मुंह और गला सूख जाना: पानी की कमी से लार का उत्पादन घटता है, जिससे मुंह और गला सूखा महसूस होता है।
  • गहरे रंग का पेशाब और कम मात्रा: अगर पेशाब पीले या गाढ़े रंग का हो और कम मात्रा में हो, तो यह शरीर में पानी की कमी को दर्शा सकता है।
  • त्वचा का शुष्क होना: हाइड्रेशन की कमी से त्वचा में नमी नहीं रहती, जिससे वह रूखी और खुरदुरी हो जाती है।
  • थकावट या ऊर्जा की कमी: शरीर में तरल की कमी से थकान जल्दी महसूस होती है और काम करने की क्षमता घटती है।
  • सिरदर्द और चक्कर आना: मस्तिष्क को पर्याप्त तरल न मिलने पर सिरदर्द या हल्के चक्कर आ सकते हैं।
  • सांसों से दुर्गंध आना: लार की मात्रा कम होने से बैक्टीरिया बढ़ते हैं, जिससे मुंह से बदबू आ सकती है।
  • ब्लड प्रेशर का गिरना: शरीर में तरल की कमी रक्तचाप को कम कर सकती है, जिससे चक्कर या बेहोशी जैसे लक्षण दिखाई दे सकते हैं।

डिहाइड्रेशन के प्रकार (Type of  Dehydration in Hindi)

निर्जलीकरण की गंभीरता के आधार पर इसे तीन प्रमुख स्तरों में विभाजित किया जा सकता है:

  • माइल्ड डिहाइड्रेशन (हल्का निर्जलीकरण)

इस स्थिति में शरीर में लगभग 2% तक पानी की कमी हो जाती है। इसके लक्षण आमतौर पर शुरुआती होते हैं, जैसे:

  • बार-बार प्यास लगना
  • हल्का सिर भारी महसूस होना
  • मुंह और होंठों का सूख जाना

इस स्तर पर समस्या को हल करने के लिए पर्याप्त मात्रा में साधारण पानी पीना ही काफी होता है।

  • मॉडरेट डिहाइड्रेशन (मध्यम स्तर का निर्जलीकरण)

इस अवस्था में शरीर से 3% से 5% तक तरल की कमी हो सकती है। इसके लक्षण थोड़े गंभीर होते हैं, जैसे:

  • सिरदर्द या ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई
  • पेशाब की मात्रा में कमी
  • थकावट और कमजोरी

इस स्थिति में केवल पानी पीना पर्याप्त नहीं होता; शरीर को इलेक्ट्रोलाइट्स और ORS (ओरल रिहाइड्रेशन सॉल्यूशन) की भी आवश्यकता होती है।

  • सीवियर डिहाइड्रेशन (गंभीर निर्जलीकरण)

यह सबसे खतरनाक स्थिति होती है, जिसमें 6% या उससे अधिक पानी की कमी शरीर में हो जाती है। इसमें निम्नलिखित लक्षण देखे जा सकते हैं:

  • चक्कर आना या बेहोशी
  • त्वचा की लोच कम हो जाना
  • धड़कन तेज हो जाना
  • अंगों का सामान्य कार्य बाधित होना

यह एक आपातकालीन स्थिति होती है। इसमें व्यक्ति को तुरंत चिकित्सीय देखभाल की आवश्यकता होती है।

डिहाइड्रेशन से कौन-कौन सी समस्याएं हो सकती हैं?

शरीर में पानी की कमी लंबे समय तक बनी रहे तो यह कई गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं को जन्म दे सकती है। निम्नलिखित कुछ प्रमुख समस्याएं हैं जो डिहाइड्रेशन के कारण हो सकती हैं:

  • गुर्दों की कार्यप्रणाली पर असर

निर्जलीकरण से किडनी पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है, जिससे गुर्दों की कार्यक्षमता प्रभावित हो सकती है। लंबे समय तक डिहाइड्रेशन रहने पर किडनी स्टोन या एक्यूट किडनी फेलियर जैसी गंभीर स्थितियाँ भी हो सकती हैं।

  • ब्लड प्रेशर में गिरावट

जब शरीर में पानी की मात्रा घट जाती है तो रक्तचाप कम हो सकता है। इससे व्यक्ति को:

  • सिरदर्द
  • चक्कर आना
  • अचानक बेहोशी आने की समस्या हो सकती है।
  • दिल की धड़कन में गड़बड़ी

डिहाइड्रेशन से हृदय की धड़कन तेज़ या अनियमित हो सकती है। यह हृदय को अधिक मेहनत करने पर मजबूर करता है जिससे थकान और घबराहट महसूस हो सकती है।

  • मस्तिष्क की कार्यप्रणाली पर प्रभाव

शरीर में तरल की कमी से मस्तिष्क तक ऑक्सीजन और पोषक तत्वों की आपूर्ति कम हो जाती है, जिससे:

  • मानसिक थकावट
  • ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई
  • याददाश्त में कमी जैसे लक्षण देखने को मिलते हैं।
  • त्वचा और बालों से जुड़ी समस्याएं

पानी की कमी से त्वचा की नमी घटती है, जिससे:

  • रूखी, बेजान त्वचा
  • डार्क सर्कल्स
  • बालों का झड़ना और कमज़ोरी जैसी समस्याएं हो सकती हैं।

डिहाइड्रेशन के उपचार (Dehydration Treatment in Hindi)

1. पर्याप्त मात्रा में पानी पीना

यदि डिहाइड्रेशन की स्थिति हल्की है, तो सामान्य पानी पीना ही सबसे पहला और प्रभावी उपाय है। दिनभर में थोड़े-थोड़े अंतराल पर पानी पीते रहें ताकि शरीर की तरल आवश्यकताओं को पूरा किया जा सके।

2. ORS या इलेक्ट्रोलाइट्स का सेवन

मॉडरेट डिहाइड्रेशन की स्थिति में शरीर से सिर्फ पानी ही नहीं, इलेक्ट्रोलाइट्स (जैसे सोडियम, पोटैशियम) भी बाहर निकल जाते हैं। इसकी पूर्ति के लिए:

  • ORS घोल (Oral Rehydration Solution)
  • नारियल पानी
  • नींबू पानी (थोड़े नमक और चीनी के साथ)
  • इलेक्ट्रोलाइट पाउडर युक्त पेय

इन सब का सेवन करना फायदेमंद होता है।

3. IV फ्लूइड्स (अंतःशिरा तरल)

यदि डिहाइड्रेशन गंभीर है — जैसे कि व्यक्ति बेहोश हो रहा हो, अत्यधिक कमजोरी हो, या उल्टी-दस्त से शरीर बहुत अधिक निर्जल हो गया हो — तो अस्पताल में भर्ती करवा कर IV ड्रिप (सलाइन) के माध्यम से शरीर में तरल और इलेक्ट्रोलाइट्स की आपूर्ति की जाती है।
यह उपचार तेज़ी से शरीर को हाइड्रेट करता है और गंभीर जटिलताओं को रोकता है।

महत्वपूर्ण सुझाव

  • डिहाइड्रेशन से पीड़ित व्यक्ति को आराम दें और सीधे धूप में जाने से बचाएँ।
  • बच्चों और बुज़ुर्गों में डिहाइड्रेशन तेजी से गंभीर रूप ले सकता है, इसलिए विशेष ध्यान रखें।
  • बार-बार उल्टी, दस्त या पेशाब की स्थिति में डॉक्टर से तुरंत संपर्क करें।

डिहाइड्रेशन के घरेलू उपचार  (Home Remedies for Dehydration in Hindi)

जब शरीर में पानी की कमी हो जाती है, तो बिना दवा के भी कुछ घरेलू उपाय अपनाकर डिहाइड्रेशन से राहत पाई जा सकती है। ये उपाय न केवल शरीर को हाइड्रेट रखते हैं, बल्कि ऊर्जा भी प्रदान करते हैं:

1. नींबू पानी (Lemon Water)

नींबू पानी एक बेहतरीन प्राकृतिक हाइड्रेटर है। इसमें मौजूद विटामिन C, नमक और शक्कर शरीर को आवश्यक इलेक्ट्रोलाइट्स प्रदान करते हैं और थकावट दूर करते हैं।

कैसे लें:  एक गिलास पानी में आधा नींबू, एक चुटकी नमक और एक चम्मच चीनी मिलाकर दिन में 1-2 बार पिएं।

2. नारियल पानी (Coconut Water)

नारियल पानी में प्राकृतिक इलेक्ट्रोलाइट्स जैसे पोटैशियम, मैग्नीशियम और सोडियम पाए जाते हैं जो शरीर को तुरंत हाइड्रेट करते हैं।

3. मट्ठा / छाछ (Buttermilk)

मट्ठा में प्रोबायोटिक्स और नमक होता है जो न केवल हाइड्रेशन में मदद करता है बल्कि पाचन को भी सुधारता है।

कैसे लें:  दोपहर के भोजन के साथ एक गिलास छाछ लेना फायदेमंद रहता है।

4. पानी से भरपूर फल (Hydrating Fruits)

कुछ फल जैसे:

  • तरबूज
  • खीरा
  • संतरा
  • अनानास
    इनमें 90% से अधिक पानी होता है और ये शरीर को ठंडक और ताजगी प्रदान करते हैं।

फायदा:  ये फल शरीर को विटामिन, मिनरल्स और फ्लूड तीनों प्रदान करते हैं।

5. घर का बना ORS (Homemade ORS)

यदि आपको बाजार का ORS उपलब्ध नहीं है, तो आप घर पर ही एक प्रभावी घोल बना सकते हैं।

कैसे बनाएं:

  • 1 लीटर उबले और ठंडे पानी में
  • 1 चम्मच नमक
  • 6 चम्मच चीनी मिलाएं
    इस घोल को दिन में कई बार थोड़ा-थोड़ा पिएं।

सावधानी:

  • अगर डिहाइड्रेशन के लक्षण गंभीर हैं (जैसे चक्कर, बेहोशी, तेज़ बुखार), तो केवल घरेलू उपचार पर निर्भर न रहें — डॉक्टर से तुरंत संपर्क करें।
  • बच्चों और बुज़ुर्गों में यह समस्या तेजी से बिगड़ सकती है, इसलिए समय रहते उपचार करें।

डिहाइड्रेशन से शरीर पर पड़ने वाले प्रभाव (Side Effect of  Dehydration in Hindi)

डिहाइड्रेशन यानी शरीर में पानी की कमी का प्रभाव केवल प्यास या थकान तक सीमित नहीं रहता। यह स्थिति अगर समय पर सुधारी न जाए, तो शरीर के कई अंगों और कार्यप्रणालियों पर गंभीर दुष्प्रभाव डाल सकती है। नीचे इसके प्रमुख दुष्प्रभाव (side effects) बताए गए हैं:

1. त्वचा का लचीलापन कम होना (Loss of Skin Elasticity)

शरीर में पानी की कमी से त्वचा रूखी, बेजान और खिंची हुई लगने लगती है। स्किन की नमी और लचीलापन बनाए रखने के लिए पानी बेहद जरूरी है।

2. मानसिक कार्यों में कमी (Cognitive Impairment)

डिहाइड्रेशन का सीधा असर मस्तिष्क के कार्यों पर पड़ता है। इससे व्यक्ति को ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई होती है, भ्रम, चिड़चिड़ापन और धीमी सोच देखने को मिल सकती है।

3. मांसपेशियों में ऐंठन (Muscle Cramps)

पानी की कमी से शरीर के इलेक्ट्रोलाइट्स जैसे पोटैशियम और सोडियम का संतुलन बिगड़ता है, जिससे मांसपेशियों में खिंचाव या ऐंठन (cramps) हो सकती है।

4. ऊर्जा की कमी (Fatigue and Low Energy)

डिहाइड्रेशन से शरीर में ऊर्जा का स्तर गिर जाता है, जिससे व्यक्ति दिनभर थकान, आलस्य और कमजोरी महसूस करता है।

अन्य संभावित प्रभाव

  • सिरदर्द और चक्कर आना
  • दिल की धड़कन तेज होना
  • पेशाब में कमी और उसका गाढ़ा रंग
  • कब्ज की समस्या

नोट: यदि डिहाइड्रेशन लंबे समय तक बना रहे तो यह गंभीर चिकित्सा स्थिति जैसे किडनी फेल्योर या हीट स्ट्रोक में बदल सकता है। इसलिए इसके शुरुआती लक्षणों को नजरअंदाज न करें और समय पर उपचार करें।

कब चिकित्सकीय सहायता लेनी चाहिए?

डिहाइड्रेशन की शुरुआती अवस्था में घरेलू उपाय काफी हद तक फायदेमंद हो सकते हैं, लेकिन यदि लक्षण गंभीर हो जाएं या स्थिति बिगड़ने लगे, तो तुरंत चिकित्सकीय सहायता लेना जरूरी है। निम्नलिखित स्थितियों में डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए:

1. लगातार उल्टी या दस्त होना

यदि उल्टी या दस्त 3-4 बार से अधिक हो रहा है और रुक नहीं रहा, तो शरीर से पानी और इलेक्ट्रोलाइट्स तेजी से निकल जाते हैं। यह तेजी से डिहाइड्रेशन का कारण बनता है और उपचार के बिना स्थिति गंभीर हो सकती है।

2. अत्यधिक प्यास के बावजूद राहत न मिलना

अगर आप बार-बार पानी पी रहे हैं लेकिन फिर भी मुंह सूखा लग रहा है, पेशाब नहीं हो रहा या थकान बनी हुई है, तो यह संकेत है कि शरीर को सामान्य पानी से अधिक गहराई से उपचार की जरूरत है।

3. चक्कर आना या बेहोशी महसूस होना

डिहाइड्रेशन के कारण ब्लड प्रेशर गिर सकता है, जिससे चक्कर आना, अस्थिरता या बेहोशी जैसी स्थिति उत्पन्न हो सकती है। यह आपातकालीन स्थिति हो सकती है।

4. पेशाब की मात्रा में अत्यधिक कमी

अगर कई घंटों से पेशाब नहीं आया हो, या उसका रंग बहुत गहरा हो, तो यह शरीर में गंभीर जल की कमी का संकेत हो सकता है। ऐसे में डॉक्टर की सलाह लेना जरूरी है।

नोट: बुज़ुर्ग, छोटे बच्चे, गर्भवती महिलाएं, और पहले से किसी क्रॉनिक बीमारी (जैसे डायबिटीज़, किडनी रोग) से पीड़ित लोग डिहाइड्रेशन के प्रति अधिक संवेदनशील होते हैं। इन वर्गों में हल्के लक्षण भी गंभीर रूप ले सकते हैं।

निष्कर्ष (Conclusion)

डिहाइड्रेशन एक सामान्य लेकिन गंभीर स्वास्थ्य समस्या बन सकती है यदि समय पर इसका पता न लगाया जाए और सही उपचार न किया जाए। शरीर का 60% से अधिक हिस्सा पानी से बना होता है, इसलिए हाइड्रेशन बनाए रखना संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है।

रोजाना पर्याप्त मात्रा में पानी पीना, विशेषकर गर्मी, व्यायाम, या बीमारी के दौरान, डिहाइड्रेशन को रोकने में मदद करता है। साथ ही, इलेक्ट्रोलाइट्स की पूर्ति, हल्के लक्षणों पर ध्यान देना और समय रहते उपचार लेना, शरीर को स्वस्थ बनाए रखने के प्रमुख उपाय हैं।

इसलिए, अपने शरीर के संकेतों को नज़रअंदाज़ न करें। स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं, भरपूर पानी पिएं और खुद को हाइड्रेट रखें — यही डिहाइड्रेशन से बचाव का सबसे आसान और प्रभावशाली तरीका है।

Expert Quote

“डिहाइड्रेशन को गंभीरता से समझना जरूरी है क्योंकि यह शरीर की महत्वपूर्ण क्रियाओं को प्रभावित कर सकता है। प्रतिदिन पर्याप्त मात्रा में पानी पीना और इलेक्ट्रोलाइट्स की कमी को पूरा करना न केवल शारीरिक स्वास्थ्य को बनाए रखता है, बल्कि मानसिक फोकस और ऊर्जा के स्तर को भी बढ़ाता है। खासकर गर्मियों में शरीर को हाइड्रेट रखना बेहद आवश्यक होता है ताकि हम स्वस्थ और सक्रिय बने रह सकें।”

Dr. Sachin Singh

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQ’s)

क्या डिहाइड्रेशन को रोका जा सकता है?

हां, पर्याप्त मात्रा में पानी पीकर और शरीर को हाइड्रेट रखकर डिहाइड्रेशन से बचा जा सकता है।

डिहाइड्रेशन में किसकी कमी हो जाती है?

डिहाइड्रेशन में शरीर से पानी और इलेक्ट्रोलाइट्स (सोडियम, पोटैशियम) की कमी हो जाती है।

डिहाइड्रेशन चेक करने के लिए कौन सा टेस्ट किया जाता है?

डिहाइड्रेशन की जांच के लिए ब्लड टेस्ट और यूरिन टेस्ट किए जाते हैं जो शरीर में पानी और मिनरल्स के स्तर को मापते हैं।

शरीर सूखने का कारण क्या हो सकता है?

शरीर सूखने का मुख्य कारण पर्याप्त पानी न पीना, गर्मी में अधिक समय बिताना और उल्टी या दस्त जैसी बीमारियों के कारण पानी की कमी हो सकती है।

डिहाइड्रेशन में क्या खाना चाहिए?

डिहाइड्रेशन में नारियल पानी, फलों का रस और हल्का और तरल भोजन लेना चाहिए जो शरीर को हाइड्रेट रखे और मिनरल्स की पूर्ति करे।

पानी की कमी से पेट में क्या होता है?

पानी की कमी से कब्ज, पेट फूलना और पाचन संबंधी समस्याएँ हो सकती हैं।

पानी की पूर्ति के लिए क्या खाएं?

तरबूज, खीरा और संतरे जैसे फलों का सेवन करना चाहिए जिनमें पानी की मात्रा अधिक होती है।

आपको कैसे पता चलेगा कि आप हाइड्रेटेड हैं?

अगर आपका पेशाब हल्के पीले रंग का हो और आप ताजगी महसूस करें तो इसका मतलब है कि आपका शरीर हाइड्रेटेड है।

क्या डिहाइड्रेशन में केला खा सकते हैं?

हां, केला पोटैशियम से भरपूर होता है जो डिहाइड्रेशन के समय शरीर के इलेक्ट्रोलाइट्स को संतुलित करने में मदद करता है।

हाइड्रेशन के लिए सबसे अच्छा पेय कौन सा है?

नारियल पानी और इलेक्ट्रोलाइट्स युक्त पेय हाइड्रेशन के लिए सबसे अच्छे माने जाते हैं क्योंकि वे तुरंत शरीर को तरल पदार्थ और मिनरल्स प्रदान करते हैं।

References

Select Category
Was this article useful?
41 people find this information helpful

Meet our Health Experts

View All
Dr. Nikhil Ambatkar
Dr. Nikhil Ambatkar

Ph.D, M.Tech, B.Tech

7 years
Dr. Sachin Singh
Dr. Sachin Singh

MBBS

6 years
Dr. Mandeep Chadha
Dr. Mandeep Chadha

MBBS, DNB (OBGY)

11 years
Amatul Ameen
Amatul Ameen

B. Pharm, MSc.

13 years
Amit Sharma
Amit Sharma

B. Pharm

4 years
Rohini Mankar
Rohini Mankar

Bsc. Zoology, Masters of Public Health

12 years
Dr. Divya Mandial
Dr. Divya Mandial

PhD in Chemistry

9 years
Dr. Sonia Gupta
Dr. Sonia Gupta

BDS

7 years
Saloni Bhardwaj Sharma
Saloni Bhardwaj Sharma

B.Pharm, M.Pharm

4 years
Dr. Chhavi Rosha
Dr. Chhavi Rosha

BAMS, FMC, MD Resident

9 years
Dr. Lakshmi Vaswani
Dr. Lakshmi Vaswani

MBBS, Diploma Pathology, MBA (Healthcare Services)

14 years

Follow us on

Disclaimer

Our healthcare experts have carefully reviewed and compiled the information presented here to ensure accuracy and trustworthiness. It is important to note that this information serves as a general overview of the topic and is for informational purposes only. It is not intended to diagnose, prevent, or cure any health problem. This page does not establish a doctor-patient relationship, nor does it replace the advice or consultation of a registered medical practitioner. We recommend seeking guidance from your registered medical practitioner for any questions or concerns regarding your medical condition.

Subscribe

Claim your complimentary health and fitness tips subscription and stay updated on our newest promotions.

Registered Office Address

Intellihealth Solutions Private Limited
Unit-301 & 304, Lightbridge Tunga Village, Saki Vihar Rd, Chandivali, Powai, Mumbai, Maharashtra, India, 400072.
CIN: U62099MH2019PTC320566
Telephone:09240250346

Grievance Officer

Name: Chandrasekhar Swaminathan

Download Truemeds

Manage your health with ease Download Truemeds today!Get easy access to medicine refills, health information, and more. With our app, you'll never have to wait in line again. Download now and start taking control of your health.
Playstore
Apple App  Store

Contact Us

Our customer representative team is available 7 days a week from 9 am - 9 pm.


v4.2.1

copyright

2025 - Truemeds | All rights reserved. Our content is for informational purposes only. See additional information.

Trust Certified

Our Payment Partners

paymentPartnerpaymentPartnerpaymentPartnerpaymentPartnerpaymentPartner
paymentPartnerpaymentPartnerpaymentPartnerpaymentPartner