Last updated on : 12 Jul, 2025
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डिहाइड्रेशन, यानी शरीर में पानी की कमी, तब होती है जब शरीर जितना पानी खोता है, उतनी मात्रा में उसे पुनः प्राप्त नहीं कर पाता। यह स्थिति आमतौर पर तब सामने आती है जब शरीर से अधिक मात्रा में तरल पदार्थ बाहर निकल जाता है और उसकी पूर्ति नहीं हो पाती। इसके मुख्य कारणों में ज़्यादा पसीना आना, दस्त या उल्टी होना, अधिक बार पेशाब आना या दिन भर पर्याप्त मात्रा में पानी न पीना शामिल हैं। जब शरीर में पानी का संतुलन बिगड़ जाता है, तो कई प्रकार की समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं, जिन्हें समय रहते पहचानना और ठीक करना ज़रूरी होता है, वरना यह स्थिति गंभीर रूप ले सकती है।
डिहाइड्रेशन तब होता है जब शरीर से अत्यधिक मात्रा में पानी बाहर निकल जाता है और समय पर उसकी भरपाई नहीं हो पाती। हमारा शरीर लगभग 60% पानी से बना होता है, और यही पानी शरीर की तमाम जैविक गतिविधियों को सुचारु रूप से चलाने में मदद करता है। कोशिकाओं, ऊतकों और अंगों के सुचारु कार्य के लिए पर्याप्त जल आवश्यक है। लेकिन जब शरीर में पानी की मात्रा कम हो जाती है, तो इससे कई शारीरिक प्रक्रियाएं प्रभावित होती हैं, जो कि स्वास्थ्य के लिए खतरनाक साबित हो सकती हैं।
जब शरीर में पानी की मात्रा जरूरत से कम हो जाती है, तो शरीर अलग-अलग संकेतों के माध्यम से इसकी जानकारी देता है। डिहाइड्रेशन के कुछ सामान्य और शुरुआती लक्षण निम्नलिखित हो सकते हैं:
निर्जलीकरण की गंभीरता के आधार पर इसे तीन प्रमुख स्तरों में विभाजित किया जा सकता है:
इस स्थिति में शरीर में लगभग 2% तक पानी की कमी हो जाती है। इसके लक्षण आमतौर पर शुरुआती होते हैं, जैसे:
इस स्तर पर समस्या को हल करने के लिए पर्याप्त मात्रा में साधारण पानी पीना ही काफी होता है।
इस अवस्था में शरीर से 3% से 5% तक तरल की कमी हो सकती है। इसके लक्षण थोड़े गंभीर होते हैं, जैसे:
इस स्थिति में केवल पानी पीना पर्याप्त नहीं होता; शरीर को इलेक्ट्रोलाइट्स और ORS (ओरल रिहाइड्रेशन सॉल्यूशन) की भी आवश्यकता होती है।
यह सबसे खतरनाक स्थिति होती है, जिसमें 6% या उससे अधिक पानी की कमी शरीर में हो जाती है। इसमें निम्नलिखित लक्षण देखे जा सकते हैं:
यह एक आपातकालीन स्थिति होती है। इसमें व्यक्ति को तुरंत चिकित्सीय देखभाल की आवश्यकता होती है।
शरीर में पानी की कमी लंबे समय तक बनी रहे तो यह कई गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं को जन्म दे सकती है। निम्नलिखित कुछ प्रमुख समस्याएं हैं जो डिहाइड्रेशन के कारण हो सकती हैं:
निर्जलीकरण से किडनी पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है, जिससे गुर्दों की कार्यक्षमता प्रभावित हो सकती है। लंबे समय तक डिहाइड्रेशन रहने पर किडनी स्टोन या एक्यूट किडनी फेलियर जैसी गंभीर स्थितियाँ भी हो सकती हैं।
जब शरीर में पानी की मात्रा घट जाती है तो रक्तचाप कम हो सकता है। इससे व्यक्ति को:
डिहाइड्रेशन से हृदय की धड़कन तेज़ या अनियमित हो सकती है। यह हृदय को अधिक मेहनत करने पर मजबूर करता है जिससे थकान और घबराहट महसूस हो सकती है।
शरीर में तरल की कमी से मस्तिष्क तक ऑक्सीजन और पोषक तत्वों की आपूर्ति कम हो जाती है, जिससे:
पानी की कमी से त्वचा की नमी घटती है, जिससे:
यदि डिहाइड्रेशन की स्थिति हल्की है, तो सामान्य पानी पीना ही सबसे पहला और प्रभावी उपाय है। दिनभर में थोड़े-थोड़े अंतराल पर पानी पीते रहें ताकि शरीर की तरल आवश्यकताओं को पूरा किया जा सके।
मॉडरेट डिहाइड्रेशन की स्थिति में शरीर से सिर्फ पानी ही नहीं, इलेक्ट्रोलाइट्स (जैसे सोडियम, पोटैशियम) भी बाहर निकल जाते हैं। इसकी पूर्ति के लिए:
इन सब का सेवन करना फायदेमंद होता है।
यदि डिहाइड्रेशन गंभीर है — जैसे कि व्यक्ति बेहोश हो रहा हो, अत्यधिक कमजोरी हो, या उल्टी-दस्त से शरीर बहुत अधिक निर्जल हो गया हो — तो अस्पताल में भर्ती करवा कर IV ड्रिप (सलाइन) के माध्यम से शरीर में तरल और इलेक्ट्रोलाइट्स की आपूर्ति की जाती है।
यह उपचार तेज़ी से शरीर को हाइड्रेट करता है और गंभीर जटिलताओं को रोकता है।
जब शरीर में पानी की कमी हो जाती है, तो बिना दवा के भी कुछ घरेलू उपाय अपनाकर डिहाइड्रेशन से राहत पाई जा सकती है। ये उपाय न केवल शरीर को हाइड्रेट रखते हैं, बल्कि ऊर्जा भी प्रदान करते हैं:
नींबू पानी एक बेहतरीन प्राकृतिक हाइड्रेटर है। इसमें मौजूद विटामिन C, नमक और शक्कर शरीर को आवश्यक इलेक्ट्रोलाइट्स प्रदान करते हैं और थकावट दूर करते हैं।
कैसे लें: एक गिलास पानी में आधा नींबू, एक चुटकी नमक और एक चम्मच चीनी मिलाकर दिन में 1-2 बार पिएं।
नारियल पानी में प्राकृतिक इलेक्ट्रोलाइट्स जैसे पोटैशियम, मैग्नीशियम और सोडियम पाए जाते हैं जो शरीर को तुरंत हाइड्रेट करते हैं।
मट्ठा में प्रोबायोटिक्स और नमक होता है जो न केवल हाइड्रेशन में मदद करता है बल्कि पाचन को भी सुधारता है।
कैसे लें: दोपहर के भोजन के साथ एक गिलास छाछ लेना फायदेमंद रहता है।
कुछ फल जैसे:
फायदा: ये फल शरीर को विटामिन, मिनरल्स और फ्लूड तीनों प्रदान करते हैं।
यदि आपको बाजार का ORS उपलब्ध नहीं है, तो आप घर पर ही एक प्रभावी घोल बना सकते हैं।
कैसे बनाएं:
डिहाइड्रेशन यानी शरीर में पानी की कमी का प्रभाव केवल प्यास या थकान तक सीमित नहीं रहता। यह स्थिति अगर समय पर सुधारी न जाए, तो शरीर के कई अंगों और कार्यप्रणालियों पर गंभीर दुष्प्रभाव डाल सकती है। नीचे इसके प्रमुख दुष्प्रभाव (side effects) बताए गए हैं:
शरीर में पानी की कमी से त्वचा रूखी, बेजान और खिंची हुई लगने लगती है। स्किन की नमी और लचीलापन बनाए रखने के लिए पानी बेहद जरूरी है।
डिहाइड्रेशन का सीधा असर मस्तिष्क के कार्यों पर पड़ता है। इससे व्यक्ति को ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई होती है, भ्रम, चिड़चिड़ापन और धीमी सोच देखने को मिल सकती है।
पानी की कमी से शरीर के इलेक्ट्रोलाइट्स जैसे पोटैशियम और सोडियम का संतुलन बिगड़ता है, जिससे मांसपेशियों में खिंचाव या ऐंठन (cramps) हो सकती है।
डिहाइड्रेशन से शरीर में ऊर्जा का स्तर गिर जाता है, जिससे व्यक्ति दिनभर थकान, आलस्य और कमजोरी महसूस करता है।
नोट: यदि डिहाइड्रेशन लंबे समय तक बना रहे तो यह गंभीर चिकित्सा स्थिति जैसे किडनी फेल्योर या हीट स्ट्रोक में बदल सकता है। इसलिए इसके शुरुआती लक्षणों को नजरअंदाज न करें और समय पर उपचार करें।
डिहाइड्रेशन की शुरुआती अवस्था में घरेलू उपाय काफी हद तक फायदेमंद हो सकते हैं, लेकिन यदि लक्षण गंभीर हो जाएं या स्थिति बिगड़ने लगे, तो तुरंत चिकित्सकीय सहायता लेना जरूरी है। निम्नलिखित स्थितियों में डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए:
यदि उल्टी या दस्त 3-4 बार से अधिक हो रहा है और रुक नहीं रहा, तो शरीर से पानी और इलेक्ट्रोलाइट्स तेजी से निकल जाते हैं। यह तेजी से डिहाइड्रेशन का कारण बनता है और उपचार के बिना स्थिति गंभीर हो सकती है।
अगर आप बार-बार पानी पी रहे हैं लेकिन फिर भी मुंह सूखा लग रहा है, पेशाब नहीं हो रहा या थकान बनी हुई है, तो यह संकेत है कि शरीर को सामान्य पानी से अधिक गहराई से उपचार की जरूरत है।
डिहाइड्रेशन के कारण ब्लड प्रेशर गिर सकता है, जिससे चक्कर आना, अस्थिरता या बेहोशी जैसी स्थिति उत्पन्न हो सकती है। यह आपातकालीन स्थिति हो सकती है।
अगर कई घंटों से पेशाब नहीं आया हो, या उसका रंग बहुत गहरा हो, तो यह शरीर में गंभीर जल की कमी का संकेत हो सकता है। ऐसे में डॉक्टर की सलाह लेना जरूरी है।
नोट: बुज़ुर्ग, छोटे बच्चे, गर्भवती महिलाएं, और पहले से किसी क्रॉनिक बीमारी (जैसे डायबिटीज़, किडनी रोग) से पीड़ित लोग डिहाइड्रेशन के प्रति अधिक संवेदनशील होते हैं। इन वर्गों में हल्के लक्षण भी गंभीर रूप ले सकते हैं।
डिहाइड्रेशन एक सामान्य लेकिन गंभीर स्वास्थ्य समस्या बन सकती है यदि समय पर इसका पता न लगाया जाए और सही उपचार न किया जाए। शरीर का 60% से अधिक हिस्सा पानी से बना होता है, इसलिए हाइड्रेशन बनाए रखना संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है।
रोजाना पर्याप्त मात्रा में पानी पीना, विशेषकर गर्मी, व्यायाम, या बीमारी के दौरान, डिहाइड्रेशन को रोकने में मदद करता है। साथ ही, इलेक्ट्रोलाइट्स की पूर्ति, हल्के लक्षणों पर ध्यान देना और समय रहते उपचार लेना, शरीर को स्वस्थ बनाए रखने के प्रमुख उपाय हैं।
इसलिए, अपने शरीर के संकेतों को नज़रअंदाज़ न करें। स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं, भरपूर पानी पिएं और खुद को हाइड्रेट रखें — यही डिहाइड्रेशन से बचाव का सबसे आसान और प्रभावशाली तरीका है।
“डिहाइड्रेशन को गंभीरता से समझना जरूरी है क्योंकि यह शरीर की महत्वपूर्ण क्रियाओं को प्रभावित कर सकता है। प्रतिदिन पर्याप्त मात्रा में पानी पीना और इलेक्ट्रोलाइट्स की कमी को पूरा करना न केवल शारीरिक स्वास्थ्य को बनाए रखता है, बल्कि मानसिक फोकस और ऊर्जा के स्तर को भी बढ़ाता है। खासकर गर्मियों में शरीर को हाइड्रेट रखना बेहद आवश्यक होता है ताकि हम स्वस्थ और सक्रिय बने रह सकें।”
Dr. Sachin Singh
हां, पर्याप्त मात्रा में पानी पीकर और शरीर को हाइड्रेट रखकर डिहाइड्रेशन से बचा जा सकता है।
डिहाइड्रेशन में शरीर से पानी और इलेक्ट्रोलाइट्स (सोडियम, पोटैशियम) की कमी हो जाती है।
डिहाइड्रेशन की जांच के लिए ब्लड टेस्ट और यूरिन टेस्ट किए जाते हैं जो शरीर में पानी और मिनरल्स के स्तर को मापते हैं।
शरीर सूखने का मुख्य कारण पर्याप्त पानी न पीना, गर्मी में अधिक समय बिताना और उल्टी या दस्त जैसी बीमारियों के कारण पानी की कमी हो सकती है।
डिहाइड्रेशन में नारियल पानी, फलों का रस और हल्का और तरल भोजन लेना चाहिए जो शरीर को हाइड्रेट रखे और मिनरल्स की पूर्ति करे।
पानी की कमी से कब्ज, पेट फूलना और पाचन संबंधी समस्याएँ हो सकती हैं।
तरबूज, खीरा और संतरे जैसे फलों का सेवन करना चाहिए जिनमें पानी की मात्रा अधिक होती है।
अगर आपका पेशाब हल्के पीले रंग का हो और आप ताजगी महसूस करें तो इसका मतलब है कि आपका शरीर हाइड्रेटेड है।
हां, केला पोटैशियम से भरपूर होता है जो डिहाइड्रेशन के समय शरीर के इलेक्ट्रोलाइट्स को संतुलित करने में मदद करता है।
नारियल पानी और इलेक्ट्रोलाइट्स युक्त पेय हाइड्रेशन के लिए सबसे अच्छे माने जाते हैं क्योंकि वे तुरंत शरीर को तरल पदार्थ और मिनरल्स प्रदान करते हैं।
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